उत्तर प्रदेश

वीरशैव महाकुम्भ के हीरक महोत्सव को सम्बोधित करते हुएः सीएम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि भारत सांस्कृृतिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत समृृद्ध राष्ट्र है। यहां अनेक जाति-संप्रदाय हैं। विभिन्न धर्मों, संप्रदायों की उपासना विधियां अलग-अलग हैं। लेकिन सभी का उद्देश्य लोक कल्याण एवं राष्ट्र कल्याण है। सभी पंथ अलग-अलग मार्गों से लोक कल्याण का लक्ष्य प्राप्त करते हैं।

मुख्यमंत्री जी आज जनपद वाराणसी में वीरशैव महाकुम्भ के हीरक महोत्सव में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि काशी विश्व की सबसे प्राचीन नगरी है। काशी सांस्कृृतिक रूप से अत्यन्त समृद्ध है। यह नगरी विश्व में धर्म और अध्यात्म के महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध है। यहां पर विभिन्न पंथांे और संप्रदायों के उपासना केंद्र हैं। जंगमबाड़ी मठ वीरशैव परंपरा का केंद्र है। उन्होंने मठ के जगद््गुरु डॉ0 चंद्रशेखर का अभिनंदन करते हुए कहा कि इस मठ के गुरुकुल का शताब्दी समारोह प्रेरणादायक है। वर्षों से हजारों छात्रों ने यहां ज्ञानार्जन और मौलिक चिंतन किया। काशी की गौरवशाली परंपरा की यहां अनुभूति हो रही है। काशी की समृद्ध परंपरा यहां आगे बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत दुनिया में एक ताकत के रूप में उभर रहा है। प्रधानमंत्री जी संसद में काशी का प्रतिनिधित्व करते हैं। दुनिया में प्रधानमंत्री जी जहां भी जाते हैं काशी की छाप छोड़ते हैं। प्रधानमंत्री जी ने योग की परंपरा को मान्यता और प्रतिष्ठा दिलायी। आज पूरी दुनिया योग को मानती है। विश्व योग दिवस के रूप में दुनिया ने योग को अंगीकृत किया है। कुंभ, भारत की आध्यात्मिक व लोक समागम की अद्भुत परंपरा है। यूनेस्को ने कुंभ को विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है। विभिन्न संप्रदायों की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक समृद्धि व गौरवशाली परम्पराएं जुड़ेंगी तो भारत विश्व का नेतृत्व करता दिखेगा।

जंगमबाड़ी मठ के गुरुकुल के छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वीरशैव मठ के छात्रों ने भारत की प्राचीन परम्परा को आगे बढ़ाया है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह पंथ प्रधानमंत्री जी के ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार करने में सहायक बनेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने एक ग्रंथ का विमोचन भी किया।

कार्यक्रम में पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी, विधान परिषद सदस्य श्री स्वतंत्र देव सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, संतगण, वीरशैव परंपरा के छात्र व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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