उत्तर प्रदेश

काॅरीडोर में 50 प्रतिशत भूखण्ड एमएसएमई के लिए होगें आरक्षित: डा० नवनीत सहगल

 लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव डा0 नवनीत सहगल ने बताया कि राज्य में निर्मित एवं निर्माणाधीन सभी एक्सप्रेस-वे के निकट औद्योगिक काॅरीडोर का विकास किया जायेगा। इसके लिए भूमि के चिन्हांकन की जिम्मेदारी मण्डलयुक्त/जिलाधिकारियों दी गई है।

     डा0 सहगल ने बताया कि यह काॅरीडोर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सपे्रस-वे, बुन्देखण्ड एक्सप्रेस-वे तथा राज्य के अन्य क्षेत्रों में विकसित हो रहे काॅरीडोर के निकट 05 किमी की दूरी के अन्तर्गत स्थापित किये जायेंगे। ग्राम सभा की 05 एकड़ से अधिक भूमि एक जगह उपलब्ध होने पर इसको मिनी औद्योगिक काम्पलेक्स के रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मिनी औद्योगिक काम्पलेक्स के विकास हेतु भूमि निःशुल्क उद्योग निदेशालय को उपलब्ध करायी जायेगी। इस क्षेत्र में 50 प्रतिशत भूखण्ड सूक्ष्म तथा लघु उद्योगों के लिए आरक्षित होगें।

     प्रमुख सचिव ने बताय कि विकसित हो रहे एक्सप्रेस-वे के 05 किमी की परिधि में 05 एकड़ से अधिक ग्राम समाज की अनारक्षित भूमि उपलब्ध होने की दशा में उद्योग विभाग द्वारा प्रस्ताव जिलाधिकारी को भेजा जायेगा। जिलाधिकारी द्वारा प्राप्त प्रस्तावों को औद्योगिक काम्पलेक्स विकसित करने के लिए भूमि का पुनग्र्रहण कर उद्योग निदेशालय को उपलब्ध कराया जायेगा। पुनर्ग्रहीत भूमि औद्योगिक विकास के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के निर्वतन पर रखी जायेगी।

     डा0 सहगल ने बताया कि औद्योगिक काम्पलेक्स तथा मिनी औद्योगिक काम्पलेक्स को विकसित करने संबंधित भूमि के पुनर्ग्रहण के बारे में मण्डलायुक्त/जिलाधिकारियों तथा आयुक्त एवं निदेशक उद्योग को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।

      उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार छोटी इकाइयों, लघु उद्योगों एवं परंपरागत व्यवसायियों को उनके समीप भूमि उपलब्ध कराकर औद्योगीकरण को बढ़ावा देना चाहती है। इससे ओ.डी.ओ.पी. उद्यमियों को भी पनपने का मौका मिलेगा।

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