उत्तर प्रदेश

15 कंपनियों ने सरकार को चूना लगाकर किया करोड़ों का वारा न्यारा

लखनऊ  स्रोत पर कर की कटौती की राशि उपभोक्ता से वसूलने के बावजूद आयकर विभाग में जमा न करने, ऊपर से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रिफंड हासिल कर लेने वाली 15 कंपनियों के विरुद्ध सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज की है। करोड़ों का वारा न्यारा करने वाली इन कंपनियों में से तीन लखनऊ की हैं। गाजियाबाद व नोएडा की चार-चार कंपनियां हैैं। इस हेराफेरी में आयकर विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता होने का संदेह है।
सीबीआइ की आर्थिक अपराध शाखा (लखनऊ ब्रांच) में दर्ज एफआइआर में कहा गया है कि 12 कंपनियों ने कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (सीआइटी-टीडीएस) कानपुर के कार्यालय और तीन कंपनियों ने सीआइटी टीडीएस लखनऊ के कार्यालय से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टैक्स डिडक्शन अकाउंट नंबर (टीएएन) हासिल किया।

वर्ष 2010 से 2016 के बीच इन कंपनियों ने अपने उपभोक्ता से स्रोत पर कर आयकर जमा करने के लिए टैक्स वसूल लिया लेकिन उसे जमा नहीं किया गया। ऊपर से व्यक्तिगत पैन नंबरों का इस्तेमाल करके लाखों रुपये का रिफंड हासिल कर लिया, जिससे आयकर विभाग को करोड़ों रुपये का चूना लगा। यह मामला आयकर अधिकारियों ने आंतरिक जांच में पकड़ा और आयकर बोर्ड ने करोड़ों रुपये का वारा न्यारा होने व विभाग के कुछ कर्मचारियों की अधिकारियों की मिलीभगत के संदेश में सीबीआइ जांच कराने की संस्तुति की। मंगलवार को सीबीआइ के एसपी प्रणव कुमार के आदेश पर एफआइआर दर्ज की गई है।

लखनऊ की कंपनियां
1- गंगोत्री शुगर एंड डिस्ट्रलरी लिमिटेड, 548, करामत मार्केट, महानगर लखनऊ
2- हिंदुस्तान ब्रूयरीज लिमिटेड, जी 48. करामत मार्केट, महानगर लखनऊ
3- द नारंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड, 3-764 वास्तु खंड, विश्राम विल्ंिडग गोमतीनगर
लखनऊ की कंपनी
4- करट्लोन यूनाइटेड इंटरनेशनल, 19-14 जे, जैनपुर इंडस्ट्रियल एरिया कानपुर देहात

 

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