उत्तर प्रदेश

नियामक संस्थाओं और सरकार का चुप्पी साध लेना देश की जनता के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण समय: विकास श्रीवास्तव

लखनऊ: कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद भारत के मशहूर उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों के शेयर में गिरावट का दौर जारी है।नियामक संस्थाओं और सरकार का चुप्पी साध लेना देश की जनता के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण समय है।वह भी जब देश की वैश्विक स्तर पर आर्थिक छवि को लेकर पूरे विश्व में चिंता का विषय बना हुआ है।आज देशवासियों में इस आर्थिक अव्यवस्था की ख़बर से भ्रम और असमंजस की स्थिति पैदा हो चुकी है। सरकार को जनमानस के बीच स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार की इस मामले में बेरुखी को देखते हुए आगामी 6 जनवरी ,सोमवार को कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के निर्देश पर समूचे देश में कांग्रेसजन एसबीआई और एलआईसी मुख्यालयों संस्थानों पर अपना धरना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराके सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग करेंगे।कांग्रेस ने इस पूरे आर्थिक मामले और घटनाक्रम की विस्तृत जांच हेतु संसद में जेपीसी की मांग किया है। श्रीवास्तव ने बताया कि इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत समूचे उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में भी एसबीआई और एलआईसी के वित्तीय संस्थानों पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन देकर कांग्रेस कार्यकर्ता अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि कि इस आर्थिक संकट को लेकर और केंद्र सरकार के रुख हमेशा से अस्पष्ट रहा है। इस पूरे आर्थिक घटनाक्रम को देखते हुए देश के प्रमुख बैंकों, आरबीआई और सरकार ने किसी सरकारी बैंक के इस ऋण दान के विशेष ऑडिट कराने का निर्देश नहीं दिया है, जो अडानी समूह को दिए गए ऋण के नियमों और शर्तों को जांच के दायरे में लेकर जांच और ऑडिट करता हो। क्या वित्त मंत्री से, संसद में, इस मसले पर जवाब नहीं मांगा जाना चाहिए?

उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि आर्थिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट और तथ्यों अभिलेखों के अध्ययन से स्पष्ट है कि लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के ऋण का एक बड़ा हिस्सा बहुत कम अथवा बिना किसी संपत्ति के आधार पर दिया गया है। यह आर्थिक निर्णय समूह की संपत्ति का मूल्यांकन, मात्र एक कल्पना है।आज जब अडानी के शेयरों ने ₹46000 करोड़ का नुकसान हुआ। तो शेयर मार्केट लिस्टेड गौतम अडानी की 7 कंपनियों के मार्केट कैप में 2.83 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। शेयर मार्केट में आई गिरावट से गौतम अडानी की नेटवर्थ भी कम हुई है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि दूसरी ओर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद भारत की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) को भी तगड़ा झटका लगा है।गौतम अडानी की कंपनियों के शेयर गिरने से LIC के 18300 करोड़ रुपए डूब गए। दरअसल LIC ने अडानी ग्रुप की सात कंपनियों में निवेश किया है।बीते दो कारोबारी सत्रों में LIC में निवेश करोड़ रुपए डूबने का मतलब है कि देश के लाखों लोगों ने जीवन बीमा के लिए एलआईसी में जो पैसा जमा किया था, वह अडानी ग्रुप की शेयरों के साथ डूब गए।

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