उत्तर प्रदेश

निदेशक स्वयं नोडल अधिकारियों के साथ पाक्षिक समीक्षा करें: श्रीमती स्वाती सिंह

लखनऊ: प्रदेश की महिला कल्याण तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाति सिंह ने आज यहां बाल विकास सेवा पुष्टाहार के निदेशालय में विभागीय समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने समस्त जिला कार्यक्रम अधिकारियों एवं प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिए कि 15 जनवरी तक किशोरी तथा वीरांगना दल की ट्रेनिंग कराकर मुख्यालय को अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि उपभोग प्रमाण पत्र 15 फरवरी तक हर हाल में निदेशालय को भेज दें । उन्होंने कहा कि इस कार्य में लापरवाही पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

बाल विकास पुष्टाहार मंत्री ने निदेशक को निर्देश दिया कि विभाग की सभी संचालित योजनाओं के नोडल अधिकारी नामित कर योजनाओं को सत्यापित कराकर उसकी रिपोर्ट तत्काल मंगवाए।  उन्होंने निर्देश दिया कि सभी नोडल अधिकारियों के साथ स्वयं निदेशक पाक्षिक  समीक्षा करेंगे। नोडल अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही एवं उदासीनता किए जाने पर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

श्रीमती सिंह ने सभी जनपदीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि शासन की मंशा के अनुरूप पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्य निष्ठा के साथ कार्य करें। उन्होंने हॉट कुक्ड फूड योजना की प्रगति पर असंतुष्ट होते हुए मंत्री ने जिला कार्यक्रम अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कड़े निर्देश दिए। उन्होंने  कहा कि अधिकारी आंगनबाड़ी केन्द्रों का नियमित भ्रमण एवं निरीक्षण करें। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्वच्छता एवं साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाय। केन्द्रों द्वारा लाभार्थियों को उपलब्ध कराये जा रहे पुष्टाहार का पूरी पारदर्शिता के साथ वितरण सुनिश्चित किया जाय।

समीक्षा बैठक में वित्तीय वर्ष , 2017-18 एवं 2018-19 में आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण की प्रगति एवं आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्मित भवनों के उपयोग प्रमाण पत्र, आर०आर०एस० पोर्टल पर लाभार्थियों की फीडिंग, किशोरी बालिका योजना की वेबसाइट पर फीडिंग की स्थिति की समीक्षा की गई।  इसके साथ ही मंत्री ने हॉट कुक्ड फूड योजना के तहत उसके संचालन एवं एस0एच0जी0 के गठन सहित निदेशालय द्वारा आवंटित धनराशि के सापेक्ष एवं एफसीआई से खाद्यान्न पाने की स्थिति की गहन समीक्षा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने ‘‘मुख्यमंत्री सुपोषण घर’’ योजना के अंतर्गत चयनित सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कक्ष की उपलब्धता तथा स्थापना संबंधी सुविधाओं सहित अन्य विभिन्न बिंदुओं पर समीक्षा की।

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