कोयला मंत्रालय ने कोयला सार्वजनिक उपक्रमों की सीएसआर गतिविधियों की मध्य-वर्ष समीक्षा बैठक आयोजित की
कोयला मंत्रालय ने आज स्कोप कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली में कोयला सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसयू) की सीएसआर गतिविधियों की मध्य-वर्षीय समीक्षा बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता कोयला मंत्रालय के अपर सचिव श्रीमती रूपिंदर बराड़ ने की, जिसमें कोयला मंत्रालय के डीडीजी श्रीमती संतोष के साथ, मंत्रालय कोल इंडिया लिमिटेड और सभी कोयला सार्वजनिक उपक्रमों के निदेशक (कार्मिक) के अन्य अधिकारी उपस्थित थे ।
समीक्षा में चल रहे सीएसआर पहलों के प्रगति का आकलन किया गया, समुदायों पर उनके प्रभाव का मूल्यांकन किया गया और उन्हें भारत सरकार के दिशानिर्देशों के साथ संरेखित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। चर्चा स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पर्यावरण, कौशल विकास और आजीविका जैसे क्षेत्रों में सीएसआर परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर केंद्रित थी। मंत्रालय ने मापनीय परिणाम सुनिश्चित करने और स्थानीय समुदायों, विशेष रूप से कोयला खनन क्षेत्रों में जीवन के समग्र गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इन पहलों के त्वरित कार्यान्वयन के आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 17 सितंबर, 2024 को आगामी विश्व रोगी सुरक्षा दिवस के लिए विचार-मंथन के लिए समर्पित था। कोयला सार्वजनिक उपक्रमों ने इस वैश्विक पहल में योगदान करने के लिए अभिनव तरीकों पर चर्चा की, जिसका उद्देश्य सामुदायिक पहुँच कार्यक्रमों, स्वास्थ्य शिविर तथा स्थानीय स्वास्थ्य संगठनों के साथ साझेदारी के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने और रोगी सुरक्षा मानकों में सुधार करना है।
बैठक में स्थानीय समुदायों के कौशल सेट को बढ़ाने के उद्देश्य से बहु-कौशल विकास संस्थानों की स्थापना की प्रगति की भी समीक्षा की गई, जिससे रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान किए जा सकें। मंत्रालय ने कोयला खनन क्षेत्रों में युवाओं और महिलाओं के सशिक्तरण में इन संस्थानों के महत्व पर ज़ोर दिया।
एक अन्य मुख्य आकर्षण डीपीई पोर्टल पर सीएसआर निगरानी प्रारूप को अद्यतन करने पर चर्चा थी। रिपोर्टिंग को सरल बनाने के लिए एक मानकीकृत टेम्पलेट विकसित किया जाएगा।
यह बैठक यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि के साथ संपन्न हुई कि कोयला पीएसयू की सीएसआर गतिविधियां सामुदायिक विकास, स्वास्थ्य, स्थिरता और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देने के साथ समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालती रहें। मंत्रालय ने नियमित निगरानी और मूल्यांकन की आवश्यकता पर भी जोर दिया कि सभी परियोजनाएं पटरी पर रहें और अपेक्षित परिणाम दें।