देश-विदेश

सोलहवें प्रवासी भारतीय दिवस पर प्रधानमंत्री के सम्‍बोधन का मूल पाठ

आज दुनिया के कोने-कोने से हमें भले ही इंटरनेट ने जोड़ा है, लेकिन हम सभी का मन हमेशा से मां भारती से जुड़ा है, एक दूसरे के प्रति अपनत्व से जुड़ा है।

दुनिया भर में मां भारती का गौरव बढ़ाने वाले आप सभी साथियों को हर साल प्रवासी भारतीय सम्मान देने की परंपरा है। भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के मार्गदर्शन में जो यात्रा शुरू हुई, उसमें अभी तक 60 अलग-अलग देशों में रहे करीब 240 महानुभावों को ये सम्मान दिया जा चुका है। इस बार भी इसकी घोषणा की जाएगी। इसी तरह दुनियाभर से हजारों साथियों ने भारत को जानिए Quiz Competition में हिस्सा लिया है। ये संख्या बताती है कि जड़ से दूर भले हो जाएं, लेकिन नई पीढ़ी का जुड़ाव उतना ही बढ़ रहा है। इस क्विज के 15 विजेता भी आज इस Virtual समारोह में हमारे साथ मौजूद हैं।

मैं सभी विजेताओं को बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं और साथ साथ इस Quiz Competition में हिस्सा लेने वाले सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। और मेरा इस Quiz Competition में हिस्सा लेने वाले सब से आग्रह हैं कि आप तय करिये की अगली बार जब Quiz Competition होगी तब आपके प्रयत्न से 10 और नए लोग इसमे जुड़ेंगे। ये एक Chain चलनी चाहिए, Chain बढ़नी चाहिए, लोगों को जोड़ना चाहिए। कई विदेश के लोग भारत मे पढ़ने के लिए आते हैं, पढकर के अपने देशों में जाते हैं उनको भी अग्रह करना चाहिए वे भी जो भारत में कभी पढाई करके गए हैं वे भी Quiz Competition में जुड़े और Quiz Competition के Ambassador बने। क्योंकि विश्व मे भारत की पहचान बनाने के लिए, नई पीढ़ी को भारत को जानने की जिज्ञासा जगाने के लिए एक Technology Driven बहुत सरल उपाय हैं। और इसलिए मेरा आग्रह रहेगा कि आप सब इस बात को आगे बढ़ाइये।

बीता साल हम सभी के लिए बहुत चुनौतियों का साल रहा है। लेकिन इन चुनौतियों के बीच, विश्व भर में फैले हमारे Indian Diaspora ने जिस तरह कार्य किया है, अपना कर्तव्य निभाया है, वो भारत के लिए भी गर्व की बात है। यही तो हमारी परंपरा है, यही तो इस मिट्टी के संस्कार हैं।

इस वजह से Social और political leadership के लिए दुनियाभर में भारतीय मूल के साथियों पर भरोसा और मजबूत हो रहा है। हमारे आज के इस आयोजन के मुख्य अतिथि, सूरीनाम के नए राष्ट्रपति श्रीमान चन्द्रिका प्रसाद संतोखी जी, वे स्वयं भी इस सेवाभाव का एक शानदार उदाहरण हैं। और में ये भी कहूंगा कि इस कोरोना काल मे विदेशों में रहे वाले हमारे कई भारतीय भाई-बहानों ने भी अपना जीवन खोय हैं, मेरी उनके प्रति सवेंदना हैं और उनके परिवारजनों के प्रति भी। में, परमात्मा बहुत शक्ति दें, ये प्राथना करता हूँ।

आज सुरीनाम के राष्ट्रपति जी ने उनके गर्मजोशी भरे शब्द और भारत के प्रति उनके स्नेह का भाव हम सभी के ह्रदय को छूगया है। उनके हर एक शब्द में, हरेक भाव मे भारत मे प्रति जो लगाव था वो प्रवाहित हो रहा था, प्रकट हो रहा था और हमे प्ररित कर रहा था।

उनकी तरह, मैं भी आशा करता हूँ कि हम शीघ्र ही मिलेंगे, और हमें भारत में सुरीनाम के राष्ट्रपति जी का भव्य स्वागत करने का अवसर मिलेगा । बीते वर्ष में प्रवासी भारतीयों ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान को और मज़बूत किया है।

मेरी बीते महीनों में दुनिया के अनेक Heads of the state से चर्चा हुई है। State Heads ने इस बात का विशेष तौर पर जिक्र किया कि कैसे उनके देश में प्रवासी भारतीय डॉक्टर्स, पैरामेडिक्स और सामान्य भारतीयों नागरिकों द्वारा किस प्रकार से सेवा हुई हैं चाहे हमारे मंदिरों हों, चाहे हमारे गुरुद्वारों हों, चाहे लंगर की हमारी महान परंपरा हों, हमारे अनेक छोटें-मोटे सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक संगठनों ने सेवाभाव में अगुणाई की है। और हर नागरिक की सेवा करने का काम इस कठिन परिस्थिति में भी किया हैं। ये दुनिया के हर देश मे जो मुझे सुनने को मिलता हैं कितना गर्व होता हैं। और आप अंदाजा लगा सकते हैं, जब फोन पर मैं आपकी प्रशंसा सुनता था, और दुनिया का हर नेता काफी समय आप ही के गुणगान करता था और ये बात जब में हमारे साथियों से बांटता था तो हर किसी का मन खुशियों से भर जाता था, गौरव होता था। आपके ये संस्कार दुनियां के हर कोने में उजागर हो रहें हैं। कौन भरतीय होगा जिसको अच्छा न लगता होगा।

आप सभी ने, जहां आप रह रहे हैं वहां ही नहीं बल्कि भारत में भारत की कोविड से चल रही लड़ाई में भी हर प्रकार से सहयोग किया है। PM Cares में आपने जो योगदान दिया, वो भारत में Health Infra को सशक्त करने में काम आ रहा है।

इसके लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं। साथियों, भारत के महान संत और दार्शनिक, संत थिरुवल्लुवर ने दुनिया की सबसे प्राचीनतम भाषा, ये हमे गर्व से कहना चाहिए, तमिल में कहा है-

केए-डरीयाक केट्टअ इड्डत्तुम वड़न्गुन्ड्रा।
नाडेन्प नाट्टिन तलई।

इसका भाव ये है कि – दुनिया की सर्वश्रेष्ठ भूमि वो है जो अपने विरोधियों से बुराइयां नहीं सीखती और जो अगर कभी कष्ट में भी आई, तो दूसरों के कल्याण में कोई कमी नहीं करती।

आप सब ने इस मंत्र को जीकर के दिखाया हैं। हमारे भारत की हमेशा से यही विशेषता रही है। शांति का समय हो या संकट का, हम भारतीयों ने हर परिस्थिति का हमेशा डटकर मुकाबला किया है। इस वजह से इस महान भूमि को लेकर एक अलग व्यवहार हमने देखा है। जब भारत ने colonialism के विरुद्ध मोर्चा खोला, तो दुनिया के अनेक देशों में आजादी के संघर्ष के लिए ये प्रेरणा बन गया। जब भारत terrorism के सामने खड़ा हुआ, तो दुनिया को भी इस चुनौती से लड़ने का नया साहस मिला।

भारत आज करप्शन को खत्म करने के लिए टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रहा है। लाखों करोड़ रुपए, जो पहले तमाम कमियों की वजह से गलत हाथों में पहुंच जाते थे, वो आज सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में पहुंच रहे हैं। आपने देखा होगा, भारत ने जो नई व्यवस्थाएं विकसित की हैं, उनकी कोरोना के इस समय में वैश्विक संस्थाओं ने भी प्रशंसा की है।

आधुनिक टेक्नॉलॉजी से गरीब से गरीब को Empower करने का जो अभियान आज भारत में चल रहा है, उसकी चर्चा विश्व के हर कोने में हैं, हर स्तर पर है। भाइयों और बहनों, हमने दिखाया है कि Renewable Energy के मामले में Developing World का कोई देश भी Lead ले सकता है। आज भारत का दिया One Sun, One World, One Grid ये मंत्र दुनिया को अपील कर रहा है।

भारत का इतिहास गवाह है कि भारत के सामर्थ्य, भारतीयों के सामर्थ्य को लेकर जब भी किसी ने आशंका जताई, सारी आशंकाये गलत साबित हुई है। गुलामी के दौरान विदेश में बड़े-बड़े विद्वान कहते थे भारत आज़ाद नहीं हो सकता क्योंकि ये बहुत बंटा हुआ है। वो आशंकाये गलत साबित हुई और हमने आजादी पाई।

जब भारत को आजादी मिली तो ये भी कहा गया कि इतना गरीब और इतना कम पढ़ा-लिखा ये भारत टूट जाएगा, बिखर जाएगा, डेमोक्रेसी तो यहां असंभव है। आज की सच्चाई यही है कि भारत एकजुट भी है और दुनिया में डेमोक्रेसी अगर सबसे मज़बूत है, वाइब्रेंट है, जीवंत है, तो वो भारत ही है।

आजादी के बाद ही दशकों तक ये नरेटिव भी चला कि भारत गरीब-अशिक्षित है, इसलिए साइंस और टेक्नॉलॉजी में Investment की संभावनाएं कम आंकी गईं। आज भारत का स्पेस प्रोग्राम, हमारा Tech Startup eco-system, दुनिया में अग्रणी है। कोविड की चुनौती के साल में भी कई नए Unicorns और सैकड़ों नए Tech Startupsभारत से ही निकल कर आये हैं।

Pandemic के इस दौर में भारत ने फिर दिखा दिया कि हमारा सामर्थ्य क्या है, हमारी क्षमता क्या है। इतना बड़ा Democratic देश जिस एकजुटता के साथ खड़ा हुआ, उसकी मिसाल दुनिया में नहीं है। PPE Kits हो, Masks हों, Ventilators हों, Testing Kits हो, ये सब भारत बाहर से ही मंगाता था।

आज इस कोरोना कालखंड में ही उसने अपनी ताक़त बढाई और आज भारत न सिर्फ इनमें Self-Reliant बना है बल्कि इनमें से कई Products का एक्सपोर्ट भी करने लगा है। आज भारत दुनिया के सबसे कम Fatality Rate और सबसे तेज़ Recovery Rate वाले उन देशों में से एक है।

आज भारत, एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया कोरोना Vaccines के साथ मानवता की सुरक्षा के लिए तैयार है। दुनिया की फार्मेसी होने के नाते, दुनिया के हर ज़रूरतमंद तक ज़रूरी दवाएं पहुंचाने का काम भारत ने पहले भी किया है और आज भी कर रहा है। दुनिया आज सिर्फ भारत की वैक्सीन का इंतज़ार ही नहीं कर रही, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा Vaccination प्रोग्राम भारत कैसे चलाता है, इस पर भी नज़रें हैं।

इस वैश्विक महामारी के दौरान भारत ने जो सीखा है, वही अब आत्मनिर्भर भारत अभियान की प्रेरणा बन गया है।

हमारे यहां कहा गया है- शतहस्त समाह सहस्रहस्त सं किर यानि सैकड़ों हाथों से अर्जन करो, हज़ारों हाथों से बांटो। भारत की आत्मनिर्भरता के पीछे का भाव भी यही है। करोड़ों भारतीयों के परिश्रम से जो प्रोडक्ट्स भारत में बनेंगे, जो Solutions भारत में तैयार होंगे, उससे पूरी दुनिया का लाभ होगा।

दुनियां इस बात को कभी नही भूल सकती हैं कि जब Y-2-K (वाय-टू-के) समय भारत की भूमिका क्या रही, भारत ने किस प्रकार से विश्व को चिन्तामुक्त किया था इस मुश्किल समय में हमारी Pharma Industry का रोल, ये दिखाता है कि भारत जिस भी क्षेत्र में समर्थ होता है, उसका लाभ पूरी दुनिया तक पहुंचता है।

आज पूरी दुनिया को अगर भारत पर इतना ज्यादा Trust है, तो इसमें आप सब प्रवासी भारतीयो का भी बहुत बड़ा योगदान है। आप जहां भी गए, भारत को, भारतीयता को साथ लेकर गए। आप भारतीयता को जीते रहे, आप भारतीयता से लोगो को जागते भी रहे। और आप देखिए Food हो या Fashion, Family Values हों या फिर Business Values, आपने भारतीयता का प्रसार किया है।

मेरा ये हमेशा से मानना रहा है कि भारत का कल्चर अगर दुनियाभर में लोकप्रिय हुआ है तो- magazines, cookbooks या manuals से ज्यादा आप सभी के जीवन के कारण, आप सभी के आचरण के कारण, आप सभी के व्यवहार के कारण ये सब संभव हुआ है। भारत ने कभी भी कुछ भी दुनिया पर न थोपा है, न थोंपने की कोशिश की हैं, न कभी थोंपने का सोचा हैं। बल्कि दुनिया में आप सभी ने भारत के लिए एक जिज्ञासा पैदा की, एक Interest पैदा किया है। भले वो कौतुक शुरू हुआ हो लेकिन वो Convention तक पहुँचा हैं।

आज जब भारत, आत्मनिर्भर बनने के लिए आगे बढ़ रहा है तो यहां भी Brand India की पहचान को मजबूत बनाने में आपका रोल अहम है। जब आप Made In India Products का ज्यादा से ज्यादा Use करेंगे तो आपके इर्द-गिर्द रहने वालों में भी इनको लेकर विश्वास बढ़ेगा। आपके colleagues को, आपके दोस्तों को जब आप Made In India Products Use करते हुए देखेंगे तो क्या आपको इस पर गर्व नहीं होगा?

Tea से लेकर Textile और Therapy तक, ये कुछ भी हो सकता है। मुझे तो आनंद होता हैं जब खादी दुनिया में आकर्षण का केंद्र बन रही हैं। इससे आप भारत के Export का Volume तो बढ़ाएंगे ही, साथ ही भारत की Rich Diversity को भी दुनिया तक पहुंचाएंगे।

सबसे बड़ी बात, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आप दुनिया के गरीब से गरीब तक Affordable और Quality Solutions पहुंचाने का ज़रिया बनेंगे।

भारत में Investment हो या फिर बड़ी मात्रा में Remittances (रेमीटनसिस) का Contribution, आपका योगदान अतुलनीय है। आपकी Expertise, आपके Investment, आपके Networks, आपके अनुभव का लाभ हर भारतीय पूरा हिंदुस्तान हमेशा-हमेशा के लिए गौरव भी करता हैं और आपके लाभ के लिय वह हमेशा आतुर भी राहत हैं। इसके लिए हर ज़रूरी कदम उठाए भी जा रहे हैं।

आप में से काफी लोग जानते हैं कि कुछ सप्ताह पहले ही पहली बार ‘वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक समिट’ यानि ‘वैभव’ का आयोजन किया था। इस सम्मलेन में 70 देशों के 25 हज़ार से ज्यादा Scientists और experts ने करीब साढ़े 7 सौ घंटों तक चर्चा की।

इससे 80 Subjects पर करीब 100 रिपोर्ट्स निकलीं, जो कई क्षेत्रों में technologies और systems के विकास में काम आने वाली हैं। ये संवाद अब ऐसे ही जारी रहेगा। इसके अलावा बीते महीनों में भारत ने Education से लेकर Entrepriseतक सार्थक बदलाव के लिए Structural Reforms किए हैं। इससे आपके Investment के लिए Opportunities का विस्तार हुआ है।

Manufacturing को Promote करने के लिए Production Linked Subsidies Scheme बहुत कम समय में बहुत पॉपुलर हुई हैं आप भी इसका भरपूर लाभ उठा सकते हैं।

भारत सरकार हर समय, हर पल आपके साथ, आपके लिए खड़ी है। दुनियाभर में कोरोना लॉकडाउन से विदेशों में फंसे 45 लाख से ज्यादा भारतीयों को वंदे भारत मिशन के तहत रेस्क्यू किया गया। विदेशों में भारतीय समुदाय को समय पर सही मदद मिले, इसके लिए हर संभव प्रयास किए गए। Pandemic के कारण विदेशों में भारतीयों के रोज़गार सुरक्षित रहें, इसके लिए Diplomatic स्तर पर हर संभव कोशिश की गई।

Gulf  सहित अनेक देशों से लौटे साथियों के लिए ‘Skilled Workers Arrival Database for Employment Support’ यानी स्वदेस नाम की नयी पहल शुरू की गई। इस database का उद्देश्य वन्दे भारत मिशन में लौट रहे workers की skill mapping करना और उन्हें भारतीय और विदेशी कंपनियों से जोड़ना है।

इसी तरह दुनियाभर में भारतीय समुदाय के साथ बेहतर connectivity के लिए रिश्ता नाम का नया पोर्टल launch किया है। इस portal से मुश्किल समय में अपने समुदाय से Communicate करना, उन तक तेज़ी से पहुंचना आसान होगा। इस पोर्टल से दुनियाभर के हमारे साथियों की Expertise का भारत के विकास में उपयोग करने में भी मदद मिलेगी।

यहां से अब हम आज़ादी के 75वें साल की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। अगला प्रवासी भारतीय दिवस, आज़ादी के 75वें वर्ष के समारोह से भी जुड़ा होगा।

महात्मा गांधी, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद जैसे अनगिनित महान व्यक्तित्वों की प्रेरणा से दुनियाभर के भारतीय समुदाय ने आजादी में अहम भूमिका निभाई है। ऐसे में ये समय उन साथियों को, उन सेनानियों को भी याद करने का है जिन्होंने भारत से बाहर रहते हुए भारत की आज़ादी के लिए काम किया।

मेरा विश्व भर में फैले भारतीय समुदाय के लोगो से और हमारे मिसन में बैठे हुए सभी लोगों से ये आग्रह रहेगा कि हम एक Digital Plateformएक Portal तैयार करें। और उस पोर्टल में ऐसे प्रवासी भारतीयों का जिन्होंने आजादी की जंग में विशेष भूमिका निभाई उनकी सारी तथ्याधारित चीज़े वह रखी जाए, जहां भी फ़ोटो उपलब्ध हैं फ़ोटो रखी जाए। और विश्वभर में कब किसने क्या किया और कैसे किया इन बातों का उसमे वर्णन हो , हर भरतीय के पराक्रम का, पुरुषार्थ का, त्याग का, बलिदान का, भारतमाता के प्रति उसकी भक्ति का गुणगान हो, उनकी जीवनगाथाए हो, जिन्होंने विदेश में रहते हुए भारत को आजाद कराने में अपना योगदान दिया।

और में तो ये भी चाहूंगा की अब जो Quiz Competition के लिए जो Quiz तैयार होंगें उसमे विश्वभर में ऐसे भारतीय समुदाय के योगदान पर भी Quiz का एक अलग chapter हों। 500, 700 या 1000 वो सवाल हों जो विश्वभर में फैले हुए भारतीयों के विषय मे भी जिज्ञाषु लोगो के लिए ज्ञान का एक अच्छा सरोवर बन जाएं।

ऐसे कदम हमारे बंधन को मज़बूत करेंगे, आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे। आप सब इतनी बड़ी तादाद में आज Virtually मिले हैं। कोरोना के कारण रुबरु मिलना संभव नहीं हुआ हैं लेकिन भारत का हर नागरिक हमेशा यही चाहता हैं कि आप स्वस्थ रहें, आप सब सुरक्षित रहें, अपना और देश का नाम रौशन करते रहें।

इसी कामना के साथ में फिर एक बार सुरीनाम के राष्ट्रपति जी का ह्रदय पूर्वक आभार व्यक्त करता हूँ। उन्होंने जो हम सबको प्रेरणा दी हैं, हमारे साथ जुड़े हैं वे सचमुच में भारत को गौरव बढ़ाने वाले उन महापुरुषों में से एक हैं। में उनका भी विशेष धन्यवाद करता हूँ और इसी कामना के साथ आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

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