कट्टर इस्लामिक कानूनों के लिए कुख्यात सऊदी में आधी आबादी को मिला ये हक, सेना में शामिल होने का दरवाजा खुला

अपने कट्टर इस्लामिक कानूनों के लिए कुख्यात सऊदी सरकार ने फरवरी, 2021 में महिला सशक्तिकरण के कई कदम उठाए थे। मंत्रालय ने घोषणा की है कि अब महिलाएं भी सेना में शामिल हो सकती हैं। सऊदी अरब ने सेना के तीनों ही अंगों थल सेना के साथ वायु सेना एवं नौसेना मेडिकल सेवा और रायल स्ट्रेटजिक मिसाइल फोर्स में महिलाओं के शामिल होने की अनुमति दी थी। इसके साथ पहली बार देश में महिलाओं को वाहन चलाने की मंजूरी भी शामिल थी। सऊदी अरब में महिलाओं के सुधार की दिशा में बड़ा यह बड़ा कदम माना गया था।
सऊदी में महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ा कदम
बता दें कि सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कुछ महीने पहले साफ कर दिया था कि देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में तेजी लाई जाएगी। इसके बाद उन्हें ड्राइविंग की मंजूरी दी गई। सार्वजनिक स्थानों पर अबाया पहनने के सख्त नियम को शिथिल किया गया था। अविवाहित जोड़ों को होटल में एक साथ रुकने की इजाजत दी गई थी।
इस कानून के तहत सऊदी सरकार ने सेना में शामिल होने के लिए महिलाओं के लिए नियम जारी किए थे। इसके तहत सेना में शामिल होने के लिए महिलओं की उम्र 21 से 40 साल के बीच होनी चाहिए। उनकी लंबाई 155 सेंटीमीटर या उससे ऊपर होनी चाहिए। महिलाओं को सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए। महिलाओं को एडमिशन प्रक्रिया को पास करना होगा। महिलाओं का कोई आपराधिक रेकार्ड नहीं होना चाहिए और मेडिकल तौर पर उन्हें फिट होना चाहिए। महिलाओं के विपरीत सेना में भर्ती होने के इच्छुक पुरुषों की उम्र 17 साल से 40 साल के बीच होनी चाहिए।
सऊदी अरब सरकार ने इस योजना की सबसे पहले घोषणा साल 2019 में की थी। बता दें कि सऊदी सरकार जहां महिलाओं को अवसर देने का दावा कर रही है, वहीं देश में महिलाओं को वाहन चालन का अधिकार दिए जाने के लिए संघर्ष करने वाली देश की मशहूर महिला अधिकार कार्यकर्ता को लुजैन अल-हथलौल को छह साल के लिए जेल में डाल दिया गया।
सऊदी में महिलाओं की बेरोजगारी 20 फीसद
सऊदी सरकार के श्रम एवं सामाजिक सुधार मंत्रालय ने इसके लिए रोडमैप तैयार किया था। वर्ष 2018 के आंकड़ों के मुताबिक, सऊदी में महिलाओं की बेरोजगारी दर 20 फीसद थी। महिलाओं को पुरुषों के बराबर अवसर मुहैया कराने पर जोर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा बलों में महिलाओं को शामिल होने के लिए कई विकल्प खोल दिए गए। महिलाएं गृह मंत्रालय के अधीन पुलिस, आपराधिक अनुसंधान अधिकारी, गश्त और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा संभाल सकेंगी।