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पूर्वोत्तर क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था में उल्लेखनीय विकास: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री

केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने आज पूर्वोत्तर राज्यों के विद्युत मंत्रियों और संबंधित अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में नवीनीकृत वितरण क्षेत्र योजना पर चर्चा की गई।

श्री सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि विद्युत विकास की कुंजी है और कोई भी देश तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक उसके पास निर्बाध विद्युत आपूर्ति व्यवस्था न हो। उन्होंने आगे कहा कि जब उद्योगों की स्थापना की बात आती है तब विद्युत वह सबसे महत्वपूर्ण तत्व होता है जो किसी राष्ट्र की प्रगति का मुख्य कारक है। उन्होंने कहा कि विद्युत क्षेत्र ने पिछले कुछ वर्षों में उत्पादन, पारेषण और वितरण के क्षेत्रों में जबरदस्त वृद्धि देखी है और इसका उद्देश्य देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हर घर को चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति देना और भारत बिजली उत्पादन में को विश्व में अग्रणी बनाना है।

श्री सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर सहित देश में बिजली की उपलब्धता ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 21 घंटे प्रतिदिन और शहरी क्षेत्रों में 23 घंटे हो गई है ।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में बिजली व्यवस्था का उल्लेख करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि पिछले तीन-चार वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र में बिजली व्यवस्था का जबरदस्त विकास हुआ है और इस क्षेत्र के लगभग सभी राज्यों ने अपनी बिजली व्यवस्था को सुधारने में सफलता  प्राप्त  की है। उन्होंने कहा कि आज पूर्वोत्तर में बिजली व्यवस्था 4 साल पहले की तुलना में एकदम भिन्न है।

नवीनीकरण वितरण योजना के बारे में चर्चा  करते हुए श्री सिंह ने कहा कि इस योजना से घाटे को कम करने में मदद मिलेगीI उन्होंने रेखांकित किया कि बिजली की बढ़ती मांग ने वितरण बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण को आवश्यक बना दिया है। मंत्री महोदय ने आगे कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन  में प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग के माध्यम से उपभोक्ताओं का सशक्तिकरण होगा। मंत्री ने कहा कि यह योजना प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और व्यवस्थागत मापन (सिस्टम मीटरिंग) तथा वितरण आधारभूत अवसंरचना के उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती हैI

प्रणाली के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री सिंह ने विस्तार से बताया कि घाटे को कम करने के लिए राज्यों को बिल तैयार करने की दक्षता में सुधार,सरकारी विभागों द्वारा बिजली की खपत के लिए समय पर भुगतान सुनिश्चित करने आदि पर ध्यान देने की आवश्यकता है। मंत्री महोदय ने कहा कि देश के नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए योजना और कार्यान्वयन में ईमानदारी बरते जाने के साथ इस योजना का उपयोग करके एक परिचालनात्मक  रूप में कुशल और वित्तीय रूप से टिकाऊ बिजली वितरण क्षेत्र को विकसित किया जा सकता है।

इस बैठक में असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा सरमा, राज्य के ऊर्जा मंत्री श्री बिमल बोरा और विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव भी उपस्थित थे।

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक पांच वर्षों की अवधि में 3,03,758 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक सुधार-आधारित और परिणाम-से जुडी योजना को मंजूरी दी है जिसका उद्देश्य वित्तीय रूप से टिकाऊ और परिचालनात्मक रूप से कुशल वितरण क्षेत्र के माध्यम से उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और सामर्थ्य में सुधार लाना है।

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