देश-विदेश

दुश्मन के करीबी मुस्लिम देशों की तरफ देख रहा इजरायल

इजरायल अब अपने पुराने दुश्मनों सीरिया और लेबनान के साथ रिश्ते सामान्य करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है. सोमवार (30 जून, 2025) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा कि उनका देश दोनों पड़ोसी देशों से औपचारिक राजनयिक रिश्ते स्थापित करने का इच्छुक है. हालांकि, उन्होंने यह साफ कर दिया कि गोलान हाइट्स को लेकर कोई समझौता नहीं होगा.

गिदोन सार ने कहा, “हम स्थायी शांति के पक्षधर हैं, लेकिन गोलान हाइट्स की स्थिति पर हम किसी भी कीमत पर बातचीत नहीं करेंगे.” बता दें कि गोलान हाइट्स एक विवादित क्षेत्र है जिस पर इजरायल का कब्जा है और सीरिया उस पर अपना दावा करता रहा है.

सीरिया और लेबनान दोनों को ईरान समर्थक देश माना जाता है. यही वजह है कि इजरायल का यह रुख चौंकाने वाला भी है. 2023 के अंत में इजरायल ने लेबनान पर बड़ा सैन्य हमला कर आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के कई शीर्ष कमांडरों को मार गिराया था. वहीं, सीरिया में भी इजरायल ने कई बार हवाई हमले किए, खासकर जब देश में बशर अल-असद के खिलाफ विद्रोह चल रहा था.

सीरिया में हाल ही में सत्ता पलट के बाद विद्रोही नेता अहमद-अल-शरा ने खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया है. इस बीच कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में दावा किया गया है कि इजरायल और सीरिया के नए शासक के बीच गुप्त बातचीत चल रही है. बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच सीमा विवाद और संघर्ष रोकने को लेकर सीधी बैठकें भी हो चुकी हैं. हालांकि, अभी तक इन बैठकों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2025 में सऊदी अरब में एक बेहद अहम और गोपनीय बैठक की. इस बैठक में उन्होंने सीरिया के नए राष्ट्रपति अहमद-अल-शरा से मुलाकात की और उनसे इजरायल के साथ संबंध सामान्य करने की अपील की.

बैठक के बाद ट्रंप ने चौंकाने वाला ऐलान किया कि अमेरिका अब सीरिया की इस्लामवादी सरकार पर लगाए गए सभी प्रतिबंध हटा देगा. इस घोषणा को पश्चिम एशिया की राजनीति में एक बड़े बदलाव के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.

सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता गिरते ही इजरायली सेना ने तुरंत एक्शन लिया और गोलान हाइट्स के पूरे क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया. यही नहीं, इजरायल की सेना ने माउंट हरमोन पर भी कब्जा कर लिया, जो पहले सीरियाई सेना का एक महत्वपूर्ण अड्डा हुआ करता था. गोलान हाइट्स लंबे समय से इजरायल और सीरिया के बीच विवाद का मुद्दा रहा है और इसपर इजरायल का कब्जा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित माना जाता है.

ट्रंप की पहल और बैन हटाने की घोषणा को अमेरिका और सीरिया के रिश्तों में संभावित बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. अब यह देखना होगा कि क्या सीरिया इजरायल से औपचारिक संबंधों की दिशा में आगे बढ़ता है और क्या यह कदम पश्चिम एशिया में स्थिरता लाने में मदद करेगा.

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