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राष्ट्रपति ने 13वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह की शोभा बढ़ाई

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में 13वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया। इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने 2022 के दौरान चुनाव के संचालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों को वर्ष 2022 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। सरकारी मीडिया और संचार संगठनों तथा अन्य विभागों जैसे महत्वपूर्ण हितधारकों को भी मतदाता जागरूकता में उनके अमूल्य योगदान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए।

सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान सभा के सदस्यों ने नागरिकों की बुद्धिमता में अपार विश्वास व्यक्त किया और वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनाव का प्रावधान किया। भारत की जनता ने उनके विश्वास को सच कर दिखाया है। भारत के लोकतंत्र को दुनिया के सबसे बड़े, जीवंत और स्थिर लोकतंत्र के रूप में सम्मान दिया जाता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में पिछले सात दशकों के दौरान चुनाव प्रक्रिया से सामाजिक क्रांति संभव हुई है। यह हमारे लोकतंत्र की एक बड़ी सफलता है कि दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले आम मतदाता को लगता है कि देश या राज्य पर कौन और कैसे शासन करेगा, यह तय करने में उसकी बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र संविधान में निहित सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि निर्वाचन आयोग और अन्य सभी प्रतिभागियों के संयुक्त प्रयासों से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए निर्वाचन आयोग का आदर्श वाक्य ‘कोई मतदाता पीछे न छूटे’ सराहनीय है। यह वाक्य सभी मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया को आसान बनाने के चुनाव आयोग के लक्ष्य की व्याख्या करता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम ‘नथिंग लाइक वोटिंग, आई वोट फॉर श्योर’ मतदाताओं के संकल्प को दर्शाती है। निर्वाचन आयोग और मतदाताओं का सामूहिक योगदान हमारे देश की चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करता है। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे मतदान को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान मानें और ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ की भावना से मतदान अवश्य करें।

राष्ट्रपति ने कहा कि यह हमारी चुनाव प्रक्रिया और हमारे लोकतंत्र की बड़ी उपलब्धि है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी लगातार बढ़ रही है। 2019 के आम चुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों की तुलना में थोड़ी अधिक थी। यह भी उल्लेखनीय है कि हमारी संसद के इतिहास में पहली बार दोनों सदनों को मिलाकर महिला सांसदों की संख्या सौ के आंकड़े को पार कर गई है। ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक महिलाओं का अहम योगदान है। उनकी भागीदारी के साथ-साथ उनकी संख्या और बढ़नी चाहिए।

राष्ट्रपति ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार से ‘इलेक्टिंग द फर्स्ट सिटिजन – एन इलस्ट्रेटेड क्रॉनिकल ऑफ इंडियाज प्रेसिडेंशियल इलेक्शन्स’ नामक पुस्तक की प्रथम प्रति प्राप्त की। यह पुस्तक देश में राष्ट्रपति के निर्वाचन की ऐतिहासिक यात्रा की झलक देती है।

2011 से, भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस, यानी 25 जनवरी, 1950 को चिह्नित करने के लिए पूरे देश में हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य नागरिकों में निर्वाचन संबंधी जागरूकता पैदा करना और उन्हें चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उपयोग मतदाताओं, विशेष रूप से नव पात्र युवा मतदाताओं के नामांकन की सुविधा के लिए भी किया जाता है।

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