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ये हैं राफेल स्क्वाड्रन की पहली महिला फाइटर पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी, विंग कमांडर अभिनंदन के साथ भी भर चुकी हैं उड़ान

यूं तो पूरा देश तीनों सेनाओं का तहे दिल से आभार मानता रहा है और उनकी देशभक्ति और सेवा के लिए हमेशा से नतमस्तक रहता है। लेकिन विंग कमांडर अभिनंदन के शौर्य और वीरता को देखने के बाद तो पूरी दुनिया ही हमारे वीर सैनिकों के मजबूत इरादों का लोहा मानने लगी है। ऐसे में वाराणसी के एक साधारण परिवार की बेटी शिवांगी सिंह की यह कहानी हर​ किसी को रोमांचित कर देती है।

फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी मिग-21 बिसॉन उड़ा रही हैं

देश के सबसे ताकतवर फाइटर विमान राफेल के स्क्वाड्रन गोल्डन एरो में इकलौती और पहली महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट श‍िवांगी सिंह को देश पर नाज है। साल 2017 में कमीशन मिलने के बाद से फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी मिग-21 बिसॉन उड़ा रही हैं। वह राजस्थान के सीमावर्ती इलाके अम्बाला में तैनात रहीं, जहां वह भारत के सबसे प्रसिद्ध फाइटर पायलटों में से एक विंग कमांडर अभिनंदन के साथ उड़ान भर चुकी हैं।

महिला लड़ाकू पायलटों के दूसरे बैच का हिस्सा हैं

शिवांगी वाराणसी की रहने वाली हैं। वह भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाले महिला लड़ाकू पायलटों के दूसरे बैच का हिस्सा हैं। उन्हें साल 2017 में भारतीय वायुसेना में कमीशन किया गया था। अभी शिवांगी की ट्रेनिंग चल रही है और वो जल्द ही अंबाला में तैनात राफेल विमानों वाली स्क्वॉड्रन ‘गोल्डन एरो’ में शामिल होंगी।

शिवांगी ने वाराणसी के स्कूल से पढ़ाई करने के बाद, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में एडमिशन लिया, जहां वह नेशनल कैडेट कोर में 7 यूपी एयर स्क्वाड्रन का हिस्सा थीं। फिर 2016 में उन्होंने ट्रेनिंग के लिए भारतीय वायु सेना अकादमी में दाखिला लिया था।

अत्याधुनिक राफेल विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला

बचपन से पढ़ाई से लेकर खेलकूद में माहिर श‍िवांगी को उसके परिवार ने हमेशा आगे बढ़ाया। फाइटर पायलट बनने वाली श‍िवांगी के परिवार में उनकी मां सीमा सिंह और भाई मयंक अपनी बहन की इस उपलब्ध‍ि से काफी खुश हैं।

बता दें, फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी भारतीय वायुसेना के सबसे पुराने जेट विमान MiG-21, बाइसन और सुखोई एमकेआई से लेकर अत्याधुनिक राफेल विमान को उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं। टूर एंड ट्रैवल का काम करने वाले उनके पिता कुमारेश्वर सिंह को अपनी बेटी पर नाज है।

फाइटर जेट के स्क्वाड्रन में हुईं शामिल

वाराणसी के फुलवरिया इलाके के एक आम परिवार में जन्मी फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह तीन साल पहले उस वक्त सुर्खियों में आईं जब उनके सिर पहली महिला फाइटर पायलट बनने का ताज सजा था। अब वह राफेल भी उड़ाने के लिए तैयार हैं।

भारतीय वायुसेना में पिछले दिनों शामिल हुए राफेल लड़ाकू विमान का एक सीधा नाता वाराणसी से भी जुड़ गया है, जिसकी वजह बनी हैं फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह। फाइटर प्लेन राफेल उड़ाने के तमाम इम्तिहान में पास होने के बाद काशी की शिवांगी राफेल के स्क्वाड्रन में शामिल हो गई हैं और वह राफेल उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनने जा रही हैं।

पहली महिला फाइटर पायलट बनने के बाद उनके परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं

शिवांगी सिंह के पहली महिला फाइटर पायलट बनने के बाद उनके परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं है। वाराणसी के फुलवरिया इलाके के एक आम परिवार में जन्मी फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह तीन साल पहले उस वक्त सुर्खियों में आईं जब उनके सिर पहली महिला फाइटर पायलट बनने का ताज सजा।

अब उनके नाम एक और कीर्तिमान होने जा रहा है। इस बार वह राफेल फाइटर प्लेन को उड़ाने वाली स्क्वाड्रन में शामिल होने जा रही हैं, जिससे उनके परिजनों और पूरे इलाके में खुशी का माहौल है।

‘अब देश को दुश्मनों से भी बचाएगी’

इस बारे में शिवांगी की मां सीमा सिंह बताती हैं कि उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है क्योंकि उनकी बेटी देश के लिए लड़ाई लड़ेगी और देश की हिफाजत करेगी। इससे पहले भी 2017 में हैदराबाद गई थी जब शिवांगी को एयरफोर्स ने कमीशंड किया था। उस वक्त भी बहुत खुशी हुई थी। वे बताती हैं कि शिवांगी ने स्कूल, कॉलेज से लेकर एनसीसी और एयरफोर्स तक में अपना नाम रोशन किया है और अब देश को दुश्मनों से भी बचाएगी।

शिवांगी सिंह के छोटे भाई मयंक ने बताया कि उनको अपने दीदी से प्रेरणा मिली है कि वे भी आर्मी में जाएं। वे बताते हैं कि मैं भी एनडीए ज्वाइन करना चाहता हूं। जहां तक शिवांगी दीदी की बात है तो वे पढ़ाई में हमेशा से ही टॉपर रही हैं और देश के प्रति भी हमेशा से समर्पित रही हैं।

नाना आर्मी में कर्नल थे

मयंक ने बताया कि उनके नाना जो आर्मी में कर्नल थे, जब एक बार एयरफोर्स बेस के पास शिवांगी को ले गए थे तो तभी दीदी ने यूनिफॉर्म में पायलट को देखा था, तभी से उन्होंने एयरफोर्स ज्वाइन करने की ठान ली थी।

शिवांगी के पिता सुशील सिंह ने बताया कि उनको बहुत खुशी और गर्व हो रहा है। उन्होंने बताया कि सब कुछ शिवांगी पर छोड़ दिया गया था। हम सिर्फ उसका उत्साह बढ़ाते थे। ये भी गर्व की बात है कि लोगों के कुनबे की पहचान उनके बेटों से होती है, लेकिन उन्हें अपनी बेटी से हो रही है।

‘शिवांगी दीदी बनी प्रेरणा’

शिवांगी के पड़ोसी और परिजन जो उनको बचपन से देखते चले आ रहे हैं, उनमें से एक सुधीर सिंह कहना है कि शिवांगी शुरू से ही अलग रही हैं और हमेशा से ही अपने लक्ष्य को केंद्रित करना जानती हैं। उनका सिर्फ अपनी पढ़ाई और खेल-कूद पर ही ज्यादा फोकस हुआ करता था।

तो वहीं शिवांगी की रिश्ते में बुआ, लेकिन उम्र में छोटी जान्हवी शिवांगी को दीदी ही कहती हैं। उन्होंने बताया कि शिवांगी दीदी ने साबित कर दिया है कि लड़कियां किसी से कम नहीं हैं। इससे अन्य लड़कियों के लिए भी शिवांगी दीदी एक प्रेरणा की तरह बन गई हैं। साक्षी समाचार

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