उत्तर प्रदेश

नक्षत्रों एवं ग्रहों के बारे में ‘‘मोबाइल नक्षत्रशाला’’ से दूर किया जा रहा है भ्रम

लखनऊ: एक ओर जहां हमारे देश के वैज्ञानिक मंगल ग्रह और चन्द्रमा उपग्रह में जीवन की तलाश कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर समाज में अवैज्ञानिक कार्यकलापों का वातावरण बना हुआ है। आज भी गाॅवों में ही नही शहरों में भी जगह-जगह पर ढोंगी व पाखण्डी बाबाओं के चमत्कार और अंधविश्वासी तान्त्रिकों का जाल फैला हुआ है। इतना ही नही विज्ञान के प्रति रूचि न होने के कारण स्कूली विद्यार्थियों की संख्या दिनों-दिन घटती जा रही है। यह एक गम्भीर राष्ट्रीय समस्या बन गयी है। यह जानकारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिसर उत्तर प्रदेश के निदेशक डाॅ0 वेदपति मिश्र ने दी।

श्री मिश्र ने बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप प्रदेश में सुदूर ग्रामों तक के जनमानस तथा बच्चों में वैज्ञानिक सोच, कार्य और व्यवहार का वातावरण स्थापित करने के लिए विज्ञान जागरूकता के कार्यक्रम और तेजी से चलाये जा रहे हैं। प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की वैज्ञानिक संस्था विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ.प्र. ने जनपद स्तर पर गठित जिला विज्ञान क्लबों के माध्यम से जन-जन के बीच विज्ञान का वातावरण तेजी से फैलाने के लिए ष्विज्ञान सबके लिएष् टैग लाइन के साथ विज्ञान जागरूकता अभियान माध्यमिक विद्यालयों तथा सुदूर गाॅवों में चलाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जिला विज्ञान क्लबों द्वारा प्लास्टिक व थर्माकोल का उपयोग न करने, मौसम व जलवायु परिवर्तन पर वैज्ञानिक जीवन शैली अपनाने, कुपोषण के विरूद्व पौष्टिक व संतुलित आहार लेने की वैज्ञानिक जानकारियां विद्यार्थियों तथा महिलाओं में तेजी से प्रसारित की जा रही हैं। समाज का कोई वर्ग विज्ञान से वंचित न रहें इस उद्देश्य से सिद्व और उपयोगी भारतीय विज्ञान व भारतीय वैज्ञानिकों को जानने के लिए वैज्ञानिक व्याख्यान एवं प्रतियोगितायें और विज्ञान चेतना रैली आयोजित की जा रही हैं। नक्षत्रों व ग्रहों के बारे में जनमानस के बीच उत्पन्न किये जाने वाले भ्रम और अंधविश्वासों का पर्दाफाश करने के लिए ष्मोबाइल नक्षत्रशालाष्, जनपदों में स्कूलों के साथ-साथ महिलाओं व बालिकाओं के बीच पहुॅच रही है।

निदेशक ने बताया कि अब तक 60 जनपदों के ग्रामीण अंचलों मंे चलाये गये ष्विज्ञान सबके लिए’’ अभियान में 1000 से अधिक आयोजित जागरूकता कार्यक्रमों में 3000 विद्यालयों के लगभग 90,000 विद्यार्थियों, शिक्षकों को विज्ञान के बढ़ते कदमों के साथ चलने के लिए जोड़ा गया। ग्रामीण अंचलों में विशेष रूप से व्याप्त अवैज्ञानिक कार्यकलापों से जुडे़ अंधविश्वासांे, रूढ़िवादिताओं और कुरीतियों से ग्रामीणों को मुक्त कराने और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की नवीन गतिविधियों से लाभान्वित कराने के लिए विशाल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार प्रदर्शनियों का आयोजन कराकर 1,00,000 से अधिक आम जनमानस को जागरूक किया गया है।

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