समाज कल्याण विभाग की समीक्षा करते हुए: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में समाज कल्याण विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सख्त रूख अपनाते हुए अधिकारियों से कहा कि उनकों एक-एक पैसे का हिसाब चाहिए। समाज कल्याण विभाग गरीबों की पेंशन और होनहारों की छात्रवृत्ति के पैसे का हिसाब रखें, यह एक सामाजिक और प्रशासनिक दायित्व भी है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि योजनाओं के अनुपालन की क्राॅस चेकिंग और उच्च स्तरीय अनुश्रवण लगातार होना चाहिए। बैठक में मुख्यमंत्री श्री रावत ने समाज कल्याण छात्रवृत्ति की धनराशि का पिछले कुछ सालो का वर्षवार विवरण भी तलब किया है। विवरण को अधिकारियों द्वारा बैठक में ना लाए जाने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि विवरण अगले 24 घण्टे में मुख्यमंत्री कार्यालय में उपलब्ध कराए।
मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को प्रदेश के दूरस्थ स्थानों में पेंशन शिविर आयोजित करने के निर्देश दिये। ऐसे शिविरों को बहुद्देशीय बनाया जाय जहां बैंक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी हो। पेंशन खातों को आधार नम्बर में लिंक करने का काम तेजी से हो। इसके लिये भी अभियान चलाकर कार्य किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि पात्र व्यक्तियों को ही पेंशन मिले यह सुनिश्चित किया जाय। किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जायेगी। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में 6.66 लाख पेंशन लाभार्थियों पर लगभग 800 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष व्यय होता है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री यशपाल आर्य, निदेशक समाज कल्याण श्री विष्णु सिंह धनिक, अपर सचिव श्री वी0 षणमुगम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।