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थावरचंद गहलोत ने अनुसूचित जाति के लिए वेंचर कैपिटल फंड के तहत अंबेडकर सोशल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन मिशन (एएसआईआईएम) को वर्चुअल माध्यम से लॉन्च किया

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत अनुसूचित जाति (एससी) के छात्रों के बीच नवाचार और उद्यम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एससी के लिए वेंचर कैपिटल फंड के तहत अंबेडकर सोशल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन मिशन(एएसआईआईएम) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सचिव श्री सुब्रह्मण्यम;  विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा; सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय संयुक्त सचिव, श्री आर.पी. मीणा; आईएफसीआई लिमिटेड के डिप्टी एमडी श्री सुनील कुमार बंसल और आईएफसीआई वेंचर कैपिटल फंड्स लिमिटेड के एमडी श्री शिवेंद्र तोमर भी मौजूद थे।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री गहलोत ने कहा कि सामाजिक न्याय मंत्रालय ने अनुसूचित जाति/दिव्यांग युवाओं में उद्यमिता विकसित करने और उन्हें ‘नौकरी देने वाले’ बनने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से 2014-15 में एससी के लिए वेंचर कैपिटल फंड (वीसीएफ-एससी) की शुरुआत की गई थी। इस फंड का उद्देश्य अनुसूचित जाति के उद्यमियों की संस्थाओं को रियायती वित्त प्रदान करना है। इस फंड के तहत एससी उद्यमियों द्वारा प्रोन्नत 117 कंपनियों को बिजनेस वेंचर स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता मंजूर की गई है। “अंबेडकर सोशल इनोवेशन इनक्यूबेशन मिशन” (एएसआईआईएम) पहल के तहत, विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रौद्योगिकी व्यापार इनक्यूबेटर (टीबीआई) के माध्यम से अगले 4 वर्षों में स्टार्ट-अप विचारों के साथ 1,000 अनुसूचित जाति युवाओं की पहचान की जाएगी। उन्हें इक्विटी फंडिंग के तौर पर 3 साल में 30 लाख रुपये का फंड दिया जाएगा ताकि वे अपने स्टार्ट-अप के विचार को वाणिज्यिक उद्यम में परिवर्तित कर सकें। सफल उपक्रम अनुसूचित जाति के लिए वेंचर कैपिटल फंड से 5 करोड़ रुपये तक की वेंचर फंडिंग के लिए अर्हता प्राप्त करेंगे।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने अनुसूचित जातियों के लिए वेंचर कैपिटल फंड (वीसीएफएससी) के माध्यम से एएसआईआईएम शुरू करने का फैसला किया है। इसके उद्देश्यों में दिव्यांगों को विशेष वरीयता के साथ अनुसूचित जाति के युवाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देना; विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्थापित प्रौद्योगिकी व्यापार इनक्यूबेटर (टीबीआई) के साथ तालमेल के माध्यम से 2024 तक 1000 अभिनव विचारों का समर्थन करना; समर्थन करने के लिए, बढ़ावा देने, स्टार्ट-अप विचारों को एक मजबूत सहारा देना जब तक वे उदार इक्विटी समर्थन प्रदान करके वाणिज्यिक स्तर तक पहुंचे; और अभिनव विचारों वाले छात्रों को विश्वास के साथ उद्यमवृति चुनने के लिए प्रोत्साहित करना इसमें शामिल है।

मंत्री महोदय ने कहा कि वीसीएफ-एससी के तहत इस पहल से अनुसूचित जाति के युवाओं में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और उन्हें नौकरी चाहने वालों से नौकरी देने वालों में तब्दील होने में मदद मिलेगी; और आगे प्रधानमंत्री पीएम श्री नरेन्द्र मोदी की ‘स्टैंड अप इंडिया’ पहल को बढ़ावा देंगे।

श्री रतन लाल कटारिया ने अपने संबोधन में कहा कि उच्च शिक्षा परिसरों में अनुसूचित जाति के छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए, उन्मुख व्यावसायिक विचारों की पहचान युवा उद्यमियों को नवीन और प्रौद्योगिकी पर काम करने में लगे युवा उद्यमियों को केंद्रित समर्थन प्रदान करने की आवश्यकता है ताकि उन्हें सफल वाणिज्यिक उद्यमों की स्थापना में मदद मिल सके। इस तरह की पहल से न केवल अनुसूचित जाति के छात्रों को नवाचार और उद्यमिता के साथ आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, बल्कि सरकार के स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम को भी बढ़ावा मिलेगा।

एएसआईआईएम की पहल को वेंचर कैपिटल फंड फॉर एससी (वीसीएफ-एससी) द्वारा लागू किया जाएगा जिसे 2016 में 500 करोड़ रुपये की निधि के साथ स्थापित किया गया था। अपनी स्थापना के बाद से, वीसीएफ-एससी ने 118 कंपनियों को 444.14 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। परिवर्तनात्मक उद्यमी स्टार्टअप्स को और प्रेरित व प्रोत्साहित करने के लिए, एसजेएंडई मंत्रालय ने अभिनव और प्रौद्योगिकी आधारित विचारों पर काम करने वाले युवा अनुसूचित जाति उद्यमियों की संस्थाओं/कंपनियों को इक्विटी सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अनुसूचित जातियों के लिए वेंचर कैपिटल फंड (वीसीएफ-एससी) दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है।

इस पहल के तहत वीसीएफ-एससी व्यापार/प्रबंधन स्कूलों सहित उच्च शिक्षा और प्रौद्योगिकी संस्थान में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा समर्थित प्रौद्योगिकी व्यापार इनक्यूबेटर (टीबीआई) में काम करने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों/युवा उद्यमियों को लक्षित करेगा। वीसीएफ-एससी युवा अनुसूचित जाति के छात्रों/उद्यमियों की प्रत्येक इकाई को तीन वर्षों की अवधि में 30 लाख रुपये तक इक्विटी सहायता प्रदान करने के अलावा सक्षम सहायता, मार्गदर्शन, सलाह के रूप में सभी सहायता प्रदान करेगा। अगले चार साल के लिए एएसआईआईएम का बजट 19,320 लाख रुपये रखा गया है।

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