उत्तर प्रदेश

इन्वेस्टर्स समिट में आये नए निवेश प्रस्ताव में से लगभग 50 प्रतिशत उद्योगों में उत्पादन शुरू: सतीश महाना

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने वर्तमान परिदृश्य में बिजनेस कॉम्प्लेक्सिटी पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चीन से बाहर जाने वाले निवेश को आकर्षित करने के लिए सबसे पहले उन चीजों का उत्पादन शुरू करने की जरूरत है जो, उनसे आयात किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि कोविद महामारी के मद्देनजर राज्य में मौजूदा चुनौतियों के तहत उद्योगों को बनाए रखना प्राथमिकता मंे शामिल है। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट में आये नए निवेश प्रस्तावा में से लगभग 50 प्रतिशत उद्योगों में व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो चुका है।
भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा व्यावसायिक जटिलता पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री महाना ने कहा कि राज्य सरकार चीन से बाहर जाने वाले निवेशकों को आकर्षित करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने यूपी में उद्योगों के अस्तित्व और पुनरुद्धार के लिए उद्योग से प्राप्त इनपुट का स्वागत किया। साथ ही उद्यमियों की समस्याओं को प्राथमिकता पर निस्तारित कराने का आश्वासन भी दिया। वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस चर्चा में बड़ी संख्या में उद्यमी शामिल थे।
चर्चा के दौरान श्री राजेश सिक्का, अध्यक्ष, वेस्टर्न यूपी काउंसिल और एमडी, मेटाफ्लेक्स डोर्स प्राइवेट लिमिटेड ने सुझाव दिया कि व्यवसाय को जारी रखने के लिए नियमों को शिथिल करना चाहिए। उन्होंने उल्लेख किया कि डिजिटल तकनीक प्रभावी रूप से काम करने के लिए अपरिहार्य हो गई है। ळवदमूेप्दकपंण्बवउ के मुख्य संपादक श्री पंकज पचैरी ने उल्लेख किया कि उद्योगों के संचालन में निरंतरता के लिए कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उद्यम खुलने पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके अलावा, वर्तमान में बैंकों द्वारा हाल ही में घोषित एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए ऋणों के आवंटन में प्राथमिकता दी जाय।
इसी प्रकार यूपी स्टेट काउंसिल के निदेशक, दयाल ग्रुप के अध्यक्ष, अंकित गुप्ता ने कहा कि वर्तमान संकट कई व्यवसायों के लिए और भारत के लिए एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने का अवसर हो सकता है। इसलिए, यह चरण व्यावसायिक दक्षता में सुधार के लिए प्रक्रियाओं का आत्मनिरीक्षण करने का एक उपयुक्त समय है। चर्चा में आपूर्ति श्रृंखला जोखिम और व्यवधान के प्रबंधन के साथ-साथ नकदी प्रवाह के प्रबंधन पर पैनल चर्चा भी हुई।

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