उत्तर प्रदेश

BJP ने जारी की प्रत्‍याशियों की एक और लिस्‍ट, अमेठी से संजय सिंह तो दयाशंकर सिंह को यहां से मिला टिकट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रत्‍याशियों की एक और लिस्‍ट जारी कर दी है. पार्टी की इस लिस्‍ट में 45 लोगों के नाम हैं. भाजपा ने अमेठी से राजा डॉ. संजय सिंह (Raja Dr. Sanjay Singh) पर दांव खेला है, तो योगी कैबिनेट की मंत्री स्‍वाति सिंह के पति और यूपी भाजपा उपाध्‍यक्ष दयाशंकर सिंह (Dayashankar Singh) को बलिया नगर सीट से मैदान में उतारा है. इसके अलावा भाजपा ने बलिया की बैरिया सीट से अपनी बयानबाजी के कारण चर्चा में रहने वाले विधायक सुरेंद्र सिंह का टिकट काटा है. अब बैरिया से बलिया नगर के विधायक आनंद स्‍वरूप शुक्‍ला लड़ेंगे.

इसके अलावा भाजपा ने पडरौना से मनीष जायसवाल, भाटपार रानी से सभा कुंवर कुशवाहा, आजमगढ़ की फूलपुर पवई से रामसूरत राजभर, वाराणसी उत्‍तर से रवींद्र जायसवाल और वाराणसी दक्षिण से नीलकंठ तिवारी, वाराणसी कैंट से सौरभ श्रीवास्‍तव, भदोही से रवींद्र त्रिपाठी और मिर्जापुर से रत्‍नाकर मिश्रा को कैंडिडेट बनाया है.

बहरहाल, भाजपा ने अमेठी से राजा डॉ. संजय सिंह पर दांव खेला है, जो कि दो बार विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं. इसके अलावा वह दो बार लोकसभा और इतनी ही बार राज्यसभा सदस्य रहने के साथ केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले राजा डॉ संजय सिंह का इस बार अमेठी सीट पर सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी महाराजी देवी से मुकाबला होगा. साफ है कि अमेठी में इस बार राजा और प्रजा के बीच लड़ाई देखने को मिलेगी. बता दें कि कांग्रेस के बड़े नेता माने जाने वाले डॉ.संजय सिंह लोकसभा चुनाव के बाद पत्नी समेत हुए भाजपा में शामिल हुए थे.

इन छह महिलाओं को मिला टिकट
भाजपा की 45 कैंडिडेट की लिस्‍ट में 6 महिलाएं शामिल हैं. कोरांव (अजा) से राजमणि कोल, बाराबंकी से राजकुमारी मौर्य, रुधौंली से संगीता प्रताप जायसवाल, सलेमपुर (अजा) से विजयलक्ष्‍मी गौतम, गाजीपुर से संगीता बलवंत बिंद और मुहम्‍मदाबाद से अलका राय को मैदान में उतारा है.

जानें कैसा रहा है संजय सिंह का राजनीतिक सफर
अमेठी के राज परिवार से जुड़े संजय सिंह की गांधी परिवार से नजदीकियों के बाद सुर्ख़ियों में आए. 1980 में जब संजय गांधी ने अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा तो संजय सिंह ने उनका समर्थन किया था, लेकिन 1988 में वे जनता पार्टी से जुड़ गए. 1989 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अमेठी से राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. इसके बाद 1998 में एक बार फिर संजय सिंह ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी के साथ आ गए. 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें अमेठी से मैदान में उतारा. इस बार उन्होंने कांग्रेस के कप्तान सतीश शर्मा को हराया और पहली बार लोकसभा पहुंचे. इसके बादबाद 1999 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी ने उन्हें अमेठी से मैदान में उतारा. इस बार सोनिया गांधी ने उन्हें बड़े अंतर से हराया. 2003 में एक बार फिर संजय सिंह ने कांग्रेस में वापसी की. कांग्रेस ने 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें सुलतानपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया, जहां से जीतकर वे दूसरी बार लोकसभा पहुंचे. वहीं, 2014 में कांग्रेस ने उन्हें असम से राज्य सभा भेजा. 2019 के लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी ने उन्हें सुलतानपुर से हराया है. इस बार वह अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए थे. इसके बाद वह अपनी पत्‍नी समेत भाजपा में आ गए. इस बार भाजपा ने उन्‍हें अमेठी से विधानसभा चुनाव में उतारा है.

आखिर बलिया पहुंच ही गए दयाशंकर सिंह
यूपी भाजपा में उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को पार्टी ने बलिया नगर से चुनाव मैदान में उतारा है. भाजपा ने बलिया नगर से विधायक आनन्द स्वरूप शुक्ला की सीट बदली है. अब वह बलिया की बैरिया सीट से मैदान में होंगे. बता दें कि दयाशंकर सिंह मूल रूप से बक्सर बिहार के रहने वाले है जो बलिया से सटा जिला है. उनकी पढ़ाई लिखाई और शुरुआती राजनीति बलिया की ही रही है, इसीलिए ये कयास लगाये जा रहे थे कि उन्हें बलिया से उतारा जा सकता है और ऐसा ही हुआ है.

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