उत्तर प्रदेश

गोशालाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने हेतु पीपीपी मोड के आधार पर कार्य किया जायेगा

लखनऊः उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने आज प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से कालिदास मार्ग स्थित उनके आवास पर भेंट की। भेंट के दौरान पशुधन मंत्री ने मा0 मुख्यमंत्री जी से गोशालाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने पर चर्चा की, ताकि गोशालायें आत्मनिर्भर बन सकें और गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन सुनिश्चित हो सके।
पशुधन मंत्री ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में प्रथम चरण में 05 मण्डल मुख्यालयों मुरादाबाद, बरेली, गोरखपुर, झांसी और कानपुर मण्डल मुख्यालय के जनपदों में पीपीपी मोड के आधार पर निराश्रित गोवंश की समस्या के निराकरण के लिए गौशालाओ का निर्माण कराया जायेगा। इन गोशालाओं को प्राकृतिक खेती, गोबर पंेट के निर्माण के साथ ही सीएनजी, सीबीसी और सौर ऊर्जा से जोड़ा जायेगा। इन गोशालाओं में निराश्रित गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाये जाने का हर सम्भव प्रयास किया जायेगा।
पशुधन मंत्री ने बताया कि इन गोशालाओं का रख-रखाव संबंधित संस्था द्वारा ही किया जायेगा और इसे सहभागिता योजना के आधार पर पूरे प्रदेश में तेजी के साथ आगे बढ़ाया जायेगा। गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मा0 जनप्रतिनिधियों और सामुदायिक संस्थाओं का सहयोग लिया जायेगा और गोवंश संरक्षण के प्रति आमजन मानस को भी जागरूक किया जायेगा। उन्होंने बताया कि गाय के पवित्र गोबर से लक्ष्मी, गणेश व अन्य देवी, देवताओं की मूर्तियां, धूपबत्ती एवं अन्य गौजनित पदार्थो द्वारा निर्मित उत्पादों को बढ़ावा दिया जायेगा और इन उत्पादों को ओडीओपी योजना (एक जिला एक उत्पाद योजना) से भी आच्छादित किया जायेगा, ताकि गोशालायें आत्मनिर्भर बन सकें।
पशुधन मंत्री ने कहा कि खेती हेतु मिट्टी की उर्वरता बनाये रखने, गुणवत्ता एवं पौष्टिकता से परिपूर्ण फसलों के उत्पादन हेतु गौ आधारित प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहित किया जाना अत्यन्त आवश्यक है और इस कार्य में गो-आश्रय स्थलों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि गौ आधारित प्राकृतिक कृषि को अपनाये जाने से गोवंश संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता आयेगी। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा देशी गायों के दुग्ध उत्पादन में वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए कृत्रिम गर्भाधान कराकर दुग्ध उत्पादक क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। गौवंश को संक्रामक रोगों से बचाने और उनकी सुरक्षा हेतु टीकाकरण का कार्य पशुधन विभाग द्वारा किया जायेगा।

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