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पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से प्रधानमंत्री मोदी की कल्याणकारी योजनाओं को अंतिम छोर तक ले जाने का आग्रह किया: डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, अणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से प्रधानमंत्री श्री मोदी की कल्याणकारी योजनाओं को अंतिम छोर तक ले जाने का आग्रह किया।

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जमीनी स्तर पर लोगों के सीधे संपर्क में रहने के कारण पंचायती राज संस्थाएं प्रधानमंत्री श्री मोदी की जन केन्द्रित पहलों व कार्यक्रमों की संदेशवाहक हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में पंचायतों को लगातार सशक्त बनाया जा रहा है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते पंचायती राज संस्थाओं को यह अच्छी पता होता है कि समाज के सबसे निचले स्तर पर सबसे अधिक जरूरतमंद कौन हैं और वे किसी वोट बैंक की चिंता किए बिना विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन लोगों तक पहुंचना सुनिश्चित कर सकते हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने श्री मोदी को उद्धृत करते हुए कहा, “देश ने शत- प्रतिशत लाभार्थियों को कवर करने का संकल्प लिया है। जब योजनाओं का शत प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित होता है, तुष्टिकरण की राजनीति का अंत हो जाता है। इसके लिए कोई संभावना ही नहीं बचती है।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा कि श्री मोदी जमीनी स्तर के उस लोकतंत्र के प्रतीक हैं जो किसी भी वंशवादी राजनीति से मुक्त है क्योंकि वह खुद जमीनी स्तर से उठकर ऊपर आए हैं। उन्होंने हमेशा पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के विवेक से केन्द्रीय निधियों के कुशल उपयोग के साथ शक्तियों के विकेन्द्रीकरण पर जोर दिया है।

केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि पंचायती राज संस्थाओं और जमीनी स्तर के लोकतंत्र में प्रधानमंत्री का विश्वास इस तथ्य से स्पष्ट होता है कि 70 वर्षों के बाद उनके हस्तक्षेप के कारण ही पहली बार जम्मू एवं कश्मीर जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव हुए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने विकास कार्यक्रमों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने गुणवत्ता से कोई समझौता किए बिना परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने हेतु नई तकनीकों एवं नवाचारों को अपनाने की जरूरत को रेखांकित किया।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जब श्री मोदी ने मई, 2014 में सत्ता संभाली थी, उस समय देश की लगभग आधी आबादी शौचालय, आवास, टीकाकरण, बिजली के कनेक्शन और बैंक खातों जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित थी। उन्होंने कहा कि ‘सबका प्रयास’ के साथ, केंद्र सरकार पिछले 8 वर्षों के दौरान कई योजनाओं की लगभग शत-प्रतिशत संतृप्ति सुनिश्चित करने में समर्थ रही है। नया संकल्प अगले 25 साल के अमृत काल में भारत को दुनिया का एक अग्रणी देश बनाने का है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने और सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करने के पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं से कहा कि उन्हें ग्रामीण भारत में सरकारी योजनाओं की पहुंच और उनका अधिकतम उपयोग करने संबंधी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति पीछे न छूटे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कई मौकों पर यह दोहराया है कि किसी भी केन्द्रीय योजना के लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी।

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