उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश इलेक्ट्राॅनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में हब बनने की ओर अग्रसर

प्रदेश सरकार की इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति के फलस्वरूप उ0प्र0 राज्य में इलेक्ट्रानिक्स उद्योग के लिए एक अनुकूल वातावरण बना है। विश्वप्रसिद्ध अनेक इलेक्ट्रानिक्स उपकरण तथा कम्पोनेन्ट्स निर्माता कम्पनियां पूंजी निवेश के लिए उत्तर प्रदेश में आ रही है। विभिन्न विदेशी कम्पनियों द्वारा मिलकर ईकोटेक-6, ग्रेटर नोएडा के 100 एकड़ क्षेत्र में एक इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) विकसित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण इकाईयों की स्थापना हेतु अनेक निवेशक प्रदेश सरकार के सम्पर्क में है।

प्रदेश सरकार की ‘‘इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति’’ में निवेशकों को भूमि की प्रचलित सर्किल दर में 25 प्रतिशत छूट दी जाती है तथा उन्हें उनके द्वारा किये जाने वाले कुल स्थिर निवेश (पिगमक बंचपजंस पदअमेजउमदज) के 100 प्रतिशत की सीमा तक वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किये जाते हैं जैसाकि पूंजी उपादान, ब्याज उपादान, एस.जी.एस.टी. प्रतिपूर्ति इत्यादि। इस नीति के अन्तर्गत 200 करोड़ से अधिक निवेश तथा न्यूनतम 1000 रोजगार सृजन वाली ई.एस.डी.एम. इकाइयों को केस-टू-केस आधार पर विशेष प्रोत्साहनों की भी व्यवस्था है।

गत वर्ष 21-22 फरवरी 2018 को इन्वेस्टर्स समिट में आईटी और इलेक्ट्रानिक्स उद्योग के क्षेत्र में लगभग 60,000 करोड़ के निवेश हेतु समझौता-ज्ञापन हस्ताक्षरित किये गये थे, और लगभग सभी परियोजनायें स्थल पर कार्य आरम्भ कर चुकी हैं। मोबाइल निर्माण के क्षेत्र में देश के 50 प्रतिशत से अधिक पूंजी निवेश केवल उत्तर प्रदेश में हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 2500 एकड़ से अधिक क्षेत्र में इलेक्ट्रानिक सिटी की स्थापना विचाराधीन है। प्रदेश में वर्तमान में स्थापित हो रही विभिन्न आईटी और इलेक्ट्रानिक्स योजनाओं द्वारा आगामी पांच वर्षों में 4,00,000 से अधिक युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा।

अन्य राज्यों से प्रतिस्पद्र्धा तथा आॅटोमोबाइल, दूरसंचार, सौर ऊर्जा इत्यादि क्षेत्रों पर विशेष ध्यान सहित, सम्पूर्ण राज्य में इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण के विस्तार के उद्देश्य से प्रदेश की वर्तमान इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति को संशोधित किये जाने पर भी विचार किया जा रहा है।

सौजन्य से पंजीकृत उ प्र न्यूज फीचर्स एजेन्सी

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