केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री श्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत स्वास्थ्य सेवा का एक विश्वस्तरीय किफायती गंतव्य और फार्मा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देश के रूप में उभरा है। केन्द्रीय मंत्री ने आज उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में फार्मा एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (सीएपीईएक्सआईएल) और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित तीन -दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फार्मा एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदर्शनी (आईपीएचईएक्स 2024) का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने भारतीय फार्मास्यूटिकल उद्योग से दुनिया के स्वास्थ्य सेवा का संरक्षक बनने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।
उन्होंने फार्मा उद्योग से निर्यात बढ़ाने और विकास के उभरते अवसरों का लाभ उठाने का आग्रह किया। श्री प्रसाद ने कहा कि भारत को पहले से ही ‘दुनिया की फार्मेसी’ के रूप में मान्यता प्राप्त है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम न केवल जेनेरिक क्षेत्र में अपनी ताकत पर ध्यान केन्द्रित करें, बल्कि अपने बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज को भी सुनिश्चित करें। उन्होंने आगे कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम उत्पादों के विकास का प्रयास करें और नए आधार तैयार करें।
केन्द्रीय मंत्री ने उद्योग जगत से नवाचार व गुणवत्ता पर ध्यान केन्द्रित करने और विश्व बाजार के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता बहुत महत्वपूर्ण होगी। नए विकास और मैन्यूफैक्चरिंग से संबंधित अच्छी कार्यप्रणालियों से अवगत रहना महत्वपूर्ण है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार एपीआई और चिकित्सा उपकरणों के लिए पीएलआई जैसी कई योजनाएं लेकर आई है।
श्री प्रसाद ने कहा, “यह तीन-दिवसीय फार्मा एक्सपो आईपीएचईएक्स भारत के घरेलू उद्योग और दुनिया भर की बड़ी कंपनियों को आपस में जुड़ने एवं व्यापार करने का एक बेहतरीन मंच प्रदान करेगा। यह आपको नए और सक्रिय रूप से नए आपूर्तिकर्ताओं की तलाश कर रहे मौजूदा ग्राहकों से मिलने या मौजूदा परियोजनाओं की वर्तमान प्रगति का आकलन करने का अवसर प्रदान करेगा।”