उत्तर प्रदेश

जनसेवा के कार्याे से जुड़े होने के कारण नागरिक सुरक्षा विभाग की जिम्मेदारी सर्वाधिक महत्वपूर्ण: धर्मपाल सिंह

लखनऊः प्रदेश सरकार के नागरिक सुरक्षा एवं राजनैतिक पेंशन विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने विभाग में संचालित योजनाओं, कार्यक्रमों एवं नीतियों की अद्तन प्रगति की गहन समीक्षा आज यहां विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में की। उन्होंने नागरिक सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गोरखपुर एवं बरेली जनपद की भांति ब्लैकआउट एवं हवाई हमले से बचाव के काल्पनिक प्रदर्शन जैसा अभ्यास लखनऊ में भी कराये जाने की योजना पर कार्य किया जाए। इसके अतिरिक्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उनके आश्रितों की पेंशन तथा लोकतंत्र सेनानियों तथा उनके आश्रितों को सम्मान राशि व अन्य सुविधायें समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। वर्तमान में प्रदेश में  38 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं 1045 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित हैं।
श्री धर्मपाल सिंह ने राजनैतिक पेंशन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि नियमित रूप से माह में एक बार विभागीय योजनाओं एवं कार्यों की समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाए। ताकि प्रत्येक योजना का क्रियान्वयन सुव्यवस्थित एवं सुनियोजित रूप से हो सके और अपेक्षित लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के देहान्त पर राजकीय सम्मान एवं अन्त्येष्ठि हेतु आर्थिक सहायता, रोडवेज की बसों में निःशुल्क बस यात्रा के देयकों, लखनऊ एवं मथुरा में सेवा सदन को बजट उपलब्ध कराया जाना तथा प्राप्त सुझाव एवं शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही एवं विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के अधिष्ठान संबंधी प्रकरणों की समीक्षा की।
श्री धर्मपाल ने नागरिक सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि नागरिक सुरक्षा विभाग अत्यन्त महत्वपूर्ण विभाग है और जनसेवा के कार्याे से जुड़े होने के कारण जनता के प्रति विभाग की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। इसलिए आवश्यक है कि किसी भी अप्रिय या भयावह स्थिति से निपटने हेतु नागरिक सुरक्षा वार्डनों द्वारा पेट्रोल की आग, फायरमैन लिफ्ट, ठोस पदार्थ की आग, झोपड़ी की आग, फायर एन्ट्री सूट, फ्री हैण्ड सीट, स्टेªचर, ड्रिल व बलैंकेट रेसक्यू का प्रदर्शन समय-समय पर किया जाए। इसके अतिरिक्त शांति काल में नागरिक सुरक्षा गतिविधियों को संचालित रखने के लिए विभिन्न स्तरों पर स्वयं सेवकों की बैठकों का आयोजन करके समन्वय स्थापित किया जाए।

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