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चीन को भारत के दवा उत्पादों के निर्यात पर वाणिज्य मंत्रालय ने अध्ययन रपट जारी की

नई दिल्ली: चीन को भारतीय दवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य, वाणिज्य विभाग ने बीजिंग में भारतीय दूतावास के समन्वय से बाजार में पहुंच के लिये पहल योजना (एमएआई – स्कीम) के तहत ‘चीन को भारतीय दवा उत्पादों का निर्यात बढ़ाना’ विषय पर अध्ययन कराया गया ताकि चीन के बाजार की सही समझ विकसित की जा सके और भारत के जेनेरिक ड्रग्स को चीन के बाजार में पहुंच दिलाने के लिये एक केंद्रित और उपयुक्त रणनीति के विकास के लिये भारतीय दवा उद्योग की मदद की जा सके।

इस अध्ययन ने चीन में चिकित्सा सेवा बाजार, दवा बाजार, वितरण प्रणाली, नीलामी एवं खरीद प्रक्रिया और नियामक परिदृ्शय की पड़ताल की। इस अध्ययन ने इस बात पर संस्तुतियां दी कि कैसे चीन के बाजार में प्रवेश किया जाये।

चीन के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में लगातार तीव्र गति से विकास हो रहा है और एक अनुमान के मुताबिक खपत जो कि सन 2011 में 357 अमेरिकी डॉलर थी उसके 2020 तक बढ़कर 1 खरब अमेरिकी डॉलर हो जाने की उम्मीद है। दवाइयों से लेकर चिकित्सा उत्पादों से लेकर स्वास्थ्य सेवा उपभोक्ताओं, हर मामले में चीन विश्व के सबसे आकर्षक बाजारों में से एक बना हुआ है, और सभी प्रमुख उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में अभी तक सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है।

आईएमएस हेल्थ की टीम ने इसे PHARMEXCIL और इस उद्योग के अन्य हितधारकों के साथ इस अध्ययन को पूरा किया है।

Photo Caption – चीन को भारत के दवा निर्यात पर एक अध्ययन रिपोर्ट को जारी करते हुये वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री

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