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तालिबान राज में अफगानिस्तान में तबाही और भुखमरी जैसे हालात, संयुक्त राष्ट्र ने किया आगाह, जानें क्‍या कहा

संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान के किसानों और पशुपालकों के ऊपर तबाही और भुखमरी की तलवार लटकी हुई है। शीत ऋतु के प्रारंभ होते ही उनकी स्थिति और बदतर होती जा रही है। खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने स्पष्ट किया है कि मानवीय पहुंच में सुधार नहीं हो सका है। कीमतें आसमान छू रही हैं और लोगों की आवश्यकता संसाधनों के पार जा रही हैं। अफगानिस्तान में एफएओ के प्रतिनिधि रिचर्ड ट्रेंचर्ड ने कहा कि स्थिति अत्यंत भयावह है। जिन किसानों ने हमसे बात की है इस साल उनकी फसल तबाह हो गई। कई को अपने पशुओं को बेच देना पड़ा। वे कर्ज में डूबे हुए हैं और उनके पास अब कोई पैसा नहीं बचा है। खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के मुताबिक आवश्‍यक वस्‍तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं जो लोगों की हैसियत से बाहर हैं।

रिचर्ड ट्रेंचर्ड ने कहा कि कोई किसान अपनी जमीन नहीं छोड़ना चाहता लेकिन जब आपके पास भोजन नहीं है, आपके पास पिछली फसल का अनाज नहीं है, खेतों में बीज नहीं हैं और पशुधन हाथ से चले गए हैं तो आपके पास कोई विकल्प नहीं होता है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के अनुसार अफगानिस्‍तान में 1.88 करोड़ लोग अपना पेट भरने में असमर्थ हैं। वर्ष के अंत तक यह संख्या बढ़कर लगभग 2.3 करोड़ हो जाएगी।

इस बीच संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपना दूतावास खोल दिया है। अगस्त में तालिबान के सत्ता संभालने से पहले अधिकांश देशों ने अपना दूतावास बंद कर दिया था। दूसरी ओर पूर्वी अफगानिस्तान में स्थित शहर जलालाबाद में हवाई अड्डा संचालन के लिए तैयार है और जल्दी ही यहां ईरान से मानवीय मदद पहुंचने लगेगी।

तालिबान के प्रवक्ता जहीबुल्ला मुजाहिद ने ट्वीट किया है, ‘संयुक्त अरब अमीरात ने अपना ध्वज फहराकर राजधानी काबुल में दूतावास खोल दिया है। सकारात्मक दिशा में एक और सकारात्मक कदम। यूएई का अफगानिस्तान के साथ पहले से ही बेहतर रिश्ता रहा है जिसे और मजबूत करने की जरूरत है।’

उधर, नानगरहार प्रांत के गवर्नर कार्यालय ने घोषणा की है कि जलालाबाद में हवाई अड्डा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमानों की उड़ान के लिए तैयार है। अधिकारी शीघ्र ही इस्लामिक रिपब्लिक आफ ईरान से इस हवाई अड्डे के माध्यम से मदद हासिल करेंगे। हवाई अड्डे पर उड़ान संबंधी सभी तकनीकी और सुरक्षा मुद्दे का समाधान कर लिया गया है। 

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