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लॉकलाउन अवधि के दौरान किसानों को नुकसान न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किये जा रहे हैं

नई दिल्ली: यह सुनिश्चित करने के लिए कि लॉकडाउन अवधि के दौरान किसानों को किसी भी प्रतिकूल प्रभाव का सामना न करना पड़े, भारत सरकार का कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग आसानी के साथ रबी फसल की कटाई और उपाय कर रहा है।

दावों के भुगतान, रबी फसल 2019-20 के लिए सीसीई की स्थिति, फसल नुकसान सर्वेक्षण और स्मार्ट नमूना तकनीक जैसे विषयों पर वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए सभी राज्यों और बीमा कंपनियों से बातचीत की गई।

कृषि बीमा की सुविधा के लिए सभी राज्यों को पत्र लिखे गए हैं कि वे संबंधित बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को पास जारी करें ताकि वे फसल कटाई प्रयोग को प्रमाणित कर सकें और बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि के कारण कटाई के बाद हुए फसलों के नुकसान का फील्ड सर्वेक्षण करने सम्बन्धी नियमों में ढील दे सकें।

निर्यात खेप और पौधे तथा पादप-उत्पादों की आयात के लिए पादपस्वच्छता प्रमाण-पत्र लगातार जारी किये जा रहे हैं। लॉकडाउन की तारीख 24 मार्च, 2020 से 2 अप्रैल, 2020 तक निर्यात खेपों के लिए कुल 3776 पीएससी जारी किये गए है तथा 1074 आयात खेप जारी किये गए हैं।

बागवानी फसलों को सहायता प्रदान करने के लिए उत्पादकों, एग्रीगेटर, थोक विक्रेताओं, मंडी संघों तथा राज्य बागवानी मिशनों के साथ समन्वय किया गया है ताकि वस्तुओं का परिवहन सुचारू रूप से हो तथा सभी कठिनाइयों का समाधान हो सकें।

लॉकडाउन अवधि में सभी 21 स्थानों पर किसान कॉल केन्द्र कार्यरत हैं। कॉल को फार्म टेली एडवाइजर के पास भेज दिया जाता है जो घर से ही कार्य कर रहे हैं। प्रतिदिन 6 बजे सुबह से 10 बजे रात्रि तक सभी 454 केसीसी सीट का संचालन किया जा रहा है। प्रतिदिन 15,000 से लेकर 20,000 कॉल आते हैं।

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