उत्तर प्रदेश

बच्चों के साथ अचानक स्वराज भवन पहुंचीं प्रियंका गांधी, गार्ड ने गेट के बाहर रोका

प्रयागराज: आम चुनाव 2019 के लिए तूफानी दौरा कर रही कांग्रेस महासचिव व पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी सोमवार की शाम अचानक बेटे रेहान के साथ स्वराज भवन पहुंचीं। हालांकि प्रियंका का काफिला ऐसे समय पहुंचा, जब साप्ताहिक अवकाश के चलते स्वराज भवन और आनंद भवन में छुट्टी थी। जिस वजह से प्रियंका गांधी को गेट पर ही रूकना पड़ा। वहीं अवकाश के चलते अधिकारी-कर्मचारी भी छुट्टी पर थे। बता दें कि एसपीजी जवानों के दखल के बाद गार्ड ने गेट खोला और प्रियंका अंदर दाखिल हो सकी।

आनंद भवन और स्वराज भवन में परिवार के इतिहास से बेटे को परिचित कराया

प्रियंका गांधी ने आनंद भवन और स्वराज भवन में परिवार के इतिहास से बेटे को परिचित कराया। उन्होंने अपनी दादी इंदिरा गांधी और नाना जवाहर लाल नेहरू के कमरे, मीटिंग रूम व सैकडों ऐतिहासिक तस्वीरें दिखाई। साथ अपने बचपन की कई यादें भी बेटे के साथ साझा कर उसे आनंद भवन व स्वराज भवन दिखाया। प्रियंका ने बेटे को बताया कि एक समय यहीं से आजादी के पहले स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन का ताना बाना बुना जाता था और देश की आजादी के बाद यहीं से पूरा देश नेहरू जी ने चलाया था। इतिहास को समेटे आनंद भवन और स्वराज भवन को देखकर प्रियंका का बेटा रेहान भी हतप्रभ नजर आया और लगभग आधे घंटे से अधिक समय तक वह दोनों स्थानों की नायाब धरोहरों को देखते रहा। फिलहाल प्रियंका के प्रयागराज आने की किसी को कानों-कान खबर तक नहीं हुई और जब हुई तो वह दल्ली के लिये रवाना हो चुकी थी।

मच गया हडकंप

अचानक से प्रियंका गांधी के आनंद भवन पहुंचने से प्रशासनिक महकमे समेत आनंद भवन और स्वराज भवन की सिक्योरिटी व प्रबंधन में भी हडकंप मच गया। चूंकि रविवार को यह दोनों स्थान आम जनता के लिये बंद रहते हैं और यह साप्ताहिक अवकाश का दिन होता है। ऐसे में स्वराज भवन और आनंद भवन में सन्नाटा पसरा था और यहां काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी भी छुट्टी पर थे। अचानक से प्रियंका के आने की खबर जैसे ही मोबाइल पर प्रसारित हुई हड़कंप मच गया। आनन-फानन में अधिकारी कर्मचारियों ने आनंद भवन की ओर दौड़ लगा दी। गौरतलब है कि चित्रकूट के मानिकपुर में पार्टी प्रत्याशी बाल कुमार पटेल के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद प्रियंका बम्हरौली एयरपोर्ट पहुंचीं थी और फिर बेटे की आनंद भवन देखने की जिद के बाद वह बम्हरौली से सड़क मार्ग द्वारा शाम 4:40 बजे सात वाहनों के काफिले के साथ स्वराज भवन पहुंचीं।

गार्ड को समझाकर एसपीजी ने खुलवाया गेट

प्रियंका गांधी के आगमन बिना किसी सूचना के था और किसी को उम्मीद नहीं थी कि सामने गाडी के काफिले में प्रियंका गांधी मौजूद हैं। जब स्वराज भवन के गेट पर गाडियों की लाइन लगी तो गार्ड ने माहौल भांपा कर सुरक्षा कारणों से गेट नहीं खोला। हालांकि जब गार्ड ने गाडी में प्रियंका गांधी को बैठे देखा तो वह चौंक गया, लेकिन उसे यकींन नहीं हुआ कि वह प्रियंका गांधी ही हैं और उसने गेट नहीं खोला। कुछ देर तो गार्ड भी सकते रहा और फिर जब एसपीजी के जवानों ने मोर्चा संभाला तो गार्ड ने गेट खोला, जिसके बाद प्रियंका का काफिला अंदर प्रवेश कर सका। भवन के इंचार्ज धर्मेंद्र तिवारी ने बताया कि उन्हे प्रियंका के आने की कोई पूर्व सूचना नहीं थी और सुरक्षा कारणों के चलते अवकाश के दिन गेट बंद रहता है और खोला नहीं जाता। इस कारण प्रियंका को गेट के बाहर रूकना पडा। source: oneindia.com

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