उत्तराखंड समाचार

उपनल कर्मचारीयो का हल्द्वानी में अपनी मांगों के लेकर धरना प्रदर्शन

दि0 6 सितम्बर को उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के तहत 22000 उपनल कर्मियों द्वारा प्रेदश भर में 2 दिनी कार्य बहिष्कार शुरू किया गया। कार्य बहिष्कार का मुख्य कारण सरकार द्वारा उपनल कर्मियो का लगातार शोषण किया जा रहा है। बार बार उन्हें आस्वासन देकर गुमराह किया जा रहा है। उपनल कर्मी विगत 15 वर्षों से पूर्ण निष्ठा से प्रदेश के समस्त विभागों में पूर्ण निष्ठा से अपने कार्य दायित्व का निर्वहन करते आ रहे है। लेकिन सरकार द्वारा कर्मियों को हमेशा अनदेखा किया। वर्ष 2018 में उपनल कर्मियों के पक्ष में उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा समान कार्य समान पे एव नियमितीकरण का आदेश दिया। जिसका सरकार द्वारा तानाशाही रुख अपनाते हुए कोर्ट के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में एस0 एल0 पी0 दायर कर दी। उपनल कर्मीयो द्वारा अपना अधिकार एव कोर्ट के निर्णय को लागू करने हेतु लगातार 56 दिन तक देहरादून में कार्य बहिष्कार किया जिसके उपरांत सरकार के 2 कैबीनेट मंत्री सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी जी एव श्रम मंत्री हरक सिंह रावत जी धरना स्थल आकर 22000 उपनल कर्मीयो को आस्वस्त करते है कि आगामी कैबीनेट में आपकी मॉग पूर्ण की जाएगी। जिसके बाद उपनल संघ द्वारा धरना स्थगित कर दिया जाता है। उसके उपरांत वर्तमान मुख्यमंत्री जी द्वारा उपनल कर्मियों हेतु कैबीनेट की सब कमेटी का गठन किया गया। कैबीनेट सब कमेटी की रिपोर्ट तैयार होने के उपरांत भी उपनल कर्मीयो के लिए बनाई गई रिपोर्ट कैबीनेट में ही नही आ पाती है। लगातार मंत्रियों एव मुख्यमंत्री जी द्वारा उपनल संघ को सिर्फ आस्वासन ही दिए जा रहे है। जिससे खिन्न होकर कार्मिकों को मजबूर होकर सरकार के विरुद्ध रोड में उतरना पड़ रहा है। साथ ही जब वर्तमान मुख्यमंत्री जी विधायक थे तब वे उपनल कर्मीयो की मांग लेकर मुख्य सचिव महोदय से मिलकर उपनल कर्मीयो को नियमित करने की मांग उनके द्वारा की गई थी, वर्तमान में पुष्कर सिंह धामी जी मुख्यमंत्री बन गए तो अब उपनल को भूल गए है। 22000 उपनल कर्मियों को अगर मांगे उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्णय समान कार्य समान पे एव नियमतिकरण तत्काल लागू नही की गई तो आगामी चुनाव में सरकार को बहुत बड़ा झटका उपनल कर्मीयो द्वारा दिया जाएगा।

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