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श्री पीयूष गोयल ने दिल्‍ली के प्रगति मैदान में निर्माण कार्यकलापों की प्रगति की समीक्षा की, जिसे एक विश्‍व स्‍तरीय आईईसीसी के रूप में पुनर्विकसित किया जा रहा है

केन्‍द्रीय रेल तथा वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज दिल्ली के प्रगति मैदान में निर्माण कार्यकलापों की प्रगति की समीक्षा की, जिसे एक विश्व स्तरीय समेकित प्रदर्शनी-सह-सम्‍मेलन केन्‍द्र (आईईसीसी) के रूप में पुनर्विकसित किया जा रहा है। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री एच एस पुरी, प्रधानमंत्री के प्रमुख सलाहकार श्री पी के सिन्‍हा, वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय, आईटीपीओ, एनबीसीसी तथा कार्यकलाप से जुड़े अन्‍य एजेंसियों के अधिकारियों ने वर्चुअल बैठक में भाग लिया।

कार्यकलाप गतिविधियों की स्थिति पर प्रस्‍तुतियों एवं वीडियो देखने के बाद श्री गोयल ने प्रगति को लेकर संतोष व्‍यक्‍त किया क्‍योंकि सभी प्रमुख कार्यकलाप नियंत्रण के अधीन हैं। पहले जिन निर्माण कार्यकलापों को लॉक डाउन तथा उसके बाद श्रमिकों के प्रवासन के कारण नुकसान सहना पड़ा था, उनमें जून में गति आई तथा अब भी यह बरकरार है। वर्तमान में साइट पर विभिन्‍न कार्यकलापों में लगभग 4800 श्रमिक कार्यरत है। अधिकांश भवनों के मार्च 2021 तक पूरे हो जाने की संभावना है। भवनों को सौंपे जाने का कार्य जल्‍द ही चरणबद्ध तरीके से आरंभ हो जाने की संभावना है तथा संपूर्ण परियोजना के अक्‍तूबर 2021 तक हस्‍तांतरित कर दिए जाने की संभावना है। क्षेत्र में ट्रैफिक की सुगम आवाजाही के लिए साइट में छह अंडरपास तथा एक मुख्‍य सुरंग होगी। एसी सिस्‍टम कोविड-19 अनुकूल होगी, बिजली की पर्याप्‍त उपलब्‍धता होगी और भवन लीकप्रूफ होंगे तथा जलनिकासी प्रणाली सुनिश्चित करेगी कि किसी भी परिस्थिति में कोई जलजमाव न हो। आत्‍मनिर्भर अभियान के हिस्‍से के रूप में, परियोजना में आयातित वस्‍तुओं में लगातार कमी की जा रही है तथा वर्तमान में परियोजना लागत की यह केवल 9.55 प्रतिशत है।

वैश्विक सम्‍मेलनों तथा प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए एक आधुनिक, अद्यतन केन्‍द्र के रूप में प्रगति मैदान के पुनर्विकास में सात हजार लोगों के बैठने की क्षमता के साथ एक आधुनिक सम्‍मेलन केन्‍द्र का सृजन शामिल होगा। भारत द्वारा 2022 में जी-20 शिखर सम्‍मेलन की मेजबानी किए जाने की उम्‍मीद है और आई ई सी सी इसके लिए मुख्‍य स्‍थान होगा।

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