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किसान सम्मान निधि: केंद्र सरकार हर वर्ष किसानों के खाते मे भेजती है 6000 रुपये

      किसान सम्मान निधि योजना का शुभारंभ देश भर के सभी खेतीहर किसानों के परिवारों को आय सहायता प्रदान करके किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था, ताकि उनकी कृषि और संबद्ध गतिविधियों के साथ-साथ घरेलू व्यय की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। इस योजना के तहत प्रति वर्ष 6,000 रुपये की राशि को 2000 रुपये की तीन मासिक किस्तों में प्रत्येक चौथे माह किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित किया जाता है। . प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का औपचारिक रूप से शुभारंभ 24 फरवरी, 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक भव्य समारोह के साथ किया था। यह योजना 01 दिसम्बर, 2018 से प्रभावी है।  लाभार्थियों की पहचान का पूर्ण दायित्व राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों पर है। योजना के लिए एक विशेष वेब-पोर्टल www.pmkisan.gov.in प्रारंभ किया गया है। लाभार्थियों को वित्तीय लाभ पीएम-किसान वेब-पोर्टल पर उनके द्वारा तैयार और अपलोड किए गए आंकड़ों के आधार पर जारी किए जाते हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से किसानों को आय सहायता का बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाया गयाहै,जिसमेंअब तक 11.37 करोड़ लाभार्थियों को 1.58 लाख करोड़ रू. दिए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बड़ा सुरक्षा कवच है, जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है।

        उत्तर प्रेद्श मैं अबतक दो करोड़ 59 लाख 95 हजार 328 किसानों को  37388 करोड़ रुपए से अधिक हस्तांतरित किए जाचुके हैं ।  प्रदेश के 03 लाख 70 हजार से अधिक और किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि  मिलने का रास्ता साफ हो गया है।  यह वे किसान हैं जो दस्तावेजों में गड़बड़ी अथवा अन्य छोटी-मोटी तकनीकी गलतियों के कारण अब तक पीएम-किसान से वंचित थे।  एकमुश्त इतनी बड़ी तादात में किसानों की समस्या का समाधान कर उत्तर प्रदेश देश में नम्बर एक पर है।  केंद्र सरकार ने इसके लिए राज्य सरकार की सराहना की है और राज्य को सर्वश्रेष्ठ  राज्य के रूप में सम्मानित किया गया है ।

किसानों को खाद-बीज खरीदने के लिए बड़ा संबल साबित हुई इस योजना का लाभ पाने के लिए जरूरी आधार नंबर गलत होने के कारण या आधार के अनुसार नाम सही नहीं होने के कारण बहुत से किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पा रहा था।  इसके अलावा बैंक रिकॉर्ड में गड़बड़ी के कारण बहुत से किसानों का पेमेंट रिस्पॉन्स पेंडिंग था, तो कुछ के पेमेंट फेल हो रहे थे । ऐसे में प्रदेश  सरकार ने विशेष अभियान चलाकर किसानों की इन  समस्याओं का निस्तारण कराया।

इस योजना के तहत प्रारंभ में पूरे देश में 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि रखने वाले सभी छोटे और सीमांत किसानों के परिवारों को आय सहायता प्रदान की गई। बाद में 01 जून 2019 से इसके दायरे को विस्तारित करते हुए देश के सभी खेतीहर किसान परिवारों को इसमें शामिल किया गया। पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जहां भूमि स्वामित्व के अधिकार समुदाय आधारित हैं, वन निवासी और झारखंड, जिनके पास भूमि के अद्यतन रिकॉर्ड और भूमि हस्तांतरण पर प्रतिबंध नहीं है। नामांकन के लिए, किसान को राज्य सरकार द्वारा नामित स्थानीय पटवारी/राजस्व अधिकारी/नोडल अधिकारी (पीएम-किसान) से संपर्क करना होगा। किसान पोर्टल में फारमर्स कॉर्नर के माध्यम से अपना स्व-पंजीकरण भी करा सकते हैं। पोर्टल में फारमर्स कॉर्नर के माध्यम से किसान अपने आधार डेटाबेस कार्ड के अनुसार पीएम-किसान डेटाबेस में अपने नाम में सुधार कर सकते हैं। पोर्टल में फारमर्स कॉर्नर के माध्यम से किसान अपने भुगतान की स्थिति भी जान सकते हैं। लाभार्थियों के ग्राम-वार विवरण भी फारमर्स कॉर्नर पर उपलब्ध हैं। कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) को भी शुल्क के भुगतान पर योजना के लिए किसानों के पंजीकरण के लिए अधिकृत किया गया है। फारमर्स कॉर्नर पर दी गई उपरोक्त सुविधाएं सीएससी के माध्यम से भी उपलब्ध हैं।

पीएम-किसान पोर्टल में राज्य नोडल अधिकारी (एसएनओ) द्वारा पंजीकृत लाभार्थी 4 माह की अवधि से अपने लाभ के हकदार हैं। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने स्थिति सत्यापन के लिए 24 घंटे 7 दिन कार्य करने वाली एक स्वचालित आईवीआरएस आधारित हेल्पलाइन का भी शुभारंभ किया है। किसान अपने आवेदन की स्थिति जानने के लिए 1800-11-5526 या 155261 डायल कर सकते हैं। इसके अलावा, किसान अब ईमेल pmkisan-ict@gov.in पर पीएम किसान टीम से संपर्क कर सकते हैं। राज्य सरकारें किसानों के लिए समय-समय पर शिविरों का भी आयोजन कर रही हैं ताकि उनके आवेदन विवरणों में सुधार किया जा सके। 1 दिसंबर, 2019 को या उसके बाद मिलने वाली सभी किस्तों का भुगतान लाभार्थियों को केवल आधार प्रमाणीकृत बैंक डेटा के आधार पर ही किया जा रहा है ताकि वास्तविक लाभार्थियों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ दोहरे भुगतान से बचा जा सके।

     प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के सलाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से आच्छादित करने की योजना बनाई है और किसानों को खेती-किसानी में आर्थिक संकट से बचाने के लिए किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने का निर्देश दिया है। एक विशेष अभियान संचालित कर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे किसानों का केसीसी बनवाने के लिए जागरूक किया जायेगा। अभियान सफल हो इसके लिए राजस्व लेखपालों को डोर-टू-डोर सर्वे करते हुए शत-प्रतिशत किसानों को क्रेडिट कार्ड से आच्छादित कराने का निर्देश दिया गया है।

     उत्तर प्रदेश सरकार की तत्परता और प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का सबसे अधिक लाभ प्रदेश के किसानों के मिला है । इस योजना से निशित ही करोड़ों किसान लाभान्वित होरहे हैं जिनका अबतक कोई पुरसा हाल नहीं था।

देवांशी हजेला

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