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शीघ्र ही अधिक से अधिक सेक्टरों को पीएलआई स्कीम के तहत कवर किया जाएगा: श्री गोयल

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत को एक समृद्ध तथा विकसित देश बनने का लक्ष्य अर्जित  करने के लिए प्रभावी तरीके से वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। वह आज नई दिल्ली में सीआईआई वैश्विक आर्थिक नीति शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आगे बढ़ने के रास्तों और अमृत काल में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन को साकार करने के लिए उठाये जा रहे कदमों की चर्चा करते हुए श्री गोयल ने कहा कि महामारी ने हमें आपूर्ति श्रृंखलाओं पर, विशेष रूप से ऐसे भौगोलिक क्षेत्रों जो मित्रवत या पारदर्शी नहीं हैं, पर हमारी निर्भरता के बारे में हमें सावधान कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसने हमारी व्यापारिक प्रणाली में, हमारे विनिर्माण तथा भारत में विद्यमान प्रौद्योगिकीय अंतरालों में कई जोखिम कारकों पर हमारी आंखें खेल दीं। श्री गोयल ने कहा कि इस अंतर्दृष्टि ने हमें आत्मनिर्भर भारत के मार्ग पर अग्रसर होने में सहायता की है और अगर हम तेजी से विकसित होना चाहते हैं तो हमें वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ और अधिक जुड़ना होगा। उन्होंने कहा कि हम अपने दरवाजों को बंद करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं बल्कि हम वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए अपने द्वार को और विस्तृत करने पर विचार कर रहे हैं और यह एकमात्र रास्ता है जिससे देश नवोन्मेषण करेगा और आगे बढ़ेगा। श्री गोयल ने ऑटोमोबाइल सेक्टर का उदाहरण दिया जिसे घरेलू उद्योग को संरक्षणवाद की लंबी अवधि के कारण ठहराव का सामना करना पड़ा।

श्री गोयल ने कहा कि जब हम अगले 25 वर्षों के लिए हमारी यात्रा की योजना बना रहे हैं तो हम समावेशी विकास, लोकतांत्रिक वृद्धि की ओर देख रहे हैं जिससे कि कोई भी व्यक्ति या परिवार पीछे न रह जाए। उन्होंने कहा कि हमारे लिए सतत विकास के लक्ष्यों को 2030 तक अर्जित करने का लक्ष्य नहीं है बल्कि हम इन लक्ष्यों को और तेजी से उपलब्ध कराना चाहते हैं।

श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी मानते हैं कि लोगों को समृद्ध बनाने, सुशासन प्रदान करने, टिकाऊ तथा आधुनिक अवसंरचना सुनिश्चित करने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये सुप्त युवाओं की प्रतिभा का उपयोग करने पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में हमारा कार्य घरेलू शक्ति का निर्माण करने में सहायता करना रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हम अपनी अर्थव्यवस्था को पहले बिना यह सुनिश्चित किए कि इसमें वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना करने की क्षमता है, नहीं खोल सकते।

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन स्कीम का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि इसकी रूपरेखा उद्योग की सहायता करने के लिए बनाई गई है जहां इसकी आवश्यकता आरंभिक वर्षों में है। उन्होंने बताया कि सरकार इस स्कीम के माध्यम से प्रारंभिक सहायता करने में भूमिका निभाती है। श्री गोयल ने कहा कि पीएलआई किकस्टार्ट देती है लेकिन उद्योग को अपनी शक्ति के बल पर आगे बढ़ना होता है। उन्होंने जानकारी दी कि इस स्कीम से जुड़े सभी निर्णय एक समिति द्वारा लिए जाते हैं जिनमें खुद उद्योग के सभी हितधारक शामिल होते हैं। उन्होंने बताया कि वे पीएलआई स्कीम के लिए और अधिक विचारों पर काम कर रहे हैं जिनमें से कुछ प्रगति पर है। श्री गोयल ने कहा कि इस स्कीम को देश भर में अच्छी स्वीकृति तथा समर्थन प्राप्त हुआ है, और इससे अच्छे निवेश आ रहे हैं।

श्री गोयल ने कहा कि सरकार कपड़ा और कपास सेक्टर का कायाकल्प करने का प्रयास कर रही है और इस उद्योग को खेत से लकर फाइबर, फैब्रिक्स से लेकर फैशन और विदेशों तक पुनर्जीवित करने – जैसाकि प्रधानमंत्री ने कहा है – के लिए सरकार सक्रियतापूर्वक काम कर रही है। इसी प्रकार, राष्ट्रीय टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन नवोन्मेषण तथा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए काम रही है।  उन्होंने उपस्थित जनसमूह को जानकारी दी कि हमारे पास 200 से अधिक ऐसी परियोजनाएं हैं जिनमें शिक्षा क्षेत्र, उद्योग और सरकार कदम से कदम मिला कर काम कर रही है। श्री गोयल ने कहा ‘‘ मैं आपको इस क्षेत्र में और अधिक विचारों के साथ आगे आने के लिए आमंत्रित करता हूं और हम इस क्षेत्र में सभी प्रकार के अनुसंधान की सहायता कर प्रसन्न हैं। ‘‘

डद्योग को सभी प्रकार की सहायता का आश्वासन देते हुए श्री गोयल ने कहा कि एफटीए बातचीतों में इस सरकार ने जितने हितधारक परामर्श किए हैं, उनसे उसे सही निर्णय लेने में सहायता मिली है। श्री गोयल ने कहा, ‘‘ इससे हमें आरसीईपी से बाहर निकलने में मदद मिली। ‘‘ उन्होंने कहा कि उस बातचीत से बाहर निकलना राष्ट्रीय हित में था। उन्होंने बताया कि 29 दिसंबर से भारत-ऑस्ट्रेलिया प्रभावी होगा। श्री गोयल ने कहा कि भारत- यूएई तथा ऑस्ट्रेलिया एफटीए पर एक भी नकारात्मक टिप्पणी नहीं आई है क्योंकि इसके लिए हितधारकों के साथ व्यापक विचार विमर्श किए गए थे।

सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बताते हुए, श्री गोयल ने कहा कि हमने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय कदम उठाये हैं और उसी के अनुसार अपने निर्यात शुल्क तथा आयात नीतियों को समायोजित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक मदों के निर्यात को रोक दिया है। उन्होंने कहा कि मैं मुद्रास्फीति की नवीनतम संख्याओं में परिणाम देख सकता हूं और मुझे भरोसा है कि हम शीघ्र ही आरामदायक स्थिति में आ जाएंगे।

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