देश-विदेश

डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 के फैलाव को रोकने हेतु मास्क और सैनिटाइजर के वितरण के लिए पंजाब नेशनल बैंक के राष्ट्रव्यापी सीएसआर अभियान की शुरुआत की

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज कोविड-19 के प्रसार को रोकने हेतु फेस मास्क और सैनिटाइजर वितरित करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक(पीएनबी) के अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर पंजाब नेशनल बैंक के एमडी और सीईओ श्री एस.एस.मल्लिकार्जुन राव और बैंक के के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इसमें पीएनबी के देश भर में मौजूद 22 अंचल कार्यालयों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।

राष्ट्रीय मुद्दों पर पीएनबी के योगदान की सराहना करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक भारत का पहला स्वदेशी बैंक है जिसकी स्थापना राष्ट्रवाद की भावना के साथ किया गया था और यह लाला लाजपत राय जैसे स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरित था। यह भारतीय पूंजी के साथ शुद्ध रूप से भारतीय नागरिकों द्वारा प्रबंधित पहला बैंक है। उन्होंने बताया कि आजादी से पहले की अवधि के दौरान इस बैंक को जलियांवाला बाग समिति का खाते खोलने का गौरव हासिल है जिसे बाद में महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा संचालित किया गया था।

डॉ. हर्षवर्धन ने ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोविड-19 माहमारी की चपेट में है, फेस मास्क और सैनिटाईजर वितरण की जिम्मेदारी को उठाने के लिए पंजाब नैशनल बैंक का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि पीएनबी इस महामारी से निपटने की लड़ाई में सरकार के प्रयासों का समर्थन कर रहा है। बैंक ने पीएम केयर फंड में दान देने और फेस मास्क तथा सैनिटाइजर के वितरणके लिए सीएसआर गतिविधियों के आयोजन जैसे कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मास्क का इस्तेमाल और हाथों की अच्छी तरह सफाई कोविड से निपटने में उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देता है और यह इस बीमारी से बचने के लिए फिलहाल मौजूद सबसे अच्छा ‘सामाजिक टीका’ है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पंजाब नैशनल बैंक पूरे देश में 662 जिलों में ऐसी सामग्री (फेस मास्क, सैनिटाईजर)वितरित कर रहा है और मैं पीएनबी को उनके इन प्रयासों के लिए बधाई देता हूं।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 से निपटने की सामूहिक लड़ाई को याद करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि चीन द्वारा विश्व समुदाय को वायरस के बारे में सूचित किए जाने के 24 घंटे के भीतर ही विशेषज्ञों की समिति की पहली बैठक स्वास्थ्य मंत्रालय में आयोजित की गई थी। उन्होंने बताया कि देश ने जनवरी, 2020 में पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में नॉवेल कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए सुसज्जित सिर्फ एक प्रयोगशाला से अब काफी प्रगति की है और अभी देश में लगभग 1268 प्रयोगशालाएं हैं। इससे पहले, श्वसन वायरस के सभी नमूनों को परीक्षण के लिए अमेरिका भेजा जाता था। उन्होंने यह भी कहा कि देश में अगले 10 से 12 सप्ताह के भीतर एक दिन में दस लाख लोगों का परीक्षण करने की क्षमता होगी।

डॉ.हर्षवर्धन ने मास्क, पीपीई आदि के निर्माण के लिए घरेलू क्षमता में वृद्धि पर विस्तार से बताते हुए कहा कि हमने पहले पीपीई, एन-95 मास्क और वेंटिलेटर आयात किए थे। हालांकि, सरकार की पहल के साथ हमारे उद्यमियों ने हालात बदलने और इन चीजों की घरेलू मांग को पूरा करने में सफलता पाई।

डॉ.हर्षवर्धन ने यह भरोसा भी व्यक्त किया कि देश इस संकट पर विजय हासिल कर लेगा। हमने पहले भी देश में कई बीमारियों से प्रभावी तरीके से निपटने में सफलता पाई है। उन्होंने कहा कि हमने पोलियो और चेचक का सफाया कर दिया है और हम एड्स, निपाह वायरस, स्वाइन फ्लू और जीका की चुनौतियों से भी निपट चुके हैं। उन्होंने कहा कि हम इबोला को देश में प्रवेश करने से रोकने में सक्षम रहे हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि सभी के सामूहिक प्रयासों की बदौलत हम इस चुनौती से भी निपटने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड से होने वाली मौतों के संदर्भ में दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार के प्रभावी नैदानिक ​​प्रबंधन प्रोटोकॉल के कारण आज यह मृत्यु दर 2.46% है।

पंजाब नैशनल बैंक के सीईओ श्री एस.एस. मल्लिकार्जुन राव ने कहा कि प्रधानमंत्री की देशव्यापी अपील के बाद उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) आदि जैसे विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर अर्थव्यवस्था की मजबूती में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि हमने जन धन योजना के तहत और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को जोड़कर प्रधानमंत्री के आत्म-निर्भर भारत अभियान के कार्यान्वयन में भी योगदान दिया है।

पीएनबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन को मास्क और सैनिटाइजर की एक कोविड ​​किट, बैंक के गौरवशाली इतिहास पर एक किताब और अन्य स्मृति चिन्ह भेंट किए।

Related Articles

Back to top button