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राजनाथ सिंह ने डिफेंस पीएसयू और ओएफबी द्वारा विकसित 15 उत्पादों का शुभारंभ किया

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज यहां ओएफबी और बीईएमएल के चार-चार उत्पादों, बीईएल के दो और एचएएल, बीडीएल, एमडीएल, जीआरएसई और जीएसएल के एक-एक उत्पाद का शुभारंभ किया, जिनको संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों/ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड द्वारा कल, 14 अगस्त 2020 तक जारी रहने वाले आत्मनिर्भर भारत’सप्ताह समारोह के भाग के रूप में विकसित किया गया है। इस कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत, रक्षा सचिव, डॉ. अजय कुमार, रक्षा उत्पादन सचिव, श्री राज कुमार और डीडीपी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। डीपीएसयू के सीएमडी और ओएफबी के चेयरमैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उनको संबोधित करते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता,‘आत्मनिर्भर अभियान’ के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को साकार करने के लिए “आत्मनिर्भर भारत” अभियान, भारत की रक्षा उत्पादन को आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि,“रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय द्वारा खरीद प्रक्रियाओं, उत्पादन नीतियों और स्वदेशीकरण पहलों को कारगर बनाने के लिए किए जा रहे ठोस प्रयासों के माध्यम से स्वदेशी रक्षा उत्पादों के विकास और निर्माण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आयात पर हमारी निर्भरता कम हो जाएगी और इससे विदेशी मुद्रा के बहिर्गमन को सीमित किया जा सकेगा, घरेलू उद्योग के विकास को प्रोत्साहित किया जा सकेगा, भारत को बाहरी दबाव से बचाया जा सकेगा और रक्षा उपकरणों को आजीवन कल-पुर्जे और सेवा सहायता प्रदान करना सुनिश्चित किया जा सकेगा।”

ओएफबी के निगमीकरण का उल्लेख करते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “अगर सरकारी स्वामित्व वाले रक्षा उद्योगों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है तो अप्रचलित प्रथाओं को समाप्त करना होगा। हमें राज्य के रक्षा उद्योगों को आधुनिक प्रबंधन तकनीक, प्रौद्योगिकी सम्मिश्रण और सहयोगात्मक प्रयास में सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है, जिससे वे कुशलतापूर्वक देश की सेवा कर सकें। इस उद्देश्य के साथ सरकार द्वारा ओएफबी का निगमीकरण करने की दिशा में कदम उठाया गया है। मुझे उम्मीद है कि यह कदम न केवल नियंत्रित मूल्य निर्धारण की बाधाओं को दूर करने में सहायक साबित होगा, बल्कि कॉर्पोरेट प्रबंधन प्रथाओं और कुशल प्रणालियों को भी प्रभावित करेगा। मैं समझता हूं कि ओएफबीके लिए यह खुद को फिर से मजबूती प्रदान करने वाली एक चुनौती होगी लेकिन मुझे उम्मीद है कि वे इसमें जरूर सफल होंगे।”

आज शुभारंभ किए गए उत्पादों में, डीआरडीएल, हैदराबाद के सहयोग से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, मेडक द्वारा विकसित नाग मिसाइल कैरियर (नामिका) का प्रारूप शामिल है। नामिका में आयात प्रतिस्थापन क्षमता है जो कि पहले चरण में 260 करोड़ रूपये है और बढ़कर 3,000 करोड़ रूपये तक जा सकती है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के अन्य उत्पाद, जैसे कि आयुध कारखाना त्रिची में मौजूदा सुविधाओं के साथ निर्मित, पूर्ण रूप से स्वदेशी 14.5 एमएम की एंटी मटेरियल राइफल, टी90 मुख्य युद्धक टैंक के लिए अपग्रेडेड कमांडर थर्मल इमेजर कम डे साइट और लंबी दूरी के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए राइफल फैक्टरी ईशापोर द्वारा विकसित 8.6×70 एमएम स्नाइपर का प्रारूप भी शामिल था।

रक्षा मंत्री ने आज शुभारंभ किए गए उत्पादों के लिए बीईएमएल की सराहना करते हुए कहा कि स्वदेशीकरण और आयात में कमी लाने की दिशा में उनके प्रयास बहुत ही प्रभावशाली हैं। उन्होंने कहा, “150 टन भार क्षमता वाला डंप ट्रक, सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक माइनिंग डंप ट्रकों में से एकऔर 180 टन क्षमता की सुपर जायंट माइनिंग एक्सीवेटर, दोनों स्वदेशी रूप से डिजाइन और तैयार किए गए हैं और आयातित उपकरणों की तुलना में 20% से ज्यादा की लागत लाभ प्रदान करने के साथ क्रमशः 1,500 करोड़ रूपयेऔर 220 करोड़ रूपये की अपेक्षित विदेशी मुद्रा बचाते हैं, जो वास्तविक रूप से ‘आत्मनिर्भर’ उत्पाद हैं। उन्होंने कहा कि “‘गौड़’, बीईएमएल की मध्यम बुलेट प्रूफ वाहन है जो उच्च गतिशीलता चेसिस पर निर्मित है औरजिसमें प्रभावशाली फीचर्स और कस्टमाइजेबल प्रोटेक्शन लेवल हैं, और कस्टम निर्मित हेलीपोर्टेबल 100 एचपी डोजर, जिनकाउच्च स्वदेशीकरण स्तर क्रमशः 85% और 94% है और येउल्लेखनीय उत्पाद हैं।

हिन्‍दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, एचएएल द्वारा 150वें डीओ-228 विमान का रोल आउट, सिद्ध प्लेटफॉर्म द्वारा स्वदेशी निर्माण में एक मील का पत्थर है। 150वें विमान को आईएन-259 के रूप में नामांकित करना और इसे भारतीय नौसेना के लिए समुद्री जासूसी देखभाल और खुफिया युद्ध के लिए एक समर्पित मंच के रूप में अनुकूलित करना, एचएएल की तकनीकी प्रगति का एक सच्चा प्रतिबिंब है। इसके अलावाएचएएल और आईआईएससी, कर्नाटक में आईआईएससी के चैलकेरे परिसर में एक कौशल विकास केंद्र स्थापित करने के लिए एक साथ आए हैं। इस केंद्र का लक्ष्य एक ऐसा मॉडल सुविधा केंद्र तैयार करना है जो “मेक इन इंडिया” मिशन के अनुरूप स्थानीय समुदाय के सदस्यों से लेकर उच्चस्तरीय इंजीनियरिंग पेशेवरों तक विभिन्न लाभार्थियों को कौशल विकास कार्यक्रम प्रदान करेगा।

लीनियर वेरिएबल डिफरेंशियल ट्रांसड्यूसर को पूर्ण रूप से बीईएल द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, जो गाइडिंग और लक्ष्य प्राप्ति में सटीकता और परिशुद्धता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है, और 1 किलोवाटट्रांसमीटर एरियल स्विचिंग रैक का शुभारंभ, जो भारतीय नौसेना को बेहतर दीर्घकालिक सहायता प्रदान करने के लिए है और एचएफ एरियल स्विचिंग यूनिट के लिए एक आयात प्रतिस्थापन है, ये सब वास्तविक रूप से स्वदेशी उत्पाद हैं।

कोंकुर्स लॉन्‍चर की पूरी कार्यक्षमता की जांच के लिए, पहले रूस से आयातित प्रणाली के स्थान पर भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, बीडीएल द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया कोंकुर्स लॉन्‍चर परीक्षण उपकरण, 17.7 मिलियन अमेरिकी डॉलर विदेशी मुद्रा की बचत करेगा।

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड नेभारतीय सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, अपने प्रकार का पहला कार्बन फाइबर पॉलिमर कम्पोजिट मटीरियल से बना पोर्टेबल पेडेस्ट्रियन (असॉल्ट) ब्रिज का डिजाइन और विकास किया है, जो वास्तविक रूप में एक ‘आत्मनिर्भर उत्पाद’ है।

जीएसएल द्वारा भारतीय तटरक्षक ऑफशोर पेट्रोल पोत परियोजना के लिए गियरबॉक्स का स्वदेशी विकास, न केवल आत्मनिर्भरता की बल्कि एक निजी कंपनी के साथ साझेदारी की भी एक सफल कहानी है, जिसके परिणामस्वरूप इसके स्वदेशीकरण से 5 जहाजों के सेट के लिए 37.50 करोड़ रूपये की बचत हुई है।

एमडीएल द्वारा, अंडरवाटर रिमोट संचालित वाहन जिसका प्रयोगशाला परीक्षण पूरा किया जा चुका है, आज चेन्नई में अपने फील्ड मूल्यांकन परीक्षण की शुरुआत कर रहा है।

रक्षा मंत्री ने रिमोट बटन दबाकर इन उत्पादों का अनावरण किया। उन्होंने डीपीएसयू और आयुध कारखानों के प्रबंधन और कर्मचारियों को स्वदेशी उत्पादों पर मंथन करने में उनके प्रयासों के लिए बधाई दी और ‘आत्मनिर्भर’ के लिए उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की। श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा उत्पादन सचिवऔर उनकी टीम को 07 से 14 अगस्त 2020 तक ‘आत्मनिर्भरता’ सप्ताह मनाने की दिशा में की गई पहल के लिए विशेष रूप से बधाई दी। उन्होंने कहा कि, “स्वदेशी उत्पादों और नए उत्पादों की प्रभावशाली सूची, जो आज जारी की गई है, मुझे विश्वास है कि डीपीएसयूऔर आयुध कारखानों के ‘आत्मनिर्भरअभियान’ के प्रमुख चालक साबित होंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण योगदान देंगें।” उन्होंने आगे कहा कि “आज शुभारंभ किए गए कुछ उत्पाद न केवल रक्षा क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे बल्कि जरूरत पड़ने पर नागरिक समाज के लिए भी उपयोगी साबित होंगे। डीपीएसयू और आयुध कारखाने राष्ट्रीय सुविधाएं हैं, जिनको लंबे समय तक निर्मित और मजबूत किया गया है और इनमें बहुत ज्यादा तकनीकी कौशल और क्षमता उपलब्ध है। उनके पास कुशल संरचना वाली आरएंडडी, परीक्षण सुविधाएं और विनिर्माण क्षमता मौजूद हैं जिनका उपयोग पूरी तरह से स्वदेशी डिजाइन, विकास और विनिर्माण के लिए किया जाना चाहिए।”

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