उत्तर प्रदेश

विधानसभा में लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ के साथ हुई घटना शर्मनाक- हम्माम वहीद

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की विधानसभा में कल जिस प्रकार विधानसभा की कार्यवाही का कवरेज करने आये पत्रकार बंधुओं पर हमले हुए हैं वह बहुत दुःखद है। सदन के अन्दर जहां लोकतंत्र के माध्यम से विधि बनाने का कार्य होता है वहां लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ को जिस प्रकार कुचला गया यह बहुत निंदनीय है। कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा से सवाल किया है कि क्या उ0प्र0 में अघोषित आपातकाल है?

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि क्या भाजपा की सरकार ने प्रदेश में अघोषित आपातकाल लागू की है? उन्होने कहा कि कल जिस प्रकार विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने लोकतंत्र की हत्या कर संविधान की धज्जियां उड़ाईं, जिस प्रकार प्रेस की आजादी पर सरकार लगातार अंकुश लगा रही है, वह लोकतंत्र के लिए बहुत ही हानिकारक है। लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ पर हमला शर्मनाक है।

प्रवक्ता ने कहा कि एक तरफ सरकार गरीबों की झोपड़िया बुलडोजर से रौंद रही है तो दूसरी ओर सदन में लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ मीडिया पर हमला करके आम जनमानस की आवाज को कुचलने का प्रयास कर रही है। भाजपा की योगी सरकार ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को तानाशाही में बदल रखा है।

प्रवक्ता ने कहा कि गलत नीतियों का विरोध करना, पीड़ित जनता की आवाज सदन में उठाना, विपक्ष का लोकतांत्रिक अधिकार है और लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए सदन की कार्यवाही का कवरेज करना मीडिया और पत्रकार बंधुओं की नैतिक जिम्मेदारी है लेकिन कल जिस प्रकार मीडिया बंधुओं को उनकी जिम्मेदारी के निर्वहन से रोकने का प्रयास किया गया और उनसे धक्का-मुक्की की गई, यह लोकतंत्र के लिए घातक है। कांग्रेस पार्टी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करती है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कल विधानसभा में हुई इस घटना से सिद्ध होता है कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती है। खुलेआम जनता के प्रतिनिधियों एवं प्रेस के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करती है।

 कांग्रेस प्रवक्ता हम्माम वहीद ने कहा कि सरकार क्यों इतना डर रही है? सरकार अपनी नाकामियों और असफलताओं को क्यों छुपाना चाहती है? अपने वादे पूरा करने में विफल सरकार अब विपक्ष की आवाज दबाकर राज करना चाहती है।

 कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र को बचाने के लिए, संविधान को बचाने के लिए, मीडिया की स्वतंत्रता के लिए इस मुद्दे पर पूरी मजबूती से सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी।

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