अरुंधती भट्टाचार्य बोलीं, बदलाव से डरे नहीं, उसे आत्मसात करें
देहरादून : वेल्हम गर्ल्स के स्थापना समारोह में मुख्य अतिथि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पूर्व चेयरमैन अरुंधती भट्टाचार्य ने अपने तजुर्बे के साथ सफलता का सूत्र ऐसा पिरोया कि सहजता से बात हर किसी के जेहन में उतर गई। उन्होंने भावी पीढ़ी से दो टूक कहा कि बदलाव से डरने की नहीं उसे आत्मसात करने की जरूरत है।
वेल्हम गर्ल्स के हीरक जयंती समारोह में अरुंधती ने कुछ ही देर में जिंदगी का फलसफा भावी पीढ़ी के सामने रख दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपना भविष्य खुद तराशता है। राह में तमाम चुनौतियां आएंगी। यह आप पर निर्भर करता है कि इन्हें रुकावट समझें या इनसे पार पाकर आगे बढ़ जाएं। अरुंधती ने छात्राओं को बढ़ते रहने की सीख दी। उन्होंने कहा कि लक्ष्य की तरफ बढ़ते कुछ बड़ा हासिल ना भी कर पाएं तो जिंदगी काफी कुछ सिखा जरूर देगी। यह अनुभव कहीं न कहीं काम आएगा। उन्होंने छात्राओं को शेयरिंग का मंत्र भी दिया।
बोर्ड ऑफ गवनर्स की अध्यक्ष विनीता बाली ने कहा कि किसी व्यक्ति या संस्था के लिए छह दशक बहुत खास होते हैं। यह 60 वर्ष हमें बेहतर करने की प्रेरणा देते रहेंगे। उन्होंने बताया कि किस तरह स्कूल क्वालिटी एजुकेशन के साथ ही जीवन मूल्यों पर भी ध्यान देता आया है। स्कूल की प्रधानाचार्य पदमिनी सम्बासिवम ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। कार्यक्रम में स्कूल में 25 वर्ष की सेवा देने वाले शिक्षक-कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा शैक्षिक व गैर शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राएं भी सम्मानित हुई।
नवधा रसधारा ने मोहा मन
हीरक जयंती समारोह का खास आकर्षण नवधा रसधारा की प्रस्तुति रही। जिसमें एक नारी के जीवन को नव रस की माध्यम से बखूबी प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्तुति में छात्राओं की मेहनत व उनकी लगन साफ झलकी। नृत्य और संगीत की ऐसी बयार बही कि हर कोई मस्त हो गया।
पूर्व प्रधानाचार्य को समर्पित किया कार्यक्रम
स्कूल का स्थापना दिवस समारोह पूर्व प्रधानाचार्य दिवंगत शांति वर्मा को समर्पित किया गया। सभी ने उनका स्मरण किया। कार्यक्रम में पूर्व प्रधानाचार्य ज्योत्सना बरार को भी सम्मानित किया गया। उन्होंने स्कूल व एक शिक्षक की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जमीन पर पड़ा एक सूखा पत्ता भी हवा में आकाश की ओर उड़ने लगता है। एक शिक्षक हवा का यही झोंका है।
बयां किया छह दशक का सफर
स्कूल को ‘टैडपोल’ के रूप में नया एक्टिविटी सेंटर मिल गया है। जिसका रविवार को शुभारंभ किया गया। इसके अलावा रविवार सुबह स्कूल के छह दशक को प्रदर्शित करती एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। जिसमें संस्थापक से लेकर वर्तमान प्रधानाचार्य के व्यक्तिगत योगदान को भी रेखांकित किया गया।
इन्हें मिला सम्मान
स्पिरिट ऑफ वेल्हम-अमला श्रीवास्तव।
गोल्ड मेडल फॉर एडेकमिक्स-नव्या सुरेखा।
आइएससी में सर्वाधिक अंक-नव्या सुरेखा।
आइसीएसी में सर्वाधिक अंक-इशिता अग्रवाल।
बेस्ट फ्यूचर सिटीजन-रिंचन अंगमो।
ट्रॉफी फॉर हेल्पफुलनेस-गुंचिका भल्ला।
नाट्य कला में सर्वश्रेष्ठ-अनन्या सिंह।
सितार में उत्कृष्ट-सेजल कपूर।
कला में सर्वश्रेष्ठ-उर्वी सेठ।
संगीत में सर्वश्रेष्ठ-क्यारा बख्शी व भक्ति बंसल।
नृत्य में सर्वश्रेष्ठ-श्रेया बहुखंडी।
कला वर्ग में सर्वश्रेष्ठ-पूर्वी पारेख।
वाणिज्य वर्ग में सर्वश्रेष्ठ-अरीना मक्कर।
विज्ञान वर्ग में सर्वश्रेष्ठ-सुखमन अरोड़ा।
इन्हें भी मिला सम्मान
शिक्षिका नीना अग्रवाल, ऑफिस स्टाफ परमवीर गुरुंग और सहायक स्टाफ रेखा उनियाल, कृष्णा, टक बहादुर और नन्हें।