उत्तर प्रदेश

गांव-गरीब के विकास कार्य धरातल पर स्पष्ट रूप से नजर आने चाहिए: केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कि ग्राम्य विकास के कार्यों में पारदर्शिता सहभागिता व जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि गांव-गरीब के विकास के कार्य धरातल पर स्पष्ट रूप से नजर आने चाहिए।  श्री केशव प्रसाद मौर्य ने स्वयं सहायता समूहों की उपयोगिता, महत्व और महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समूहों के माध्यम से उत्तर प्रदेश समृद्धि के रास्ते पर अग्रसर हो रहा है। ग्रामीण आजीविका मिशन इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है। श्री केशव प्रसाद मौर्य बुधवार  को अपने कैंप कार्यालय सात-कालिदास मार्ग पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में ग्राम्य विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मनरेगा में मानव दिवस सृजन की संख्या को बढ़ाया जाए, इसके लिए होमवर्क करते हुए डिटेल स्टडी रिपोर्ट तैयार की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि मनरेगा मजदूरों का अवशेष भुगतान दिवाली से पहले अनिवार्य रूप से कर दिया जाए। बताया कि  मनरेगा में महिला सहभागिता 43 परसेंट है ,जो गत वर्षाे में सबसे अधिक है। कहा कि जिन ग्राम पंचायतों में महिला मेट चयन नहीं हुआ है वहां पर महिला मेट का चयन अनिवार्य  रूप से किया जाय। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में दो अमृत सरोंवरो का चिन्हांकन अभियान चलाकर पूरा किया जाए तथा उन्हें डेवलपमेंट करने की कार्यवाही टाइमलाइन बनाकर की जाए। बताया गया कि अमृत सरोवरो के निर्माण में उत्तर प्रदेश देश में पहले पायदान पर है, हरियाणा दूसरे व मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है। उन्होंने मनरेगा मजदूरों का भुगतान बी  सी सखियों के माध्यम से कराए जाने के निर्देश दिए। मनरेगा कन्वर्जेंस से हाईटेक नर्सरी के कार्यों में तेजी लाने की निर्देश दिए। ’मनरेगा श्रमिकों का पारिश्रमिक बढ़ाये जाने हेतु  सभी तथ्यों व परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए केन्द्र सरकार  से पत्राचार किया जाए’। उन्होंने मनरेगा कन्वर्जेंस के कार्यों में तेजी लाने तथा जिन विभागों में मनरेगा कन्वर्जेंस से कराए जा रहे हैं ,उनके उच्च अधिकारियों की बैठक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग के खाली पदों को भरा जाए। ग्राम्य विकास संस्थान व ग्राम्य विकास संस्थान के फील्ड के कार्यालयों, ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्राम्य विकास विभाग (मनरेगा), ग्रामीण अभियंत्रण विभाग व यूपीआरआरडीए में सभी तरह के विभिन्न श्रेणियों के कई हजार पदों को भरा जाना है।

गांवों की जल निकासी कार्य व ग्रामीण गलियों के कार्यों को दी जाय सर्वाेच्च प्राथमिकता
उन्होंने निर्देश दिए कि गांवो में जल निकासी के कार्यों को प्राथमिकता दी जाए, कहीं  भी जल भराव नहीं होना चाहिए ।निर्देश  दिए गांव की गलियों को इस प्रकार बनाया जाय कि वह ग्रामीणों के लिए ग्रामीण हाईवे जैसी लगे । विलुप्तप्राय नदियों के पुनरूद्धार कार्य को महाअभियान के रूप  में चलाये जाने के निर्देश दिए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को किया जाए और अधिक सक्रिय व क्रियाशील
उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम्य विकास विभाग  की वेबसाइट को अपडेट किया जाए।कहा कि  विभाग की सोशल मीडिया की पोस्ट को मुख्यमंत्री जी को , उप मुख्यमंत्री व  राज्य मंत्री ग्राम्य विकास आदि को अनिवार्य  रूप से टैग किया जाए । मुख्यमंत्री  गैस बोर्ड पर वांक्षित सूचनाओं को लगातार ससमय अपलोड किया जाता रहे।उन्होंने मनरेगा कॉल सेंटर के कार्यों  की मानीटरिंग करने तथा काल सेन्टर की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की निर्देश दिए।

ग्राम्य विकास संस्थान की अपग्रेडिग करने व प्रशिक्षण के सरलीकरण पर दिया जोर
ग्राम्य विकास संस्थान के कार्यों की भी उन्होंने समीक्षा की। बताया गया की 1लाख 11हजार से अधिक प्रतिभागियों को इस वर्ष प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने प्रशिक्षण की गुणवत्ता तथा लघुकालीन व दीर्घकालीन योजनाएं बनाने के निर्देश दिए। प्रशिक्षण  में  सरल प्रक्रिया का उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने प्रशिक्षण संस्थानों की लोकेशन वाइज सूची प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। निर्देश दिए कि प्रशिक्षण संस्थानों को अपग्रेड करते हुए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाए।
मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की प्राथमिकता श्रेणी में बंजारा जाति को  भी किया जायेगा शामिल
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की समीक्षा में बताया गया कि प्रदेश में अब तक 36.15 लाख आवास आवंटित किए गए हैं जो 90 प्रतिशत से अधिक पूर्ण हो गये है और रू 41805.05 करोड़ व्यय किये जा चुके हैं। सीएम आवास योजना-ग्रामीण की समीक्षा में बताया गया कि मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में दिव्यांगजनो को इस बार प्राथमिकता श्रेणी में रखा गया, परिणामस्वरूप इस वर्ष  71257 दिव्यांगजनो को मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में आवास दिए गए हैं। सीएम आवास योजना-ग्रामीण में बंजारा जाति को भी प्राथमिकता श्रेणी में शामिल करने की कार्यवाही करने के उन्होंने निर्देश दिए।

समूहों से महिला स्वावलंबन व सशक्तीकरण को मिल रहा बल
उप मुख्यमंत्री ने ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रमुख घटकों लक्ष्य व प्रगति की भी समीक्षा की। आवास योजना के लाभार्थियों को समूहों से जोड़े जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आजीविका मिशन में पेमेंट की प्रक्रिया के सरलीकरण पर जोर दिया और कहा कि बैंकर्स के साथ बैठक की जाए ।उन्होंने लखपति महिला योजना के लक्ष्य को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बी  सी सखियों की भांति विद्युत  सखियों को भी साड़ियां देने का प्रावधान किया जाने के लिए रूपरेखा बनाई जाए। उन्होंने कहा कि जिन ग्राम पंचायत में बी सी सखियों का चयन नहीं हुआ है वहां पर चयन  पूरा किया जाए। कहा कि समूहों  के गठन में तेजी लाई जाय, समूहों से महिला स्वावलंबन व सशक्तीकरण को बल मिल रहा है।उन्होंने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, फूड प्रोसेसिंग डिपार्मेंट की भी समीक्षा की।
बैठक में  कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, ग्राम्य विकास विभाग श्री हिमांशु कुमार, महानिदेशक राज्य ग्राम्य विकास संस्थान श्री राजेश कुमार सिंह, ग्राम्य विकास आयुक्त श्री जी एस प्रियदर्शी, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक श्रीमती दीपा रंजन, यूपीआरआरडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री सुखलाल भारती, विशेष सचिव ग्राम्य विकास श्री राजेंद्र सिंह, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के निदेशक श्री वीरपाल राजपूत, एस आई आर डी के अपर निदेशक श्री बी  डी चौधरी, संयुक्त निदेशक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन श्री जन्मेजय शुक्ला, अधीक्षण अभियंता आर ई डी, श्री ईशम सिंह सहित अन्य उच्च स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

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