गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा बर्दाश्त – नन्दी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की पूरी टीम के साथ मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लम्बे निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे का प्रयागराज से निरीक्षण किया। मंत्री नन्दी ने अधिकारियों को मशीनरी और मैनपावर बढ़ाते हुए 24 घंटे राउंड द क्लॉक काम कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हर हाल में महाकुंभ 2025 से पहले निर्माण कार्य पूरा करना है। मंत्री नन्दी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में एक है, इसके निर्माण में लापरवाही कत्तई बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
मंत्री नन्दी ने गंगा एक्सप्रेसवे के अंतिम छोर प्रयागराज के सोरांव तहसील के जुडापुर दांदू गांव में किलोमीटर 601 से निर्माण कार्य का निरीक्षण शुरू किया। जहां पर अधिकारियों ने बताया कि फ्लाईओवर और ट्रम्पेट बनना है, जिस पर मंत्री नन्दी ने कहा कि इस कार्य में और तेजी लाई जाए। मंत्री नन्दी ने पूछा कि गंगा एक्सप्रेसवे के ग्रुप 4 उन्नाव से प्रयागराज 156 किलोमीटर की वर्तमान प्रगति क्या है। जिस पर अधिकारियों ने बताया कि ग्रुप 4 में अभी तक कुल कार्य का 12.3 प्रतिशत काम हुआ है। पहला माइल स्टोन जून में पूरा हो रहा है, जो 220 दिन का काम निर्धारित हुआ था, जो दस परसेंट है, जबकि दस परसेंट की जगह 12 परसेंट से ज्यादा काम हुआ है।
मंत्री नन्दी ने कहा कि कुम्भ मेला जनवरी-फरवरी 2025 में शुरू होगा। इसके पहले दिसम्बर 2024 तक हर हाल में गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा कर लिया जाए। निर्माण कार्य में अगर कहीं कोई समस्या आती है, तो उसके लिए पूरी सरकार मदद को तैयार है, जो भी बाधाएं आ रही हैं, उससे तत्काल अवगत कराया जाए। मंत्री नन्दी ने अधिकारियों से कहा कि अगर निर्धारित समय पर काम पूरा करना है तो मैनपॉवर और मशीनरी दोनों को बढ़ाना होगा। इसमें कोई लापरवाही न की जाए। जल्द से जल्द मैनपॉवर और मशीनरी को बढ़ाते हुए राउण्ड द क्लॉक यानी 24 घंटा कार्य कराया जाए।
निर्माण कार्य में लगी टीम ने समस्या बताते हुए कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में बड़ेे पैमाने पर मिट्टी की आवश्यकता है। लेकिन प्रयागराज क्षेत्र में मिट्टी की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। काफी दूर से मिट्टी लाना पड़ रहा है, जिसकी वजह से विलम्ब हो रहा है। जिस पर आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि मिट्टी की अनुपलब्धता की स्थिति में निर्माण एजेंसी को फ्लाई ऐश यानी थर्मल पॉवर प्लान्ट में इस्तेमाल होने वाले कोयले का फ्लाई ऐश इस्तेमाल करना पड़ेगा। थर्मल पॉवर प्लान्ट से फ्लाई ऐश लेकर मिट्टी की जगह उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। जिससे काम की प्रगति में तेजी आएगी। मंत्री नन्दी ने कहा कि अगर फ्लाई ऐश की मदद गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सकती है, तो इसका इस्तेमाल किया जाए। मंत्री नन्दी ने कार्य की प्रगति बढ़ाते हुए 24 घंटे काम करने का निर्देश दिया। मंत्री नन्दी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में एक है। महाकुम्भ के दौरान मेरठ से प्रयागराज आने वालों के लिए गंगा एक्सप्रेसवे काफी मददगार साबित होगा।
गंगा एक्सप्रेसवे के अंतिम छोर प्रयागराज में सोरांव तहसील के जुडापुर दांदू ग्राम में निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के बाद मंत्री नन्दी ने निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 522 रायबरेली के जगतपुर तक 80 किलोमीटर का सफर किया। मंत्री नन्दी ने जुडापूर दांदू के 601 किलोमीटर से चढ़ते हुए यात्रा कर 564 किलोमीटर पर ब्रेक लिया। यहां पर निर्माणाधीन कार्य को देखा। इसके बाद 564 किलोमीटर से किलोमीटर 522 तक सफर किया। जहां पर अडानी ग्रुप के मेन कैम्प में अधिकारियों और निर्माण में लगे अडानी ग्रुप की टीम के साथ बैठक की। जहां प्रेजेंटेशन के जरिये कार्य की प्रगति से अवगत कराया गया।
अधिकारियों ने मंत्री नन्दी को बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे छह से आठ लेन का होगा, जो निर्माण के बाद फिहाल छह लेन ऑपरेटिव रहेगा। भविष्य में अगर ट्रैफिक बढ़ने पर आवश्यकता महसूस होगी तो छह लेन को आठ लेन कर दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि आठ लेन के हिसाब से ही अब एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन छह लेन को ही ऑपरेटिंग में रखा गया है। एक-एक लेन को दोनों तरफ छोड़ा गया है। भविष्य में ट्रैफिक बढ़ने पर आठ लेन कर दिया जाएगा।
बैठक व निरीक्षण के दौरान आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह, एसीईओ यूपीडा श्रीश चंद्र वर्मा, जीएम जैंड एक्वीजीशन चिंकुराम पटेल, चीफी जनरल मैनेजर यूटिलिटी एके पाठक, जीएम गंगा एक्सप्रेसवे सुनील प्रताप राव, सहायक प्रबंधक सुरेंद्र कुमार पुष्पद के साथ ही अडानी ग्रुप के अधिकारी मौजूद रहे।
ग्रुप 1- मेरठ से बदायूं 129 किलोमीटर
ग्रुप 2- बदायूं से हरदोई 152 किलोमीटर
ग्रुप 3- हरदोई से उन्नाव 156 किलोमीटर
ग्रुप 4- उन्नाव से प्रयागराज 156 किलोमीटर