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6 राज्यों में प्रायोगिक तौर पर शुरुआत: कृषि मंत्री श्री तोमर

नई दिल्ली: केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि देशभर में पंचायतों को डिजिटली रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार ने अनेक कार्यक्रम चलाए हैं। वे आज नई दिल्ली में पंचायत राज मंत्रालय की एक नई पहल- स्वामित्व योजना के बारे में दिशा-निर्देश जारी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य ग्रामीण लोगों को उनकी आवासीय संपत्तियों के दस्तावेज के साथ अधिकार प्रदान करना है ताकि वे आर्थिक प्रयोजनों के लिए अपनी संपति का इस्तेमाल कर सकें। यह कार्यक्रम फिलहाल छह राज्यों में प्रायोगिक तौर शुरू किया गया है। इसके तहत नवीनतम सर्वेक्षण पद्धतियों और ड्रोन का इस्तेमाल कर ग्रामीण आवासन भूमि का मानचित्रण किया जा सकता है।

सुचारू बनाने और संपदा अधिकारों पर स्पष्टता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। इससे संपत्ति संबंधित विवादों के समाधान में भी सहायता मिलेगी। पंजाब और राजस्थान में, इस वर्ष के दौरान 101 सतत परिचालन संदर्भ स्टेशन (कॉर्स) स्थापित किए जाएंगे जो अगले साल गांवों के बसे हुए क्षेत्रों के वास्तविक सर्वेक्षण और मानचित्रण के लिए मंच तैयार करेंगे।

मंत्री जी ने इस अवसर पर ई-ग्राम स्वराज के बारे में एक मानक संचालन प्रक्रिया-एसओपी भी जारी की। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के पालन से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि पंचायतों को दी गई धनराशि का दुरूपयोग न हो और इसके इस्तेमाल में पारदर्शिता कायम की जा सके।

उन्होंने कहा कि इस प्रकिया के जरिए पंचायती राज मंत्रालय के भुगतान पोर्टलों प्रिया सॉफट और पीएफएमएस को एकीकृत करते हुए एक सुदृढ़ वित्तीय व्यवस्था कायम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पंचायतों को डिजिटली सशक्त बनाने के लिए एक अभियान चलाने की आवश्यकता है। ई-ग्राम स्वराज पंचायती राज मंत्रालय की ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना के अंर्तगत पंचायत एंटरप्राइज सूट-पेस के हिस्से के रूप में विकसित अनुप्रयोग है।

इस अनुप्रयोग का लक्ष्य विकेन्द्रीकृत नियोजन, प्रगति रिपोर्टिंग और कार्य-आधारित लेखांकन के माध्यम से देश भर में पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) में ई-शासन में बेहतर पारदर्शिता और मजबूती लाना है। यह पंचायतों की विश्वसनीयता बढ़ाने में भी मदद करेगा जो पीआरआई को धन के अधिक से अधिक विकास के लिए प्रेरित करेगा। इसके अलावा, ई-ग्राम स्वराज उच्च अधिकारियों द्वारा प्रभावी निगरानी के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह पंचायतों की सभी योजनाओं और लेखांकन आवश्यकताओं के लिए एक एकल मंच होगा।

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