अपराध

निचली कोर्ट से बरी दहेज हत्या में सास को आजीवन कारावास

नैनीताल, : हाई कोर्ट ने दहेज के लिए विवाहिता की हत्या करने के मामले में निचली अदालत का फैसला पलटते हुए मृतका की सास को आजीवन कारावास तथा दस हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। इस मामले में मृतका के ससुर, जेठ, जेठानी को भी दहेज के लिए उत्पीड़न का दोषी करार दिया है। उक्त अभियुक्त सजा काट चुके हैं, जबकि सास को जेल भेज दिया गया है।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक आठ फरवरी 2008 को रुद्रप्रयाग जिले की उर्मिला उर्फ गुड्डी पत्नी जगदीश सिंह के ऊपर उसकी सास कश्मीरा देवी ने मिट्टी तेल छिड़क कर आग लगा दी थी। उपचार के दौरान उर्मिला की श्रीनगर अस्पताल में मौत हो गई थी।

मौत से पहले मजिस्ट्रेट को दिए बयान में उर्मिला ने सास द्वारा जलाने तथा ससुर, जेठ व जेठानी के दहेज के लिए उत्पीड़न का उल्लेख किया था। मृतका का पति दिल्ली में नौकरी करता था।

इस मामले में मृतका की माता राजेश्वरी देवी द्वारा अदालत में 156 तीन का प्रार्थना पत्र मजिस्ट्रेट के समक्ष दिया गया। इस आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ था। निचली अदालत ने 25 मार्च 2010 को मामले में विचारण के बाद सास समेत सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।

निचली कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार द्वारा हाई कोर्ट में अपील दायर की गई। न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सास को दहेज हत्या का दोषी करार दिया। साथ ही उसे आजीवन कारावास व दस हजार जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने सजा के लिए मृत्यु पूर्व बयान को पर्याप्त साक्ष्य मानते हुए सजा सुनाई।

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