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भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग (सीसीआई) ने 20 मई, 2019 को अपना 10वां वार्षिक दिवस मनाया

नई दिल्ली: भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग (सीसीआई) ने कल यानी 20 मई, 2019 को अपना 10वां वार्षिक दिवस मनाया जो प्रतिस्‍पर्धा अधिनियम, 2002 के व्‍यापक प्रवर्तन प्रावधानों की अधिसूचना जारी होने को दर्शाता है।

इस अवसर पर भारत सरकार के 15वें वित्‍त आयोग के अध्‍यक्ष श्री एन.के. सिंह ने ‘क्‍या प्रतिस्‍पर्धी संघवाद को सहकारी संघवाद का पूरक होना चाहिए’ विषय पर वार्षिक दिवस व्‍याख्‍यान दिया।

श्री एन.के. सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद 280 को ध्‍यान में रखते हुए वित्‍त आयोग के दायरे, क्षेत्राधिकार और कर्तव्‍यों के बारे में विस्‍तार से बताया। उन्‍होंने इस ओर ध्‍यान दिलाया कि आर्थिक संरचना, आबादी संबंधी प्रबंधन और प्रशासनिक व्‍यवस्‍था की दृष्टि से राज्‍यों से जुड़े विशिष्‍ट मुद्दों को ध्‍यान में रखते हुए केन्‍द्र और राज्‍यों के बीच कर राजस्‍व का आदर्श वितरण करना अत्‍यंत चुनौतीपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि वित्‍त आयोग, हालांकि, समानता की सराहना करते हुए दक्षता को पुरस्‍कृत करने की कोशिश करेगा।

उन्‍होंने समान अवसर सुनिश्चित करने वाले एक बाजार नियामक के रूप में भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि बड़ी तेजी से वैश्वीकृत एवं आपस में निर्भर होती दुनिया में भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग की भूमिका को अत्‍यंत गतिशील एवं जीवंत बनाने की जरूरत है। उन्‍होंने इस तथ्‍य को भी रेखांकित किया कि बड़ी तेजी से वैश्वीकृत एवं आपस में निर्भर होती दुनिया और भी ज्‍यादा निजी निवेश आकर्षित करने में समर्थ होगी एवं राज्‍य सरकारें अपने यहां सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने में इससे लाभ उठा सकती हैं।

श्री सिंह ने एक बाजार नियामक गठित करने की आवश्‍यकता को भी रेखांकित किया, क्‍योंकि बाजारों में समुचित प्रतिस्‍पर्धा संसाधनों का इष्‍टतम उपयोग सुनिश्चित करती है और इसके साथ ही नवाचार भी संभव हो पाता है। उन्‍होंने इस तथ्‍य पर भी प्रकाश डाला कि भारत में अब तक जो आर्थिक सुधार लागू किए गए हैं, उनके तहत मुख्‍यत: उत्‍पाद बाजार (प्रोडेक्‍ट्स मार्केट) पर फोकस किया गया है और अब समय आ गया है कि फैक्‍टर मार्केट पर भी फोकस किया जाए, जिनमें श्रम एवं भूमि कानूनों में सुधार और पूंजी तक पहुंच सुनिश्चित करना शामिल हैं।

इससे पहले भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग के अध्‍यक्ष श्री अशोक कुमार गुप्‍ता ने अपने स्‍वागत भाषण में कहा कि सीसीआई एक युवा, लेकिन अनुभवी नियामक है और इसने संबंधित कानूनों पर विश्‍वसनीय ढंग से अमल और हितधारकों के साथ नियमित संवाद के जरिए बाजारों में प्रतिस्‍पर्धा की संस्‍कृति विकसित करने की कोशिश की है।

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