उत्तराखंड: चारधाम में मोर्चा संभालेंगे सेना के रिटायर्ड डॉक्टर
देहरादून : चारधाम यात्रा पर उत्तराखंड आने वाले तीर्थयात्रियों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, इसके लिए राज्य सरकार छह जनपदों में सेना के सेवानिवृत्त चिकित्सकों को नियुक्त करने जा रही है। इन चिकित्सकों की सेवा ऋषिकेश, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, पौड़ी और रुद्रप्रयाग में ली जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि इन डॉक्टरों के लिए ऊपरी आयु सीमा नहीं होगी। राज्य में ऐसे करीब 300 डॉक्टर अपनी सेवा देंगे।
इस वर्ष यात्रा सीजन में 85 से ज्यादा तीर्थयात्रियों की डॉक्टरों की अनुपलब्धता के कारण मौत हुई है। इनमें अधिकांश मृत्यु केदारनाथ और फिर यमुनोत्री, बद्रीनाथ और गंगोत्री में हुई। बहरहाल इस स्थिति से निपटने के लिए विभाग अब सेना के रिटायर्ड डॉक्टरों की मदद ले रहा है। सूत्रों के मुताबिक अब तक भारत के विभिन्न हिस्सों से लगभग 100 डॉक्टरों ने विभिन्न पदों के लिए स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया है। विभाग ने ऐसे किसी भी उम्र के विशेषज्ञ डॉक्टरों को मौका देने का फैसला किया है, जो शारीरिक रूप से फिट हैं।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस रावत का कहना है कि इन नियुक्ति में उम्र की बाध्यता नहीं है। बस नियुक्ति के लिए राज्य सरकार का क्लीयरेंस सर्टिफिकेट देना होगा। यह आवश्यक है कि चिकित्सक शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हो। क्योंकि उनको चारधाम मार्ग पर तैनात किया जाएगा।
बता दें कि राज्य में स्त्री रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, हृदय रोग विशेषज्ञ और रेडियोलॉजिस्ट की बहुत अधिक आवश्यकता है। रेडियोलॉजिस्ट की कमी से निपटने के लिए ही टेली-रेडियोलॉजी सेवा शुरू की जा रही है। राज्य में डॉक्टरों के 2400 पद मंजूर हैं, लेकिन तैनात मात्र 1100 ही हैं। ऐसे में दूरदराज के कई क्षेत्र अब भी डॉक्टर का इंतजार ही कर रहे हैं।
ऐसी स्थिति में राज्य सरकार श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को भी सेना को सौंपने की तैयारी कर चुकी है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि वित्त विभाग की मंजूरी मिलते ही सेना के रिटायर्ड डॉक्टरों की भर्ती शुरू कर दी जाएगी। लगभग एक पखवाड़े में इसकी मंजूरी मिलने की उम्मीद है।