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मेट गाला में अपनी पगड़ी, संस्कृति और मातृभाषा को लेकर आया हूं- दिलजीत दोसांझ

जानेमाने गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने मेट गाला-2025 में पहली बार शामिल होते हुए अपने गृह राज्य पंजाब और सिख धर्म के प्रति सम्मान प्रकट किया। वह सफेद परिधान में कृपाण और पगड़ी पहनकर कार्यक्रम में शामिल हुए।
दिलजीत दोसांझ ने मेट गाला 2025 के कारपेट पर सि$र्फ वॉक ही नहीं किया, बल्कि उन्होंने इस पर राज भी किया। प्रबल गुरुंग के कस्टम ड्रेस और अभिलाषा देवनानी के स्टाइल में, पंजाबी सुपरस्टार ने शाही अंदाज़ और शार्प टेलरिंग दोनों को बराबर तरी$के से पेश किया। हाथीदांत और सोने की शेरवानी, तहमत (ड्रेप्ड बॉटम) के साथ और पंजाब के सिल्हूटेड मैप के साथ कढ़ाई की गई स्वीपिंग केप के साथ, उनके शरीर को सुशोभित किया।
जानेमाने गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने मेट गाला-2025 में पहली बार शामिल होते हुए अपने गृह राज्य पंजाब और सिख धर्म के प्रति सम्मान प्रकट किया। वह सफेद परिधान में कृपाण और पगड़ी पहनकर कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस तरह पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह के प्रति सम्मान व्यक्त किया। अपने गानों के लिए मशहूर दोसांझ ने अमेरिकी नेपाली डिजाइनर प्रबल गुरुंग का डिजाइन किया हुआ तहमत भी पहन रखा था। पंजाब के दोसांझ गांव से ताल्लुक रखने वाले गायक ने सफेद कलगी लगी आभूषण जड़ित पगड़ी पहन रखी थी और कृपाण धारण कर रखी थी जिसके मुख पर शेर की आकृति बनी थी।
दिलजीत दोसांझ ने फिल्म ‘चमकीलाÓ के एक गीत की अपनी पंक्तियों को उद्धृत करते हुए इंस्टाग्राम पर लिखा, ”मैं हूं पंजाब…हैशटैग मेटगालाÓÓ उन्होंने कहा, ”मैं ‘ब्लैक डांडीज्मÓ की थीम से प्रभावित होकर मेट गाला में अपनी पगड़ी, अपनी संस्कृति और अपनी मातृपंजाबी लेकर आया हूं।ÓÓ दिलजीत की टीम ने उनके आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर मेट गाला के कुछ वीडियो भी साझा किए। दिलजीत की स्टाइलिस्ट अभिलाषा देवनानी ने कहा कि गायक को अपने रंग-बिरंगे अंदाज के लिए मशहूर पटियाला के महाराजा की मौजूद तस्वीरों के आधार पर तैयार किया गया था।
‘द न्यूयॉर्क टाइम्सÓ को दिए गए एक साक्षात्कार में देवनानी ने कहा कि उन्होंने इस रात के लिए महाराजा के प्रतिष्ठित कार्टियर हार को उधार लाने की कोशिश की, लेकिन यह एक संग्रहालय में बंद है। महाराजा ने 1928 में धनी, राजघरानों और मशहूर हस्तियों द्वारा पसंद किए जाने वाला लक्जरी आभूषण ब्रांड ‘कार्टियरÓ को 1,000 कैरेट का हीरे का हार बनाने का काम दिया था। यह फ्रांसीसी आभूषण निर्माता कंपनी द्वारा बनाया गया ‘सबसे बड़ा हारÓ था।
वर्ष 1900 से 1938 तक पटियाला रियासत पर शासन करने वाले महाराजा भूपिंदर सिंह हमेशा अपने प्रसिद्ध कार्टियर हार के साथ चोकर पहनते थे। यह हार 1948 में भारत से गायब हो गया था। देवनानी ने कहा कि उन्होंने अंतत: मूल संग्रह से मिलता जुलता हार बनाने के लिए भारतीय जौहरी गोलेचा से संपर्क किया। मेट गाला एक फैशन कार्यक्रम है जो हर साल न्यूयॉर्क शहर के मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट के कॉस्ट्यूम इंस्टीट्यूट के लिए धन जुटाने के लिए आयोजित किया जाता है। यह एक बहुत ही प्रतिष्ठित और ग्लैमरस फैशन कार्यक्रम है, जिसमें कई हस्तियां और फैशन जगत के लोग भाग लेते हैं।

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