राजनीति

राहुल गांधी ने तलब की रिपोर्ट, मिशन 2019 में जुटने को कहा

देहरादून : मिशन 2019 के अपने मिशन पर निकले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश संगठन के साथ ही वरिष्ठ नेताओं से उनका रिपोर्ट कार्ड तलब कर लिया। देर शाम कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान राहुल ने प्रदेश की भाजपा सरकार के पांच माह के कार्यकाल में खामियों पर पार्टी के पलटवार पर जवाब तलब कर कार्यकर्ताओं के साथ वरिष्ठ नेताओं को भी चौंका दिया।

देर शाम जौलीग्रांट एयरपोर्ट के समीप एक होटल में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओं से मुलाकात को पहुंचे राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह को सामने देखकर तपाक से पूछा कि राज्य की सरकार कैसे काम कर रही है।

प्रीतम सिंह ने सरकार की नीतियों से जनता में रोष का जिक्र करते हुए शराब, खनन, किसान आत्महत्या के मुद्दों पर पार्टी के विरोध के बारे में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को बताया। उन्होंने राहुल को उत्तराखंड दोबारा आने का न्योता दिया तो उन्होंने सिर हिलाकर सहमति दी।

इसके बाद राहुल ने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश से भी सदन में कांग्रेस की रिपोर्ट ली। नेता प्रतिपक्ष ने उन्हें बताया कि खनन, मोबाइल वैन से शराब बिक्री के साथ ही भ्रष्टाचार पर सरकार के जीरो टॉलरेंस के विरोधाभासी रुख को पार्टी ने निशाने पर लिया।

राहुल ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से भी सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि जिस शराब के ब्रांड को लेकर उनकी सरकार के खिलाफ हो-हल्ला मचाया गया, अब भाजपा सरकार खुद उसकी ब्रांडिंग कर रही है। उन्होंने केंद्र की पिछली यूपीए सरकार और राज्य की कांग्रेस सरकार की खाद्य सुरक्षा नीति, नंदादेवी-गौरादेवी योजना के जरिए महिला सशक्तीकरण की नीतियों को कमजोर करने का आरोप भाजपा की प्रदेश सरकार पर लगाया।

पार्टी नेताओं के साथ संवाद के दौरान राहुल ने विधानसभा चुनाव में केंद्र सरकार के तीन वायदे अधूरे रहने का जिक्र कर भाजपा को घेरने के टिप्स दिए।

उन्होंने कहा कि किसानों को सहूलियत नहीं मिल रही हैं और वे आत्महत्या को मजबूर हैं। दो करोड़ रोजगार के स्थान पर तीन साल में सिर्फ 1.35 लाख को ही रोजगार मिल सका है। आनन-फानन जीएसटी लागू किए जाने से कारोबारी परेशान है। राहुल करीब आधा घंटा पार्टी नेताओं से बातचीत के बाद रात्रि करीब साढ़े आठ बजे नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

कार्यकर्ताओं से मिलाने में छूटे पसीने

राहुल गांधी से कार्यकर्ताओं को मिलाने में प्रदेश संगठन के पसीने छूट गए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से दून पहुंचने पर एयरपोर्ट पर राहुल का जोरदार स्वागत करने एलान किया था। इस वजह से बड़ी संख्या में ही शुक्रवार सुबह पार्टी कार्यकर्ता जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंच गए।

बड़ी तादाद में उमड़ी भीड़ से अव्यवस्था भी हावी हो गई। बाद में राहुल खुद भी भीड़ में घुसकर कार्यकर्ताओं से मिले। देर शाम भी एक होटल में राहुल से मिलने वाले 162 कार्यकर्ताओं की सूची तैयार की गई, लेकिन यह संख्या भी ज्यादा हो गई। इस वजह से प्रदेश संगठन सुबह से शाम तक कड़ी मशक्कत करता दिखा।

सतह पर अंतर्कलह

राहुल गांधी के दौरे से ऐन पहले प्रदेश संगठन की अंतर्कलह सामने आ गई थी। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के करीबी प्रदेश संगठन के उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट व मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी ने उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी थी।

बाद में पार्टी नेताओं ने मध्यस्थता करते हुए मसले को निपटा दिया। हालांकि, राहुल के दौरे के दौरान सभी गुटों ने एकजुट दिखने की पुरजोर कोशिश की। लेकिन, इसके बावजूद नेताओं में आपसी खींचतान छिप नहीं सकी। एयरपोर्ट पर भी दिलों की ये दूरी साफ दिखाई दी।

हार से न हों हताश, मिशन 2019 में जुटें: राहुल

विधानसभा चुनाव के कड़वे अनुभव को भूलकर कांग्रेस अब मिशन 2019 की तैयारी में जुट गई है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को अपने दून दौरे में पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश फूंकते हुए अगले लोकसभा चुनाव में पूरी शिद्दत से जुटने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि चुनाव हारे-जीते जाते हैं, पार्टी के लोगों को हताश होने की जरूरत नहीं है। भविष्य में कांग्रेस को पूरी ताकत से वापस लाना है। राहुल के इस कदम को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के मिशन 350 की काट के तौर पर देखा जा रहा है।

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पहली बार उत्तराखंड की अंतरिम राजधानी देहरादून का रुख कर राहुल गांधी ने सियासी मकसद साफ कर दिया। हालांकि दून के प्रतिष्ठित दून स्कूल के एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे राहुल ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश मुख्यालय या अन्य कहीं बैठक करने से गुरेज किया, लेकिन नई दिल्ली से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने पर एयरपोर्ट के बाहर ही पहले भीड़ में घुसकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर और उन्हें मिशन 2019 में जुटने का संदेश देकर अपने सियासी एजेंडे को जाहिर करने में देर नहीं लगाई।

नाम लिए बगैर भाजपा को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि फिरकापरस्त ताकतें देश के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करना चाहती हैं। इनका मुकाबला एकजुटता के साथ डटकर करना है।

हार के चलते कार्यकर्ताओं के मनोबल पर पड़े बुरे असर को दूर करने के लिए मेलजोल के इस सिलसिले को उन्होंने देर शाम को भी जारी रखा। दून स्कूल के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद राहुल ने देर शाम जौलीग्रांट एयरपोर्ट के समीप ही स्थित एक होटल में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।

इस मुलाकात में भी उन्होंने यह कहते हुए कार्यकर्ताओं का हौसला अफजाही की कि चुनाव में हार से निराश होने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस को 2019 में फिर से वापस लाने में जुटना होगा। बीते रोज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जिस तरह अगले लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए 350 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, इसके जवाब में राहुल ने कार्यकर्ताओं को भी मिशन 2019 का लक्ष्य थमाने में देर नहीं लगाई।

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