उत्तर प्रदेश

धरती में जीवन बनाए व बचाए रखने के लिए वेटलैण्ड संरक्षण में अपना योगदान दे: दारा सिंह चैहान

लखनऊ: प्रदेश के वन पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं उद्यान मंत्री उ0प्र0 श्री दारा सिंह चैहान ने कहा है कि विष्व वेटलैण्ड दिवस प्रत्येक व्यक्ति को अपनी प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण व संवर्धन हेतु प्रेरित करने के साथ ही वनों, वन्य प्राणियों, पक्षियो, वेटलैण्ड सहित समस्त प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिषा में किये गये अपने प्रयासों के आत्मावलोकन का भी अवसर उपलब्ध करवाते है। उन्होंने कहा कि हमारे देष में वेटलैण्ड संरक्षण कोई नया विचार नही है, हमारे पूर्वजों ने प्राणि मात्र के कल्याण के लिए इन प्राकृतिक संसाधनों का महत्व समझते हुए इनके संरक्षण व संवर्धन को धर्म, परम्परा, संस्कृति एवं दिनचर्या का अभिन्न व अनिवार्य अंग बनाया।

ये विचार श्री चैहान ने आज षहीद चन्द्र षेखर आजाद पक्षी विहार नवाबगंज, उन्नाव में उ0प्र0 वन विभाग व वन निगम द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय बर्ड फेस्टिवल कार्यक्रम के षुभारम्भ अवसर पर व्यक्त किये।

 पारिस्थितिकी तंत्र में वेटलैण्ड्स की भूमिका व महत्व का उल्लेख करते हुये श्री चैहान ने प्रदेषवासियों का आह्वान किया कि वे इस धरती में जीवन बनाए व बचाए रखने के लिए वेटलैण्ड संरक्षण में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि बर्ड वाचिंग महत्वपूर्ण ईको पर्यटन गतिविधि मनोरंजन का साधन व पक्षियों के संरक्षण का सषक्त माध्यम होने के साथ ही पक्षियों के व्यवहार, घोसलों की जानकारी, जीवन चक्र, प्राकृतवास एवं हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में पक्षियों की भूमिका का ज्ञान प्राप्त करने में भी सहायक है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेष में वन अपराधों में लिप्त असामाजिक व अवांछित तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही कर वन अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण किया है।

वर्श 2018 में एक दिन में 9 करोड़ पौध रोपित किये जाने की ऐतिहासिक उपलब्धि अर्जित करने पर बधाई देते हुये वन मंत्री ने कहा कि आगामी वर्शाकाल में कृशकों को मांग के अनुरूप पौध उपलब्ध करवाकर आगामी वर्शाकाल में प्रत्येक प्रदेषवासी की सक्रिय सहभागिता से प्रदेष में 22 करोड़ पौध रोपित कर कीर्तिमान स्थापित किया जायेगा।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं हेड आॅफ फारेस्ट फोर्स उ0प्र0 श्री पवन कुमार ने अभ्यागतों का स्वागत करते हुये कहा कि प्रत्येक वर्श 2 फरवरी, विष्व वेटलैण्ड दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा प्रदेष में वर्श 2015 से प्रत्येक वर्श बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है उन्होंने कहा कि भू व जल क्षेत्र का मिलन स्थल होने के कारण वेटलैण्ड में वन्य प्राणि प्रजातियों व वनस्पतियों की प्रचुरता होने से वेटलैण्ड्स विषिश्ट प्रकार का समृद्व पारिस्थितिकी तंत्र तथा जैवविविधता का महत्वपूर्ण अंग है। श्री पवन कुमार ने कहा कि पक्षी विषेशज्ञों द्वारा की गई बर्ड रिगिंग से पक्षी के चिन्हीकरण, गतिविधि, जीवनचक्र, प्रवास, भोजन व्यवहार, क्षेत्र भ्रमण आदि की नियमित जानकारी प्राप्त होने से पक्षियों के वैज्ञानिक अध्ययन व प्रबन्धन में सहायता मिलेगी।

इस अवसर पर वन मंत्री ने  द्वारा म्जमतदंस ब्ंसमदकंत एवं ठपतक ळनपकम ठववा का विमोचन, चित्र प्रदर्षनी एवं एक जनपद एक उत्पाद ;व्क्व्च्द्ध व अन्य स्टालों का अवलोकन किया गया। मुख्य अतिथि के समक्ष बर्ड रिंगिग कार्यक्रम का प्रदर्षन किया गया। मुख्य अतिथि ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं, विद्यार्थियों एवं कलाकारों को पुरस्कृत किया।

तकनीकी सत्र में सिक्किम की सुश्री उशा लाछुगप्पा, उत्तराखण्ड में कार्यरत भारतीय वन सेवा के वरिश्ठ अधिकारी व पक्षी विषेशज्ञ श्री धनन्जय मोहन एवं बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के श्री रजत भार्गव, श्री एस0 पी0 बालाचन्द्रन, श्री मनोज कुमार साहनी, श्री पोलायन मुरूगेषन तथा श्री सरस कुमार बेहड़ा द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया।

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