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चक्रवाती तूफान से हुए नुकसान के आकलन के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग के उच्च अधिकारियों के एक दल ने पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क के सूर्य मंदिर का दौरा किया

नई दिल्ली: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की महानिदेशक श्रीमती उषा शर्मा के नेतृत्व में एएसआई के अधिकारियों का एक उच्च स्तरीय दल चक्रवाती तूफान फोनी से श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी और कोणार्क सूर्य मंदिर को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए ओडिशा की यात्रा पर है।

दल ने 10 मई, 2019 को दोपहर कोणार्क मंदिर का दौरा किया। इस दल ने पाया कि  मंदिर को कोई संरचनात्मक नुकसान नहीं हुआ है। इस दल ने यह भी जानकारी दी कि रासायनिक सफाई के लिए बनाए गए मचान में ऊपरी स्तर पर कुछ विस्थापन है जिसे ठीक किया जा रहा है। तूफान में 200 से अधिक पेड़ क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिन्हें साफ किया जा रहा है। इंटरनेट पहुंच सहित बिजली और रोशनी व्यवस्था खराब हो गई है जिसे ठीक करने में कुछ समय लगेगा। सूर्य मंदिर को जनता के लिए अगले 2-3 दिनों में खोल दिया जाएगा। रासायनिक सफाई और पूर्व की तरफ के संस्थापन कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। लगभग एक पखवाड़े के भीतर इस मंदिर में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।

यह दल नुकसान का आकलन करने के लिए श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर का दौरा करेगा। राज्य सरकार ने इस विश्व धरोहर मंदिर को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एएसआई से सहायता मांगी थी। यह दल मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में पहले जैसी स्थिति बहाल करने की प्रक्रिया का भी सुझाव देगा।

इससे पहले, भुवनेश्वर सर्कल के पुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद् ने पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर सहित अन्य स्मारकों का भी निरीक्षण किया था। उन्होंने यह पाया कि मंदिर की सतह को तो कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन मंदिर की संरचना को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

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