उत्तर प्रदेश

यूपी में सपा को बड़ा झटका, दो सदस्यों ने विधान परिषद की सदस्यता से दिया इस्तीफा

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता बुक्कल नवाब और यशवंत सिंह ने राज्य विधान परिषद की सदस्यता से आज इस्तीफा दे दिया.

विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने दोनो के इस्तीफे की पुष्टि की है. यादव ने कहा कि विधान परिषद के दोनो सदस्य अलग-अलग आये थे और इस्तीफा देकर चले गये.

नवाब ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि उनका समाजवादी पार्टी (सपा) में दम घुट रहा था. सपा पार्टी न रहकर अब अखाडा बन गयी है.  उन्होंने बाप-बेटे (मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव) को मिलाने की काफी कोशिश की, लेकिन दोनो एक-दूसरे से सुलह करने को तैयार ही नहीं हैं. कार्यकर्ता वहां घुटन महसूस कर रहे हैं.

विधान परिषद के सभापति रमेश यादव को सुबह ही सौंपे इस्तीफे में उन्होंने कहा है कि सपा में अब उनकी रहने की इच्छा नहीं है इसलिय वह परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैं. नवाब ने हाल ही में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में बयान दिया था. उन्होंने कहा था, राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में नहीं होगा तो कहां होगा. मंदिर निर्माण तो होना ही चाहिये.

करीब 40 वर्षों से सार्वजनिक जीवन व्यतीत कर रहे श्री नवाब को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है.

नवाब ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अच्छा काम कर रहे हैं. दोनो ही सबका साथ-सबका विकास की नीति पर चल रहे हैं.

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तारीफ में कसीदे पढ रहे नवाब के भाजपा में शामिल होने की अटकलें हैं. नवाब के एक नजदीकी ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में वह शाम तक ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं.

मूल रुप से आजमगढ के रहने वाले यशवंत सिंह भी काफी दिनों से खिन्न चल रहे थे. वह अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे बहुचर्चित निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के नजदीकी माने जाते हैं. सिंह ने हालांकि किसी पार्टी विशेष में शामिल होने के बारे में स्पष्ट कुछ नहीं कहा, लेकिन माना जा रहा है कि वह भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं.

विधान परिषद में इन दोनो का कार्यकाल छह जुलाई 2022 तक था. कुल 100 सदस्यों वाली विधान परिषद में सपा के 66 सदस्य थे. इन दोनो के इस्तीफे के बाद अब परिषद में सपा सदस्यों की संख्या घटकर 64 रह गयी है.

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