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डॉ. सिंह ने पीएम केयर्स फंड में विभागों के योगदान की सराहना की

नई दिल्ली: केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत (डीएआरपीजी) और पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) के कार्यों की समीक्षा की।

सबसे पहले डॉ. जितेन्द्र सिंह ने लॉकडाउन के दौरान कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के कार्यों तथा लॉकडाउन समाप्ति के बाद सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रति विभाग की तैयारियों की समीक्षा की। गृह कल्याण केन्द्र मास्क की सिलाई का कार्य कर रहे हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की प्रत्येक इकाई ने प्राथमिकता के आधार पर कार्यों की पहचान की है, जिसे कर्मचारी घर पर रहते हुए पूरा कर रहे हैं। एएस/जेएस कार्य प्रगति की निगरानी कर रहे हैं। कोविड-19 मामलों को लेकर प्रशिक्षण के लिए विभाग ने समेकित सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है, जिसके माध्यम से सरकारी व अन्य कर्मचारी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।

प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के बारे में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि विभाग ने 1 अप्रैल, 2020 को कोविड-19 शिकायतों के लिए राष्ट्रीय निगरानी डैशबोर्ड (https://darpg.gov.in ) की शुरुआत की है। 6 अप्रैल, 2020 तक पोर्टल पर 10659 शिकायतें दर्ज की गई हैं। लोक शिकायत विभाग ने सभी संबंधित मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि कोविड-19 से जुड़ी शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित किया जाना चाहिए। संभव हो तो 3 दिनों के ऐसी शिकायतों का हल निकाला जाना चाहिए।

प्रवासी मजदूरों तथा आवश्यक वस्तुओं से संबंधित शिकायतों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा डीएआरपीजी ने मीडिया ट्वीट्स और टीवी रिपोर्टों के आधार पर प्रवासी मजदूरों के भोजन की आवश्यकता को संज्ञान में लिया है। शिकायतों के स्रोत और श्रेणी के आधार पर रिपोर्टें बनाई जा रही हैं जिनमें प्राप्त की गई कुल शिकायतों और निपटाई गई शिकायतों का भी उल्लेख होता है। इन रिपोर्टों को विभाग द्वारा मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह; अधिकार प्राप्त समूह सं.-10 (लोक शिकायत एवं सुझाव; अधिकारियों का अधिकार प्राप्त समूह सं.-5 (आवश्यक वस्तुएं) तथा अधिकारियों का अधिकार प्राप्त समूह सं.-7 (प्रवासी मजदूर) के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।

पेंशन विभाग के बारे में डॉ. सिंह को जानकारी दी गई है कि ई-ऑफिस के आधार पर पूरा विभाग शत प्रतिशत कार्य कर रहा है। सभी अधिकारी वीपीएन कनेक्शन के माध्यम से कार्य कर रहे हैं। विभाग ने अंतर-मंत्रालयी फाइलों के आदान-प्रदान की सुविधा ई-ऑफिस के माध्यम से उपलब्ध कराई है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के संदर्भ में अपनाई जानेवाली सावधानियों से संबंधित संदेश लगभग 4 लाख पेंशनभोगियों को भेजे गए हैं। देश के विभिन्न शहरों के 100 पेंशनभोगियों के लिए विभाग 9 अप्रैल, 2020 को वृद्धावस्था बीमारियों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक टेली-परामर्श कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के जरावस्था चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक पेंशनभोगियों के प्रश्नों का जवाब देंगे। उसके बाद 13 अप्रैल, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेंशनभोगियों के लिए योग व तंदुरूस्ती के सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस कार्यक्रम में 20 से 25 शहरों के पेंशनभोगी भाग लेंगे। पेंशनभोगियों की शारीरिक एवं मानसिक तंदुरूस्ती के लिए इन कार्यक्रमों को लॉकडाउन अवधि की समाप्ति के बाद भी आयोजित किया जाएगा। वरिष्ठ नागरिक होने के नाते यह समूह कमजोर वर्ग की श्रेणी में आता है। इस प्रकार इस समूह के लोगों को विशेष सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

कोविड-19 राहत कार्यों के लिए डीओपीटी, डीएआरपीजी और डीओपीपीडब्ल्यू के सभी कर्मचारी/अधिकारी अपना एक दिन का वेतन पीएम केयर्स फंड में दान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सिविल सेवा अधिकारी संस्थान (सीएसओआई) ने पीएम केयर्स फंड में 25 लाख रुपये का योगदान दिया है।

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