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श्रीनगर स्थित क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा: सर्बानंद सोनोवाल

केन्द्रीय आयुष तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज श्रीनगर में “अच्छे स्वास्थ्य और सेहत के लिए यूनानी चिकित्सा में आहार और पोषण” विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने घोषणा की कि यूनानी चिकित्सा के क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान को एक उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इस सम्मेलन में आयुष और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मुंजपरा महेन्द्रभाई भी शामिल हुए।

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री सोनोवाल ने कहा कि एक स्वस्थ जीवन और बीमारी की रोकथाम के साथ-साथ उसके उपचार में संतुलित और पौष्टिक आहार की महत्वपूर्ण भूमिका है। यूनानी चिकित्सक औषधियों के जरिए उपचार करने से पहले आहार में उपयुक्त संशोधन के माध्यम से  उपचार करने की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में, आयुष मंत्रालय यूनानी चिकित्सा के क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान को इलाज बिल-तबीर (रेजिमेंटल थेरेपी) में एक आयुष उत्कृष्टता केंद्र के रूप में उन्नत करना चाहता है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और आयुष मंत्रालय ने यूनानी चिकित्सा के प्रशिक्षण से संबंधित मानदंड प्रकाशित किए हैं और यह दस्तावेज अच्छी गुणवत्ता वाली यूनानी चिकित्सा सेवाओं के प्रशिक्षण संबंधी जरूरतों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालेगा।

उद्घाटन सत्र में सम्मेलन की स्मारिका और सीसीआरयूएम द्वारा प्रकाशित आठ पुस्तकों का विमोचन, हैदराबाद स्थित सीसीआरएएस के तहत कार्यरत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मेडिकल हेरिटेज द्वारा विकसित दो यूनानी ई-पुस्तकों का विमोचन, योग प्रशिक्षकों को सम्मानित करने के लिए वाईसीबी प्रमाण-पत्रों का वितरण, योग से संबंधित समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान एवं योग का प्रदर्शन, सीसीआरयूएम के विभिन्न ऐप्प का विमोचन और आरआरआईयूएम, श्रीनगर को एनएबीएच मान्यता प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। एकल यूनानी दवाओं, यूनानी उपचार संबंधी दिशा-निर्देशों और अपने स्वभाव को जानें संबंधी अनुप्रयोग से जुड़े मोबाइल ऐप्प का शुभारंभ करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने इसके सभी हितधारकों की सराहना की क्योंकि यह यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में आयुष मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत सीसीआरयूएम द्वारा अपनी तरह की पहली पहल थी।

डॉ. मुंजपरा महेन्द्रभाई ने अपने संबोधन में कहा कि यूनानी चिकित्सा अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने और बीमारियों की रोकथाम के लिए भोजन संबंधी स्वस्थ आदतों के बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश प्रदान करती है। उन्होंने दवाओं और औषधीय खाद्य पदार्थों के माध्यम से रोग–प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आयुष प्रणाली की भूमिका की सराहना की। उन्होंने यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास कार्यों में सीसीआरयूएम के योगदानों की भी सराहना की।

सीसीआरयूएम द्वारा जारी की गई पुस्तकों के शीर्षक हैं – ‘ओरिएंटेशन गाइडलाइन्स फॉर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स (अंडर यूनानी स्ट्रीम)’, ‘एंटीआर्थराइटिक प्लांट्स इन यूनानी मेडिसिन’, ‘हेपेटोप्रोटेक्टिव प्लांट्स इन यूनानी मेडिसिन’, ‘ग्लिम्प्सेस ऑफ एक्टिविटीज एंड अचीवमेंट्स ऑफ सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन यूनानी मेडिसिन’, ‘एडवांस्ड एनालिटिकल मेथड्स फॉर क्वालिटी कंट्रोल ऑफ यूनानी ड्रग्स – अरकियात (डिस्टिलेट्स)’, ‘रियाद अल-अद्विया (उर्दू अनुवाद)’ ‘अद्विया कबीदिया: कदीम-ओ-जदीद तहकीकत की रौशनी में’, ‘नेशनल फॉर्म्यूलरी ऑफ यूनानी मेडिसिन, वॉल्यूम IV, दूसरा संस्करण’।

श्री प्रमोद कुमार पाठक, विशेष सचिव, आयुष मंत्रालय, श्री विवेक भारद्वाज, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, जम्मू-कश्मीर, वैद्य जयंत देवपुजारी, चेयरमैन, नेशनल कमीशन फॉर इंडिया सिस्टम ऑफ मेडिसिन, प्रोफेसर तलत अहमद, कुलपति, कश्मीर विश्वविद्यालय, प्रोफेसर अकबर मसूद, कुलपति, बाबा गुलाम शाह बादशाह विश्वविद्यालय, प्रोफेसर असीम अली खान, महानिदेशक, केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम) और डॉ. एम.ए. कासमी, सलाहकार (यूनानी), आयुष मंत्रालय ने भी हाइब्रिड मोड में यूनानी दिवस 2022 समारोह के हिस्से के रूप में सीसीआरयूएम, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 10-11 मार्च, 2022 को आयोजित इस सम्मेलन में भाग लिया।

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