उत्तर प्रदेश

ग्राम्य विकास संस्थान में आयोजित होने वाले प्रशिक्षण कार्यों में तेजी लाई जाए: केशव प्रसाद मौर्य

 लखनऊः उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाएं ।कहा कि योजनाओं की लगातार समीक्षा की जाए और फील्ड विजिट किया जाए तथा अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाए और कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित किया जाए ।उन्होंने कहा कि हम नये भारत का नया उत्तर प्रदेश बनाने की ओर अग्रसर हैं , इसमें ग्राम्य विकास विभाग का बड़ा रोल होगा। श्री केशव प्रसाद मौर्य मंगलवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में ग्राम्य विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने निर्देश दिए कि मनरेगा में 100 दिन काम करने वाले श्रमिकों  को ष्उन्नति ष्योजना के तहत प्रशिक्षण दिलाया जाए,ताकि अकुशल मजदूर हुनर हासिल कर कुशल मजदूरों की श्रेणी में आ सकें इससे उन्हें  कुशल मजदूर का पारिश्रमिक मिलेगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए 90 दिन कार्य करने वाले सभी मनरेगा मजदूरों का श्रम विभाग के पोर्टल पर पंजीयन अनिवार्य कराया जाए, ताकि उन्हें श्रम विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं का नियमानुसार लाभ मिल सके।उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिलों में सांसद की अध्यक्षता में  प्रत्येक तीन माह में होने वाली दिशा की बैठकें नियमित रूप से कराई जाए और इस संबंध में जिलों को दिशा निर्देश भी जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत मनरेगा की समीक्षा की जाए और इसके लिए मुख्य विकास अधिकारियों को यथोचित दिशा निर्देश जारी किए जाएं। श्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिए कि ग्राम्य विकास विभाग के कार्यों की सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु ग्राम स्तर तक व्हाट्सएप ग्रुप बनाये जाएं। उन्होंने हर विकासखंड में एक बायोगैस प्लांट स्थापित कराए जाने के भी निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि समूहों की महिलाओं द्वारा निर्मित की जा रही सामग्री  के विपणन की व्यवस्था हेतु उन्हें अपेक्षित सहयोग प्रदान किया जाय। उपमुख्यमंत्री  ने कहा कि गांवों चक रोडों में अतिक्रमण की शिकायतें अक्सर आती रहती हैं, फसल के बाद चक मार्गों को अनिवार्य रूप से खाली कराते हुए उसमें मनरेगा से काम कराए जाएं। राज्य ग्राम्य विकास संस्थान के अधिकारियों को निर्देश दिए कि  वह प्रशिक्षण कार्यक्रमों में तेजी लायें।

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