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वेद ज्ञान का असली खजाना: उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू

नई दिल्ली: उपराष्‍ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा संचालित वेंकटेश्‍वर वेद विज्ञान पीठम का दौरान किया और वेदों का सरल तरीके से विभिन्‍न भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने का आह्वान किया, ताकि साधारण व्‍यक्ति इनके महत्‍व को समझ सके।

पीठम में छात्रों और अध्‍यापकों को संबोधित करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने वेदों को ज्ञान का असली खजाना बताया और कहा कि इनमें भारत की सदियो पुरानी परम्‍पराओं और संस्‍कृति की झलक मिलती है। जीवन के विभिन्‍न पहलुओं के बारे में वेदों में शामिल वैज्ञानिक जानकारी को संरक्षित करने और उसका प्रसार करने के साथ-साथ आम आदमी तक उसे पहुंचाने की आवश्‍यकता है। श्री नायडू ने कहा कि वेद केवल धार्मिक पुस्‍तके नहीं है, बल्कि इनमें विभिन्‍न विषयों जैसे गणित, ज्‍योतिष, कृषि, रसायन और धातु संबंधी ज्ञान छिपा हुआ है।

यह कहते हुए कि वेदन जटिल से जटिल समस्‍याओं और आधुनिक विश्‍व की चुनौतियों का समाधान प्रदान सकते हैं, उपराष्‍ट्रपति ने वेदों में शामिल ज्ञान के बारे में अनुसंधान का करने का आह्वान किया। उन्‍होंने इस बात पर रोष व्‍यक्‍त किया कि इस पहलु पर भारत में पर्याप्‍त ध्‍यान नहीं दिया गया, जबकि जर्मनी जैसे देशों में विस्‍तृत अनुसंधान किया जा रहा है।

वेद पीठम के छात्रों को आधुनिक ऋषि बताते हुए उन्‍होंने विश्‍व व्‍यक्‍त किया कि वे वेदों के अमूल्‍य खजाने को सुरक्षित रखेंगे और उसका प्रसार करेंगे। उन्‍होंने कहा कि गुरु-शिष्‍य परम्‍परा सनातन धर्म की गौरान्वित करने वाली विरासत थी, वेदों का ज्ञान लेना इस परम्‍परा को बढ़ाएगा।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की राशि का इस्‍तेमाल सनातन धर्म के प्रसार और तीर्थ यात्रियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जाना चाहिए, न कि किसी अन्‍य उद्देश्‍य के लिए।

वैदिक प्राचार्यो ने वेदशीर्वाचनम करने के लिए आर्शीवाद दिया, जबकि छात्रों ने वैदिक मंत्र पढ़े।

बाद में उपराष्‍ट्रपति, उनकी पत्‍नी उषम्‍मा और परिवार के अन्‍य सदस्‍यों ने अन्‍य श्रद्धालुओं के साथ तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा संचालित नित्‍यानंद कार्यक्रम के अंतर्गत अन्‍नप्रसादम लिया। उन्‍होंने हजारों श्रद्धालुओं के लिए रोजाना इतना विशाल कार्यक्रम संचालित करने के लिए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की सराहना की।

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