उत्तर प्रदेश

प्रस्तावित नीति में पूर्वांचल और बुंदेलखण्ड में निवेश पर अधिक फोकस: डा0 नवनीत सहगल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश को ग्लोबल टेक्सटाइल्स हब बनाने एवं हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग के क्षेत्र में निवेशको को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार शीघ्र ही नई टेक्सटाइल्स एवं गारमेंटिंग पालिसी-2022 लाने जा रही है। इसमें उद्यमियों को 40 प्रतिशत तक कैपिटल इन्वेस्टमेंट सब्सिडी के साथ ही तमाम प्रकार की आकर्षक सुविधाएं देने की व्यवस्था की जायेगी।
टेक्सटाइल्स एवं गारमेंटिंग पालिसी-2022 के ड्राफ्ट को अंतिम रुप देने के लिए आज लोक भवन में अपर मुख्य सचिव, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग डा0 नवनीत सहगल की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में विभागीय अधिकारियों के साथ वित्त एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारी तथा विभिन्न औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि देश के अन्य राज्यों की टेक्सटाइल्स एवं गारमेंटिंग पालिसी का अध्ययन कर इस नीति को तैयार किया गया है। राज्यों की तुलना में यहां निवेश करने वाले निवेशकों को विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है। प्रस्तावित नीति में पूर्वांचल और बुंदेलखण्ड मंे निवेशको को अतिरिक्त लाभ दिया जायेगा।
डा0 सहगल ने बताया कि इस नीति में 100 प्रतिशत तक स्टाम्प ड्यूटी एवं लैंड कॉस्ट सब्सिडी देने का प्राविधान किया जा रहा है। साथ ही अवस्थापना सुविधाओं के लिए अनुदान दिया जायेगा। रोजगार सृजन हेतु सब्सिडी दी जायेगी। औद्योगिक संस्थानों में महिला वर्कर रखने पर अतिरिक्त अनुदान दिया जायेगा। राज्य से निर्यात बढ़ाने के लिए एक्सपोर्ट सब्सिडी एवं इलेक्ट्रिकसिटी ड्यूटी में छूट दी जायेगी। निजी टेक्सटाइल्स पार्क विकसित करने वाले विकासकर्ता को 100 प्रतिशत रिम्बर्समेंट दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी होने से पांच वर्ष के अंदर उद्यमियों को प्रोडक्शन शुरू करने होंगे।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि टेक्सटाइल्स एवं गारमेंटिंग पालिसी-2017 के तहत हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग क्षेत्र में निवेश के 79 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिसमें से 53 एमएसएमई तथा 26 लार्ज, मेगा एवं सुपर मेगा उद्योगों के लिए थे। आने वाली नई नीति से अधिक से अधिक संख्या में निवेशक उत्तर प्रदेश आयेंगे और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ होंगे। साथ ही उत्तर प्रदेश कपड़ा निर्माता के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।

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